राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम-फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
मेट्रो कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए फरीदाबाद-पलवल, बहादुरगढ़-आसौदा, गुरुग्राम के सेक्टर-56 से पंचगांव, गुरुग्राम के सेक्टर-9 व दिल्ली के ढांसा स्टैंड से एम्स बाढसा, गुरुग्राम के पालम विहार को एयरपोर्ट लाइन से दो रूटस पर जोड़ने पर भी अध्ययन किया जाएगा।
सीएम नायब सैनी ने मनोहर लाल से की मुलाकात
केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले के मंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal ) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में मेट्रो के विस्तारीकरण और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से जुड़ी परियोजनाओं पर मंथन किया गया।
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बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेट्रो रेल और आरआरटीएस जैसी सुविधाएं देने के लिए डबल इंजन की सरकार (हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार) लगातार प्रयासरत हैं।
दिल्ली से करनाल तक चलेगी रैपिड मेट्रो
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने कहा कि बैठक में दिल्ली के सराय कालेखां से करनाल तक आरआरटीएस (रैपिड मेट्रो), गुरुग्राम से बाढसा के एम्स तक मेट्रो लाइन को जोड़ने पर चर्चा की गई है।
मेट्रो को गुरुग्राम के पालम विहार से एयरपोर्ट को जोड़ने पर अध्ययन किया जाएगा और दो अलग-अलग लाइनें बिछाने पर भी संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
बता दें कि अगर दिल्ली से करनाल तक रैपिड मेट्रो चालू होने से प्रदेश के लोगों को काफी ज्यादा राहत मिलेगी। इतना ही नहीं प्रदेश के लोगों को राजधानी दिल्ली आने-जाने में ज्यादा सुगमता होगी।
क्या बोले मनोहर लाल?
सराय कालेखां से धारूहेडा तक जाने वाली आरआरटीएस को बावल व राजस्थान के शाहजहांपुर तक चालू करने पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले के मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच मेट्रो रेल लाइन की व्यवर्हारता नहीं बन रही थी। इसलिए अब यहां पर आरआरटीएस को क्रियान्वित करने के लिए अध्ययन करवाया जाएगा।
दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से गुरुग्राम, फरीदाबाद होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक लाइन बिछाने के लिए अध्ययन होगा। गुरुग्राम के सेक्टर-56 से पंचगांव तक की प्रस्तावित मेट्रो लाइन को बिछाने का खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और इसकी परियोजना की डीपीआर प्राप्त होने के बाद मंजूरी केंद्रीय मंत्रालय द्वारा 15 दिन के भीतर दे दी जाएगी।
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