6 अटेंम्प्ट, 5 इंटरव्यू...फिर ऐसे निकाला UPSC, प्रेरणादायक है इस IFS अफसर की सक्सेस स्टोरी

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वो कहते हैं न कि मुश्क‍िल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए, IFS अम‍ित गेमावत की यूपीएससी जर्नी भी इसी जज्बे की कहानी है. 2020 बैच के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी अमित गेमावत की प्रेरणादायक कहानी यूपीएससी के उन तमाम एस्प‍िरेंट्स के लिए नजीर है जो एक या दो अटेंप्ट के बाद ही हार मान लेते हैं. इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई और फिर वहीं टीचिंग के दौरान उनके मन में जगा यूपीएससी क्ल‍ियर करने का सपना सच हो गया है, इसके पीछे उनके क्या प्रयास रहे, आइए यहां जानते हैं.

अमि‍त ने यूपीएससी की अपनी जर्नी में 6 अटेंप्ट दिए. इसके लिए वो कई बार प्रील‍िम्स एग्जाम में सफल हुए. पांच बार मेंस क्ल‍ियर करके इंटरव्यू दिया. लेकिन कभी भी हार के सामने हौसले को झुकने नहीं दिया. उनके इसी जज्बे से प्रेरित होकर उनके अपने छोटे भाई श‍िश‍िर ने भी यूपीएससी क्ल‍ियर किया और वो IAS सर्व‍िस के लिए चयनित हुए. एक वेबसाइट के साथ बातचीत में अम‍ित गेमावत ने अपनी जर्नी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने इस पूरे सफर में हौसले से काम करते हुए सफलता हासिल की.

राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले अम‍ित के पिता क्र‍िमिनल लायर थे. पिता को अफसरों से बातचीत में ही उन्हें प्रेरणा मिली थी. जोधपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अमित ने 2011 में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.टेक की डिग्री हासिल की. सिविल सेवा में अमित की यात्रा 2013 में शुरू हुई. उन्होंने अपने ही इंजीनियरिंग कॉलेज जहां से पढ़ाई की थी, वहीं गेस्ट टीचर के तौर पर भी काम किया.

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फिर साल 2014 से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का सफर शुरू कर दिया. 2014 में अपने पहले प्रयास में वो प्रीलिम्स में सफल हुए लेकिन मेंस रह गया. लेकिन फिर उन्होंने अपनी गलतियों को समझा और इसके बाद एक के बाद एक पांच अटेंप्ट दिए. फिर सभी मेंस एग्जाम निकाले और पांच इंटरव्यू भी दिए. मगर, सफलता तो शायद अपने तय वक्त और पूरी तैयारी के बाद ही मिलती है. वही हुआ भी और छठे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की. अम‍ित ने बताया कि उन्होंने छह प्रयास पूरे किए, प्रीलिम्स सभी में निकाल दिया. फिर मेंस के पांच बार एग्जाम पास क‍िए. फिर इनमें से चार साक्षात्कार UPSC CSE के लिए दिए और एक IFS के लिए था, जिसे उन्होंने आख‍िरकार पास कर लिया. जिससे उन्हें अंतिम सूची में स्थान मिला.

इस बीच, 2017 में, उन्होंने राजस्थान राज्य सिविल सेवा परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की और 2019 तक राजस्थान सरकार के लिए एक लेखा अधिकारी के रूप में काम भी किया था. 2017 तक अमित ने केवल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन 2018 में उन्होंने भारतीय वन सेवा (आईएफएस) परीक्षा की भी तैयारी शुरू कर दी, जिसे उन्होंने अंततः पास भी कर लिया. 2019 में, अमित ने यूपीएससी आईएफएस परीक्षा में 67वीं रैंक हासिल करके अपना प्राथमिक लक्ष्य हासिल किया. इसके अलावा, उन्हें यूपीएससी सीएसई में AIR 672 के साथ दिल्ली अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पुलिस सेवा (DANIPS) के लिए चुना गया.

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उनकी यात्रा ने उनके भाई शिशिर गेमावत को भी सिविल सेवा में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया और वो अब एमपी कैडर से आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 2017 में अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास की थी. इंडियन मास्टरमाइंड्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस जर्नी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन कुल मिलाकर, यह एक दिलचस्प अनुभव था जिसने मेरे जीवन में बहुत कुछ जोड़ा. मेरा ज्ञान बढ़ा और मेरा दृष्टिकोण व्यापक हुआ. मैंने इस यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखा है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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