सांस लेना भी हानिकारक है? जानें दिल्ली से लखनऊ तक बिना सिगरेट के भी लोग कर रहे कितनी स्मोकिंग

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे NCR में प्रदूषण की वजह से धुंध की चादर लिपटी हुई है. आलम ऐसा है कि दिल्ली के कई इलाकों में AQI 500 के भी पार हो गया है. इसने रोकने की कवायदें भी जारी हैं. CAQM ने GRAP-4 लागू कर दिया है और लगभग NCR के सभी जिलों में स्कूलों को भी बंद किया जा चुके हैं. इस हवा की गुणवत्ता की तुलना अगर धूम्रपान करने वाले व्यक्ति से की जाए तो दिल्ली की हवा में सांस लेने वाले व्यक्ति औसतन 22.2 सिगरेट के बराबर धुआं अपने अंदर ले रहे हैं.

यानी अगर आप दिल्ली की हवा में सांस ले रहे हैं तो आपके फेंफड़ों को उतना ही नुकसान पहुंच रहा है जितना एक दिन में 23 सिगरेट पीने वाले व्यक्ति को होता है. राजधानी दिल्ली का औसत AQI 489 है. ये तो हुई राजधानी दिल्ली की बात, इसके अलावा अन्य शहरों के आंकड़े पर भी नजर डालें तो चंडीगढ़ का AQI 241 है. यह इतना खतरनाक है जितना कि एक दिन में 11 सिगरेट पीना.

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अन शहरों की हवा भी जहरीली

वहीं जयपुर की हवा में सांस लेने वाले लोग 10.9 सिगरेट के बराबर धुआं अपने अंदर लेते हैं. MP की राजधानी भोपाल में 10.6 सिगरेट के बराबर, मुंबई में 4 सिगरेट के बराबर हवा जहरीली है. इसके अलावा लखनऊ में 12.4 सिगरेट के बराबर, पटना में 14.1 सिगरेट के बराबर, कोलकाता में 9.2 सिगरेट के बराबर, भुवनेश्वर में 6.7 सिगरेट के बराबर और चेन्नई में 12.1 सिगरेट के बराबर हवा जहरीली है.

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हवा में जहर या जहर में हवा!

हवा तो लगभग हर राजधानी की जहरीली है, इनमें भी दिल्ली वालों पर जोखिम सबसे ज्यादा है. राजधानी दिल्ली में यह समस्या हर साल देखने को मिलती है. सितंबर के बाद से हवा की क्वालिटी बिगड़नी शुरू हो जाती है. और फिर जब सर्दियां शुरू होती हैं तब तो सांस लेना भी मुश्किल होता है. आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में सिर्फ एक दिन ही ऐसा था, जब AQI का स्तर 50 से कम था. जबकि, AQI का स्तर 60 दिन 'संतोषजनक', 145 दिन 'मध्यम', 77 दिन 'खराब', 67 दिन 'बहुत खराब' और 15 दिन 'गंभीर' की श्रेणी में था.

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कृत्रिम बारिश से मिलेगी राहत?

प्रदूषण के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए राजधानी दिल्ली की AAP सरकार कृत्रिम बारिश के विकल्प पर भी विचार कर रह रही है. प्लान के मुताबिक दिल्ली की सरकार नकली बादलों के जरिए असली बारिश कराएगी. इसकी तैयारी भी हो चुकी है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी है. राय ने चिट्ठी में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में है और इससे निपटने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की जरूरत है.

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सरकारों ने क्या कदम उठाए?

दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है. अब एमसीडी के दफ्तरों में सुबह 8:30 से लेकर शाम 5:00 बजे तक काम होगा. वहीं दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम के 6:30 तक काम करेंगे. बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण के मद्देनजर दफ्तरों को अलग-अलग समय खोलने और बंद करने का फैसला लिया गया है.

delhi ki saanso par sankat

ग्रैप-4 में लगाई गई हैं ये पाबंदियां

1. दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद (सिर्फ जरूरी सामान ले जाने वाले/जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर). हालांकि, सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएस-VI डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी.

2. ईवीएस/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड लाइट कमर्शियल व्हीकल (जरूरी सामान या सर्विस में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को छोड़कर) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं.

3. दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-IV और उससे नीचे के डीजल से चलने वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) और हैवी गुड्स व्हीकल (एचजीवीएस) के चलने पर सख्त प्रतिबंध. हालांकि, इससे जरूरी सामान या सर्विस में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को छूट दी गई है.

4. ग्रैप-3 की तरह ही हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, टेली कम्युनिकेशन जैसे पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए भी कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट गतिविधियों पर प्रतिबंध.

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5. NCR की राज्य सरकारें और GNCTD क्लास-VI, IX और कक्षा XI तक की फिजिकल क्लासेस बंद करने और ऑनलाइन मोड में क्लास लगाने का फैसला ले सकती हैं.

6. एनसीआर की राज्य सरकारें/GNCTD सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी दफ्तरों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर फैसला लिया जा सकता है.

7. केंद्र सरकार के दफ्तरों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लिया जा सकता है.

8. राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं. जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, गैर-आपातकालीन कमर्शियल एक्टिविटी को बंद करना, रिजस्टर्ड संख्या के आधार पर वाहनों को ऑड-ईवन के आधार पर चलाने की अनुमति देना.

9. नागरिकों से अपील की जा सकती है कि वे नागरिक चार्टर का पालन करें. ग्रैप-I, ग्रैप-II और ग्रैप-III के नागरिक चार्टर के अलावा, इलाके में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और सुधारने के लिए कार्यान्वयन में सहायता करें.

10. बच्चों, हार्ट और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों, दिमाग से जुड़े या किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे लोगों को बाहरी निकलने से बचने की सलाह दी जा सकती है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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