पेपर लीक हंगामे के बीच UPSC का बड़ा कदम, फिंगरप्रिंट से होगी पहचान, AI तकनीक वाले कैमरों से होगी निगरानी

4 1 39
Read Time5 Minute, 17 Second

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा प्रक्रिया भी सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों के बीच आयोग अब उम्मीदवारों के लिए अत्याधुनिक आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और चेहरे की पहचान (Facial Recognition) को शामिल करने की योजना बना रहा है.

इसके अलावा, अतिरिक्त उपायों में ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग और एआई-संचालित लाइव सीसीटीवी वीडियो निगरानी शामिल है. इन तकनीकों का उद्देश्य परीक्षाओं के दौरान धोखाधड़ी, जालसाजी, अनुचित साधनों और धोखाधड़ी को रोकना है.

शुद्धिपत्र में संशोधन

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), जिसका मुख्यालय धौलपुर हाउस, शाहजहां रोड, नई दिल्ली में है, ने टेंडर आईडी: 2024_UPSC_811181_1 के तहत अपने टेंडर संदर्भ संख्या: 2/6/2022-जी.II के लिए 09.07.2024 को एक अहम शुद्धिपत्र जारी किया है. इस टेंडर, जिसका शीर्षक "आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (अन्यथा डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान, ई-प्रवेश पत्रों की क्यूआर कोड स्कैनिंग और लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी निगरानी के लिए निविदा" है, में संशोधन किया गया है.

ये भी पढ़ें:क्या UPSC किसी IAS की नौकरी खत्म कर सकता है? जानिए- कौन ले सकता है पूजा खेडकर पर एक्शन

Advertisement

मुख्य संशोधन

मौजूदा प्रावधान- जो भी बोली लगा रहा है उसके पास एक लाभ कमाने वाली कंपनी या फर्म होनी चाहिए, जिसका पिछले तीन वित्तीय वर्षों, यानी 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के दौरान परीक्षा-आधारित परियोजनाओं से कम से कम 100 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक कारोबार हो.

संशोधित प्रावधान:- बोलीदाता के पास एक लाभ कमाने वाली कंपनी होनी चाहिए, जिसका निर्दिष्ट वित्तीय वर्षों के लिए परीक्षा-आधारित परियोजनाओं से वार्षिक कारोबार कम से कम 100 करोड़ रुपये का हो.

अन्य नियम और शर्तें
नए निमय: सर्विस प्रोवाइड आदेश को निष्पादित करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा और अपने कर्मचारियों या अपनी सूचीबद्ध एजेंसियों के आचरण के लिए भी पूरी तरह से जिम्मेदार होगा.

ये भी पढ़ें:UPSC में दिव्यांग कोटे पर सीनियर IAS के पोस्ट पर क्यों मचा बवाल?

बोलियों के लिए आमंत्रण
अनुभवी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSU) को UPSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं के दौरान उपर्युक्त सेवाएंप्रदान करने के लिए CPP पोर्टल के माध्यम से अपनी बोलियां प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके दायरे में शामिल हैं:
1. उम्मीदवारों के आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण/डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग और चेहरे की पहचान.
2. ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग.
3. लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवाएं.

यूपीएससी का कहना है कि इस संशोधन का उद्देश्य परीक्षा की अखंडता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना है और सभी उम्मीदवारों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है.

TOPICS:

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

पेट्रोल-डीजल के बाद पंजाब में बसों के किराये में बड़ा इजाफा, 100 KM की यात्रा 46 रुपये तक हुई महंगी

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now