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वाराणसीः वाराणसी लोकसभा सीट से कमीडियन श्याम रंगीला उर्फ श्याम सुंदर का पर्चा बुधवार को खारिज हो गया। काफी मशक्कत के बाद उन्होंने निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल करने में सफलता पाई थी। बताया जा रहा है कि शपथ पत्र न देने के कारण श्याम रंगीला का पर्चा खारिज हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंगीला ने पर्चा खारिज होने पर निराशा व्यक्त की है और कहा कि उनके लिए कॉमेडी ही बेहतर और राजनीति उनके बस की बात नहीं है। बता दें कि बीते दिनों श्याम रंगीला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
श्याम रंगीला काफी संघर्षों के बाद वाराणसी लोकसभा सीट से पर्चा दाखिल कर पाए थे। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट किए। नामांकन खारिज होने के बाद रंगीला ने वाराणसी जिला प्रशासन पर प्रक्रिया में भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने सभी कागज और जरूरी विषयों को ध्यान में रखकर नामांकन किया था लेकिन अब हमें बताया गया कि हमने नामांकन के दौरान दिए जाने वाले शपथ पत्र को पूरा नहीं भरा है। इस वजह से पर्चा खारिज कर दिया गया।
पर्चा खारिज होने पर रंगीला ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि मैं कलाकार हूं लेकिन कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हूं। सोचता हूं कि कॉमेडी ही मेरे लिए बेहतर क्षेत्र है। निराश होकर श्याम रंगीला ने कहा कि राजनीति मेरे बस की बात नहीं है। बता दें कि श्याम रंगीला को वाराणसी में पूर्व अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने भी अपना समर्थन दिया था।
कई दिनों से चक्कर लगाने के बाद भी नामांकन से रोके जाने की शिकायत श्याम रंगीला ने स्थानीय निर्वाचन अधिकारी से लेकर राज्य और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की। इसके बाद नामांकन करने आए लोगों के लिए कलेक्ट्रेट का गेट खोल दिया गया। नामांकन करने वालों की संख्या ज्यादा होने से शाम तक प्रक्रिया चलती रही। नामांकन के अंतिम दिन पीएम मोदी समेत 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया। इनमें ज्यादातर निर्दलीय हैं। कुल 41 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है।
श्याम रंगीला काफी संघर्षों के बाद वाराणसी लोकसभा सीट से पर्चा दाखिल कर पाए थे। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट किए। नामांकन खारिज होने के बाद रंगीला ने वाराणसी जिला प्रशासन पर प्रक्रिया में भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने सभी कागज और जरूरी विषयों को ध्यान में रखकर नामांकन किया था लेकिन अब हमें बताया गया कि हमने नामांकन के दौरान दिए जाने वाले शपथ पत्र को पूरा नहीं भरा है। इस वजह से पर्चा खारिज कर दिया गया।
पर्चा खारिज होने पर रंगीला ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि मैं कलाकार हूं लेकिन कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं हूं। सोचता हूं कि कॉमेडी ही मेरे लिए बेहतर क्षेत्र है। निराश होकर श्याम रंगीला ने कहा कि राजनीति मेरे बस की बात नहीं है। बता दें कि श्याम रंगीला को वाराणसी में पूर्व अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने भी अपना समर्थन दिया था।
पर्चा भरने का संघर्ष
श्याम रंगीला वाराणसी से पर्चा भरने के लिए पहुंचे तो पहले दिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। इसके बाद दूसरे दिन वह दुबई से आए एनआरआई इकबाल समेत 50 से अधिक लोगों को लेकर सुबह सवा 9 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे, तो पीएम मोदी के नामांकन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर सभी को दोपहर बाद आने को कहा गया। पीएम मोदी के नामांकन के बाद जैसे ही सुरक्षा व्यवस्था हटी, सभी नामांकन करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच गए, लेकिन गेट बंद कर अंदर नहीं जाने दिया गया।कई दिनों से चक्कर लगाने के बाद भी नामांकन से रोके जाने की शिकायत श्याम रंगीला ने स्थानीय निर्वाचन अधिकारी से लेकर राज्य और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की। इसके बाद नामांकन करने आए लोगों के लिए कलेक्ट्रेट का गेट खोल दिया गया। नामांकन करने वालों की संख्या ज्यादा होने से शाम तक प्रक्रिया चलती रही। नामांकन के अंतिम दिन पीएम मोदी समेत 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया। इनमें ज्यादातर निर्दलीय हैं। कुल 41 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है।
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