उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले (Bahraich) में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है. रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स के जवान यहां देर रात से ही ड्यूटी पर लगा दिए गए हैं. सुबह नमाज के वक्त काफी भीड़ हो सकती है. इसी को लेकर फोर्स बढ़ा दी गई है. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों को 9 सेक्टर में बांटा गया है, जहां पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात हैं. आज जुम्मे की नमाज के कारण बहराइच में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.
मुख्यमंत्री कार्यालय पुलिस और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में है. इसके लिए यहां एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. वीडियो फुटेज के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. पुलिस ने इस पूरे मामले में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.डीएम मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बहराइच के हिंसा प्रभावित क्षेत्र महाराजगंज में रूट मार्च किया.
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इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महाराजगंज और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है. इसके अलावा पुलिस कर्मियों द्वारा बनाए गए वीडियो से भी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. जिलाधिकारी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस पूरी तरह से तैनात है.मुख्यमंत्रीकार्यालय से पुलिस औरजिला प्रशासन के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ली जा रही है.
बहराइच में कब और कैसे हुई हिंसा?
बता दें कि बीते रविवार की शाम करीब छह बजे बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव का रहने वाला 22 साल का रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस में आगे-आगे चल रहा था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई.
देखते ही देखते ये कहासुनी बवाल में बदल गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस बीच जो गोलीबारी हुई, उसमें रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे बहराइच मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उसने दम तोड दिया. रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल और अधिक उग्र हो गया.
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