हर घर से मौत, गांव-गांव में मातम, जो बचे उनकी आंखों की गई रोशनी... बिहार शराब कांड पर ग्राउंड रिपोर्ट

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बिहार (Bihar) में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा 20 के पार जा चुका है. आजतक की टीम गुरुवार को सीवान जिले के खेरवा इलाके में पहुंची जहां पर शराब के सेवन से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है. सीवान प्रशासन ने 20 लोगों के मौत की पुष्टि की है. हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि मौत का आंकड़ा इससे 30 से ज्यादा है. जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को खेरवा इलाके में जहरीली शराब का सेवन करने से आस-पास के गांव में लोगों की तबीयत बिगड़ता शुरू हुई थी. पीड़ित लोगों को सीवान, छपरा और पटना के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां पर कई लोगों की मौत हो गई है.

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जहरीली शराब के सेवन से 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, कई की हालत से बेहद गंभीर बनी हुई है. आशंका जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है. कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है और कई को उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत है.

घर-घर पसरा मातम

आजतक की टीम जब खेरवा गांव पहुंची तो पाया कि गांव के मुसहरी टोला में करीब हर घर में मातम पसरा है और हर घर से एक लाश अंतिम संस्कार के लिए जा रही है. मुसहरी टोला में दो महिलाओं का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था और दो पुरुषों का शव उनके आवास पर अस्पताल से पहुंचा था, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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मृतक के परिवार वालों ने कुबूल किया कि मरने वाले शख्स ने मंगलवार की शाम शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी. इसके बाद जब अस्पताल ले जाया गया तो इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. स्थानीय लोगों के साथ-साथ विपक्ष ने भी सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि पुलिस की देख-रेख में इलाके में जहरीली शराब का धंधा फल-फूल रहा था.

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'इन हत्याओं का दोषी कौन?'

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मामले पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, "सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब की वजह से 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है. दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई. बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है."

उन्होंने आगे कहा कि इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की. जहरीली शराब और अपराध से हर रोज सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि कितने भी लोग मारे जाएं, मजाल है किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो? इसके उलट उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे और नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है, तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या मुख्यमंत्री ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने और सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?

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CM नीतीश ने दिया जांच का आदेश

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण में हुए जहरीली शराब कांड की समीक्षा की. सीएम ने निर्देश दिया है कि अधिकारी घटनास्थल पर जाकर स्थिति की पूरी जानकारी लेकर जांच शुरू करें. उन्होंने शराब कांड में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. पुलिस महानिदेशक को भी दिए जांच के आदेश दिया गया है. सीएम ने बिहार के लोगों से अपील की है कि शराब पीना बुरी बात है और राज्य में शराबबंदी लागू है, इसका सभी लोग पालन करें.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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