दिल्ली में होगी 701 नर्सों और 762 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, LG ने दी मंजूरी

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दिल्ली के सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने 1,463 स्वास्थ्य पेशेवरों की भर्ती को मंजूरी दे दी है. इस भर्ती में 701 नर्सों और 762 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल होंगे. इस निर्णय का उद्देश्य दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को दूर करना है, ताकि रोगी देखभाल में सुधार हो और मौजूदा स्टाफ पर दबाव कम हो सके.

रिक्तियों को भरने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों की मदद

यह भर्ती आईसीएसआईएल, एनआईसीएसआई, बीईसीआईएल और एचएलएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से की जाएगी, जिससे अस्पतालों को लचीले भर्ती नियमों के तहत रिक्त पदों को भरने में आसानी होगी. इस कदम के तहत आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा. दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा फरवरी 2024 में जारी निर्देशों के बाद यह निर्णय लिया गया.

स्वास्थ्य सेवा सुधार की दिशा में न्यायालय का निर्देश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 फरवरी, 2024 को डब्ल्यूपीसी संख्या 8548/2017 के तहत दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे सुधारने के लिए जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली) सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी. न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में आवश्यक निवेश और संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया था ताकि शहर की बढ़ती आबादी की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. इसमें यह भी कहा गया कि दोष केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर, लंबे समय से चली आ रही व्यवस्थित उपेक्षा को कम किया जाए.

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विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें और एलजी का अनुमोदन

उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद डॉ. एसके सरीन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी.इस समिति ने शहर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को प्रमुख बाधा माना और इसे दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मचारियों की तत्काल भर्ती की सिफारिश की. समिति ने यह भी सुझाव दिया कि इस भर्ती अभियान से अस्पतालों में सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलेगी.

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

एलजी वीके सक्सेना द्वारा इस भर्ती अभियान को मंजूरी देना दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में एक अहम सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा स्वास्थ्य कर्मियों पर काम का बोझ कम होगा, मरीजों के इंतजार का समय घटेगा और रोगी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा. पर्याप्त स्टाफिंग से अस्पतालों के सुचारू संचालन और रोगियों के उपचार के परिणामों में भी सकारात्मक सुधार की उम्मीद है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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