धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। पहली अक्टूबर से धान की खरीद शुरु करवाते सरकार ने दावा किया था कि किसानों को समय पर भुगतान किया जाएगा। खरीद केंद्रों में पुख्ता प्रबंधों का भी दम भरा गया था। जो झूठा साबित हो रहा है। जिला तरनतारन के खरीद केंद्रों में धान और बासमती के अंबार लग रहे हैं, परंतु शैलर मालिकों व सरकार के बीच फंसे पेच के चलते फसल की खरीद नहीं हो रही। किसान कई सपने लेकर अनाज मंडियों में फसल लेकर आ रहे हैं, परंतु यहां पर चारपाई लगानी पड़ रही है।
जिले में बनाए गए हैं 62 खरीद केंद्र
सरकार की ओर से जिले भर में 62 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। सोमवार की शाम तक इन खरीद केंद्रों में नौ लाख 27 हजार 611 मीट्रिक टन धान और बासमती की आमद हुई है। जबकि एक लाख 95 हजार 56 मीट्रिक टन की खरीद हुई है। लिफ्टिंग की बात करें तो एक लाख पांच हजार 338 मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग हो पाई है। जो 30.90 फीसदी बनता है। 48 घंटे में भुगतान के मामले में भी सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सोमवार की शाम तक 249.02 करोड़ का भुगतान हुआ है।
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