झारखंड का दूसरा चरण, महाराष्ट्र की सभी सीटों पर वोटिंग, यूपी का उपचुनाव, I.N.D.I.A बनाम NDA की लड़ाई आज

नई दिल्ली: झारखंड के दूसरे चरण और महाराष्ट्र के इकलौते चरण की वोटिंग बुधवार को होनी है। इसके अलावा, यूपी व उत्तराखंड जैसे राज्यों में उपचुनाव के लिए भी वोट पड़ेंगे। झारखंड में जहां इंडिया गठबंधन के सामने अपना किला बचाने की चुनौती है तो वहीं महार

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नई दिल्ली: झारखंड के दूसरे चरण और महाराष्ट्र के इकलौते चरण की वोटिंग बुधवार को होनी है। इसके अलावा, यूपी व उत्तराखंड जैसे राज्यों में उपचुनाव के लिए भी वोट पड़ेंगे। झारखंड में जहां इंडिया गठबंधन के सामने अपना किला बचाने की चुनौती है तो वहीं महाराष्ट्र में एनडीए के खेमे वाली महायुति गठबंधन अपनी सरकार की वापसी के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। झारखंड की 81 सीटों वाली असेंबली के लिए दूसरे चरण में 38 सीटों पर वोटिंग होगी तो वहीं महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए बुधवार को वोटिंग होगी। इसी के साथ यूपी की नौ विधानसभा सीटों व उत्तराखंड की एक सीट के लिए चुनाव होना है।

झारखंड में जेएमएम-बीजेपी के बीच सत्ता पाने की लड़ाई

झारखंड के दूसरे चरण में जिन 38 सीटों पर मतदान होना है, उनमें कोयलांचल के अलावा संथाल परगना अहम है। संथाल परगना के छह जिलों में कुल 18 सीटें आती हैं। झारखंड के लिए कहा जाता है कि संथाल जीतने वाला राज करता है। इसलिए बीजेपी नीत एनडीए व कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन के बीच इस इलाके में जबरदस्त टक्कर दिख रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में इनमें से नौ सीटें जेएमएम ने जीती थीं, जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने चार-चार सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी कोशिश इस बार 2014 के असेंबली चुनाव के नतीजे दोहराने का इरादा है। जब उसने यहां से सात सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी। संथाल परगना इलाके में लगभग 28 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। बीजेपी व जेएमए दोनों की नजरें इस पर लगी हुई हैं। वहीं कोयलांचल की 16 सीटों पर भी वोटिंग होनी है।

बीजेपी और इंडिया गठबंधन में कड़ी टक्कर

कोयलांचल के बोकारो, धनबाद व गिरिडीह जिलों में बीजेपी की पकड़ मजबूत मानी जाती है। कांग्रेस का आधार भी रहा है। दूसरे चरण में झारखंड की राजनीति में सबसे अहम राजनीतिक परिवार माने जाने वाले सोरेन परिवार के चार सदस्यों की किस्मत का फैसला होगा, इनमें से तीन सदस्य संथाल इलाके से और एक कोयलाचंल से मुकाबले में है। संथाल इलाके की बरहेट सीट से जेएमएम नेता व सीएम हेमंत सोरेन, उनके छोटे भाई बसंत सोरेन दुमका से व हेमंत की भाभी सीता सोरेन बीजेपी के टिकट पर जामताड़ा से मैदान में हैं तो वहीं हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन कोयलांचल की गिरिडीह जिले की गांडेय सीट से मुकाबले में हैं। जबकि गिरिडीह जिले की राजधनवार सीट से पूर्व सीएम व बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी मैदान में हैं। वहीं प्रदेश की राजनीति में एक नया चेहरा जयराम महतो की किस्मत का फैसला भी दूसरे चरण में होगा, वह अपनी पार्टी जेकेएलएम से बाेकारो की बेरमो व गिरिडीह की डुमरी सीट से मैदान में हैं।

मुकाबला आमने-सामने का

इस चुनाव में जहां जेएमएम मइया सम्मान योजना को आगे कर व झारखंड राज्य के प्रति केंद्र सरकार की नीतियों को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरी है। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी राज्य में जेएमएम सरकार में भ्रष्टाचार, संथाल परगना में अवैध घुसपैठ व आदिवासी अस्मिता के मुद्दा बनाकर अपने अभियान को आगे बढ़ाती दिखी। इस चुनाव में दो चेहरों में जमीन पर खासी लोकप्रियता बटोरी। इनमें कल्पना सोरेन व जयराम महतो का नाम लिया जा सकता है। जहां महिलाओं में कल्पना का क्रेज दिखा तो वहीं यूथ में जयराम को लेकर दीवानगी देखी गई। झारखंड को जीतने के लिए बीजेपी ने अपना पूरा जोर लगा दिया। पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह व राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेता बीजेपी के लिए वोट मांगते दिखे। कुछ सीटों को छोड़ दें तो मुकाबला आमने-सामने का है। यहां जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी व लेफ्ट साथ हैं तो वहीं एनडीए खेमे में बीजेपी आजसू के साथ चुनाव लड़ रही है।

महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी बनाम महायुति की टक्कर

महाराष्ट्र के चुनाव में भले ही दो गठबंधन टकरा रहे हों, लेकिन लड़ाई यहां बीजेपी व कांग्रेस के अलावा चार क्षेत्रीय दलों के बीच भी है। राज्य का यह चुनाव सिर्फ महाविकास आघाड़ी व महायुति के बीच सत्ता का संघर्ष ही नहीं, बल्कि शिवसेना व एनसीपी जैसे दलों के दोफाड़ के बाद हुए दोनों धड़ों के बीच असली व विश्वसनीयता की लड़ाई भी है। आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी व एनसीपी-एसपी है तो वहीं महायुति में बीजेपी के साथ शिंदे शिवसेना व एनसीपी अजीत पवार गुट है। इस चुनाव में अपने अपने खेमे से दोनों राष्ट्रीय दल बीजेपी व कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ रहे हैं। इनमें जहां बीजेपी 149, शिवसेना-शिंदे 81 व अजीत पवार की एनसीपी 59 सीटों पर मैदान में है ताे आघाड़ी की ओर से कांग्रेस 101 सीटों, उद्धव ठाकरे की शिवसेना 95 और शरद पवार की शिवसेना 86 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को महाराष्ट्र में खासी सफलता मिली थी, जब उसने प्रदेश की 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीती थीं। आघाड़ी असेंबली चुनावों में भी वहीं जीत दोहराने का दावा कर रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी व महायुति ने हार से सबक लेते हुए महाराष्ट्र में पूरी ताकत झोंक दी। मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में महिलाओं को दी जाने वाली सहायता राशि से प्रेरणा लेते हुए शिंदे सरकार ने राज्य में लाडकी बहिन योजना की शुरुआत की, जिसे ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिला है। इसके अलावा, बीजेपी ने बंटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं जैसे नारों के जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की तो वहीं अजीत पवार जैसे सहयोगी इस नारे से दूरी बनाते दिखे। दूसरी ओर कांग्रेस व उसके सहयोगी दल ने जातिगत जनगणना, किसानों के मुद्दे, सामाजिक न्याय व संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर फोकस करते हुए महायुति सरकार को घेरा।

कई अहम चेहरे मैदान में

इस चुनाव में मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस व अजीत पवार, उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले जैसे अहम चेहरे मैदान में हैं। एकनाथ शिंदे को घेरने के लिए उद्धव ठाकरे ने शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के भतीते केदार दिघे को ठाणे में उतारा है तो देवेंद्र फणनवीस को नागपुर दक्षिण पश्चिम में घेरने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी के एक पूर्व नेता के बेटे प्रफुल्ल गुडाधे को उतारा है, जबकि अजीत पवार को बारामती में एनसीपी-एससी के टिकट पर उनके अपने भतीजे युग्रेंद्र पवार से चुनौती मिल रही है। जबकि आदित्य ठाकरे को वर्ली में घेरने के लिए एकनाथ शिंदे ने मिलिंद देवड़ा को उतारा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इस बार बड़े पैमाने पर राजनीतिक दलों के बागी बतौर निर्दलीय अपनों को ही चुनौती दे रहे हैं। लगभग 150 सीटों पर बागी उम्मीदवार अपनों की नींद उड़ा रहे हैं।

यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव

लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा। उपचुनाव में मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच माना जा रहा है। वहीं बीएसपी भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। यूपी की जिन 9 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है उनमें कटेहरी (आंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। इनमें से आठ सीट मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में मौजूदा सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उपचुनाव हो रहा है।

उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। वहीं, सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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