हम काम के आधार पर मांग रहे वोट, उनके पास नहीं कोई विजन... पढ़िए दिल्ली की सीएम आतिशी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में भले ही अरविंद केजरीवाल सीएम पद का चेहरा हों, लेकिन इस वक्त मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ही हैं। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आतिशी मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि आतिशी को मुख्यमंत्री बने अधिक वक्त नहीं बीता, लेकिन

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में भले ही अरविंद केजरीवाल सीएम पद का चेहरा हों, लेकिन इस वक्त मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ही हैं। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आतिशी मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि आतिशी को मुख्यमंत्री बने अधिक वक्त नहीं बीता, लेकिन इस दौरान उन्होंने क्या किया? पूरे किए गए अपने वादों को तो पार्टी लगातार बता रही है लेकिन कौन से वादे उन्होंने पूरे नहीं किए? इस बार पार्टी को कांग्रेस से कितना खतरा है ? ऐसे ही सवालों पर आतिशी से बात की गुलशन राय खत्री और कात्यायनी उप्रेती ने :
सवाल: आपको मुख्यमंत्री बने अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। इस दौरान आपका क्या अनुभव रहा?
जवाब: अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के काम रोकने के लिए गिरफ्तार किया था। स्वाभाविक बात है आप एक सिटिंग चीफ मिनिस्टर को जेल में डाल देंगे तो गवर्नेंस पर तो असर पड़ेगा। काम रोकने की काफी साजिशें भी हुईं। बेसिक चीजों को रोकने की कोशिश की गईं। बुजुर्गों की पेंशन, मोहल्ला क्लिनिक में दवाइयां और टेस्ट, डॉक्टरों की तनख्वाह को रोक दिया। सड़कों, सीवर सिस्टम की मरम्मत तक का काम रोका गया। ये सब छह महीने में हुआ, जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। मुझे लगता है कि जब से केजरीवाल जेल से बाहर आए हैं और मैं सीएम बनी, पिछले चार महीने में हम दिल्ली की गवर्नेंस को ट्रैक पर लेकर आए हैं। तेजी से सड़कों की मरम्मत हुई। आज मोहल्ला क्लिनिक में दवाइयां मिल रही हैं, सारे टेस्ट हो रहे हैं। पानी और सीवरेज की दिक्कतों को 70-80 पर्सेंट तक सॉल्व कर लिया गया है। पेंशन वक्त पर आ रही है।

सवाल: चुनाव शुरू हो गए हैं। आपने क्या काम किए? आप मानती हैं कि कुछ वादे पूरे नहीं हुए?
जवाब: प्लस पॉइंट तो हमारा काम है, जो हमने करके दिखाया है। आम आदमी पार्टी अपने काम के आधार पर वोट मांगती है और हमने जो दिल्लीवालों के लिए किया है, चाहे बिजली-पानी हो, तीर्थ यात्रा हो, जो भी हमने काम किए, उनके आधार पर ही वोट मांग रहे हैं। दूसरा, हमारा बहुत बड़ा प्लस पॉइंट है अरविंद केजरीवाल का चेहरा। दिल्ली के लोग उनसे प्यार करते हैं। वह जब पब्लिक में जाते हैं तो महिलाएं, बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद देते हैं और गले लगाते हैं। वहीं, माइनस पॉइंट यह है कि अभी जो पांच साल का कार्यकाल था, उसमें बहुत से उतार-चढ़ाव थे। कोविड आया, लॉकडाउन लगा, इससे रेवेन्यू पर असर पड़ा। फिर हमारी सरकार पर बहुत अटैक हुए। हमारे कई नेता जेल गए। तो मुझे लगता है कि जो दो-तीन हमारे कुछ वादे थे, वो हम डिलीवर नहीं कर पाए।

सवाल: वो कौन से वादे थे, जो आप सरकार पूरे नहीं कर सकी?
जवाब: यमुना की सफाई, जिस पर काम नहीं हो पाया। दरअसल, दिल्ली के घरों, फैक्ट्री, नालियों से जो भी पानी निकल रहा है, उसके सौ फीसदी ट्रीटमेंट पर काफी काम होना बाकी है। दूसरा, दिल्ली की रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना है। जो हम यूरोपियन स्टाइल रोड की बात करते हैं, उसका पायलट प्रोजेक्ट तो हमने कई हिस्सों में काफी अच्छा करके दिखाया है, लेकिन दिल्ली की सारी सड़कों में सुधार करके, उसे हर लिहाज से खूबसूरत बनाने का काम करना बाकी है।

सवाल: मगर आप दस साल सरकार चला चुके हैं तो अब फिर से नई योजनाएं अभी क्यों?
जवाब: पेंडिंग काम तो हमें करने ही हैं, वो तो हमारे पहले के वादे हैं। किसी भी सरकार का अपना एक स्टेप बाय स्टेप काम करने का तरीका होता है और सरकार में पॉलिसी मेकिंग प्राथमिकता होती है। जैसे एजुकेशन में हमारे पास सबसे पहली प्रायॉरिटी उसका इंफ्रास्ट्रक्चर थी, तो हमने सारा पैसा, सारी एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने में लगाई। जब वो चीजें ठीक हो गईं, फिर हमने टीचर्स की ट्रेनिंग पर फोकस किया। हमारे विरोधियों को देखिए उनके पास ना काम की लिस्ट है, ना उनके पास कोई विजन है। वो बताएं उन्होंने 10 साल में दिल्लीवालों के लिए क्या किया। 10 साल के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने आकर तीन कॉलेज का बस शिलान्यास किया है, कॉलेज को शुरू नहीं किया।

सवाल: एजुकेशन से जुड़े भी कई प्रोजेक्ट पेंडिंग हैं? जैसे दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी तय विजन के साथ नहीं चल पाई। रेजिडेंशल स्कूल, नए कैंपस भी पेंडिंग हैं? आगे के लिए क्या प्लान है?
जवाब: इन पर भी काम जारी रखेंगे।… दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी। मगर मेरे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि हम आने वाले पांच साल में उसी तरह से स्टार्टअप्स और आंत्रप्रेन्योरशिप करिकुलम को कॉलेजों में प्रमोट करें, जिस तरह से स्कूल में कर पाए हैं। जब स्कूल के बच्चे बिजनेस ब्लास्टर्स में अपना स्टार्टअप शुरू करते हैं, तो स्टार्टअप्स में अपना हाथ साफ कर रहे हैं। जब कॉलेज के स्टूडेंट्स को हम स्टार्टअप्स में प्रमोट करते हैं तो वो सही से बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

सवाल: आपने कहा कि कुछ प्रोजेक्ट पेंडिंग रह गए। क्या पल्यूशन इसमें शामिल नहीं?
जवाब: दिल्ली ने 10 साल में प्रदूषण कम करने के लिए अपने हिस्से का काम किया है, लेकिन समस्या क्या है कि दिल्ली की बाउंड्री पर कोई दीवार नहीं हैं, जो प्रदूषण को आने-जाने से रोकती है। तो सारे नॉर्थ इंडिया के राज्यों को साथ लाकर काम करने के लिए कुछ पहल भारत सरकार को भी करनी पड़ेगी।

सवाल: दिल्ली की वित्तीय स्थिति आज की तारीख में कैसी है? जो आप वादे कर रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए पैसे हैं?
जवाब: आपको याद होगा कि कांग्रेस और बीजेपी के नेता स्टेज पर चढ़कर कहते थे कि बिजली का दाम एक रुपये भी कम नहीं हो सकता। इस महीने दिल्ली के 35 लाख परिवारों का बिजली का बिल जीरो आया है। दिल्ली इकलौती सरकार है जो बिजली-पानी फ्री देती है, सरकारी स्कूलों में वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देती है, महिलाओं को बस में फ्री सफर देती है और फिर भी सरप्लस बजट की सरकार चल रही है। दूसरी बात, दिल्ली का बजट 30 हजार करोड़ का है। 10 साल के अंदर हमने इसे ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा दिया। इस साल का दिल्ली का बजट 77 हजार करोड़ है। इतना बड़ी छलांग किसी भी राज्य ने अपने संसाधनों से नहीं मारी हैं। हम नए वादे इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम ईमानदारी से सरकार चलाते हैं, रेवेन्यू भी बढ़ाते हैं।

सवाल: चुनाव में आपकी मुख्य लड़ाई किससे है?
जवाब: बीजेपी से है। कांग्रेस का दिल्ली में कोई वजूद नहीं है, यह सचाई है। 2020 में भी 67-68 सीटों पर जमानत जब्त हुई थी। इस बार कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। क्योंकि उनको भी सचाई का पता है। कुछ ने अपने बच्चों को जरूर चुनाव लड़वा दिया, उन्हें लॉन्च करने के लिए।

सवाल: तो कांग्रेस का कोई रोल नहीं रहेगा?
जवाब: एक तरह से उनका कोई रोल नहीं है।

सवाल: आपकी कालकाजी सीट पर क्या नजर आता है?
जवाब: मेरी सीट में भी कांग्रेस की वही स्थिति है। अलका लांबा आउटसाइडर हैं। पहली बार आई हैं। पिछली बार कालकाजी में एमएलए रहे सुभाष चोपड़ा की बेटी (शिवानी चोपड़ा) ने चुनाव लड़ा था, मात्र 3500 वोट ही ले पाईं और किसी भी एक पोलिंग बूथ से ट्रिपल डिजिट में भी नहीं पहुंच पाई थीं। इससे पता चलता है कि जनता क्या सोच रही है। दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है तो दिल्ली के लोगों को पता है कि कांग्रेस को वोट डालना अपना वोट खराब करना है।

सवाल: तो क्यों ऐसा मेसेज जा रहा है कि आम आदमी पार्टी इस बार कांग्रेस पर ज्यादा निशाना साध रही है?
जवाब: हम कहां! उलटा कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रही है और ऐसा लगता है बीजेपी के साथ सांठ-गांठ में है। अब देखिए संदीप दीक्षित अरविंद केजरीवाल की शिकायत करते हैं। एलजी के पास जाते भी हैं, लेकिन जब प्रवेश वर्मा खुले आम पैसे बांटते हैं, तो उस पर संदीप दीक्षित कुछ क्यों नहीं बोलते।

सवाल: दिल्ली में महिलाओं की स्थिति पर आप कुछ कहना चाहेंगी?
जवाब: आम आदमी पार्टी ने 10 साल में दिल्ली की आम महिलाओं की जिंदगी को बहुत सुधारा है। जैसे दिल्ली के कई इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई होती थी तब महिलाएं या लड़कियां लाइन में खड़ी होती थीं। दिल्ली में जब सरकारी स्कूलों का बुरा हाल था, तब परिवार अपने बेटे को ही प्राइवेट स्कूल में भेजता था। वहीं अगर महिलाएं बीमार होती थी तो सोचती थी कि महीने का बजट बिगड़ जाएगा। मगर जब सरकारी स्कूल अच्छे होते हैं, पानी की पाइपलाइन लगती है, बस में फ्री सफर होता है, मोहल्ला क्लिनिक में फ्री इलाज होता है, तो सबसे ज्यादा फायदा लड़कियों और महिलाओं को होता है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Walk Per Day In Your Age: उम्र के हिसाब से रोजाना कितने कदम चलना है सही? जानें चलने का सही तरीका

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now