कभी दूर-कभी पास... मोदी-जिनपिंग की 10 साल में 20 मुलाकातों की कहानी!

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रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट का आज दूसरा दिन है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज शाम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात होगी. दोनों देशों के नेताओं की औपचारिक बैठक पांच साल बाद होने जा रही है. यह बैठक तब होने जा रही है, जब दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने कन्फर्म कर दिया है कि गलवान मसले पर आम सहमति बन गई है. साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग करने को लेकर संघर्ष हो गया था.

पीएम मोदी अब तक 9 बार चीन का दौरा कर चुके हैं. 4 बार गुजरात के सीएम रहते हुए और 5 बार प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी ने चीन का दौरा किया हैं. पिछले 10 साल में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच 20 बार मुलाकात हो चुकी है. इनमें वन-टू-वन मीटिंग के अलावा दूसरे देशों में दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हुईं अनौपचारिक मुलाकातें भी शामिल हैं. आज 21वीं बार मुलाकात होने के लिए जगह और समय निर्धारित हो गया है.

चार साल से भारत-चीन के रिश्तों में तनाव

करीब चार साल से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव देखने को मिल रहा था. यहां तक कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत से लेकर बधाई-संदेशों तक से दूरी बनाकर रखी जा रही थी. अब एक बार फिर दोनों देश रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश में आगे बढ़ रहे हैं. आइए जानते हैं कि शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच कब-कब मीटिंग्स हुईं? कब और कहां दोनों नेता पहली बार मिले थे...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (74 वर्ष) साल 2014 से भारत के प्रधानमंत्री हैं. जबकि शी जिनपिंग (71 वर्ष) साल 2013 से चीन के राष्ट्रपति हैं. यानी लंबे समय से दोनों ही नेता अपने-अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं. मोदी-जिनपिंग के बीच चार साल पहले पूर्वी लद्दाख स्थित LAC पर विवाद शुरू होने के बाद यह तीसरी मुलाकात होगी.

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PM मोदी और शी जिनपिंग रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स समिट में शामिल होने पहुंचे हैं. (फोटो- PTI)

आखिरी बार कहां मिले थे दोनों नेताओं के हाथ?

पिछले साल 2023 में जब BRICS देशों का सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, तब पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया था, लेकिन उनके बीच द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई थी. इससे पहले जब साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में 'G-20' की बैठक हुई थी, तब भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच औपचारिक रूप से कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी लेकिन फिर इसके 8 महीने बाद दोनों देशों ने ये बात मानी थी कि बाली में दोनों नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर बात हुई थी, जिनमें सीमा विवाद का मुद्दा अहम था. हो सकता है कि इस बार भी दोनों नेताओं के बीच BRICS समिट के दौरान इस पर बात हो. क्योंकि अब ये मुद्दा सुलझ गया है.

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2014 में पहली बार ब्राजील में मिले थे मोदी और पुतिन

एलएसी पर विवाद शुरू होने से पहले यानी साल 2020 तक मोदी और जिनपिंग के बीच कुल 18 बार मुलाकात हुई है. ये मुलाकात कुल 6 साल के दरम्यान हुईं. पहली बार दोनों की मुलाकात जुलाई 2014 में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स समिट में हुई थी. संयोग से ये मुलाकात भी ऐसे समय में हुई थी, जब अप्रैल 2013 में चीन और भारतीय सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के देपसांग तराई में तनातनी हो गई थी जो तीन हफ्तों तक रही थी. भारत का आरोप था कि चीनी सैनिकों ने भारत के इस हिस्से पर अपना दावा करने के लिए टेंट लगाए हैं.

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(Photo- AFP)

पीएम मोदी ने अहमदाबाद में किया था जिनपिंग का स्वागत

हालांकि, चीन अपनी आदतों से बाज नहीं आया और साल 2014 के सितंबर महीने में फिर उसके सैनिकों ने 'एलएसी' के चुमार सेक्टर में घुसपैठ की थी. इसी महीने (सितंबर 2014) शी जिनपिंग भारत के दौरे पर आए थे. ये पहला मौका था, जब देश के प्रधानमंत्री ने किसी राष्ट्राध्यक्ष का दिल्ली से बाहर दूसरे राज्य में स्वागत किया. शी जिनपिंग का अहमदाबाद में यादगार भव्य स्वागत हुआ था और दोनों ही नेताओं ने साबरमती नदी के किनारे काफी वक्त एक साथ बिताया था. दोनों नेता झूले पर साथ-साथ बैठे थे.

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नवंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में जी-20 समिट के दौरान ब्रिक्स देशों के नेताओं की मुलाकात हुई थी. इस दौरान पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से भी मुलाकात की थी.

(Photo- AFP)

पीएम बनने के बाद 2015 में पहली बार चीन गए थे मोदी

साल 2015 के मई महीने में पीएम मोदी, चीन की अपनी सबसे पहली यात्रा पर गए थे. वे विश्व के पहले नेता थे जिनका स्वागत शी जिनपिंग ने अपने शहर जियान में किया था. वहां दोनों नेताओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी जिसमें वे एक-दूसरे का हाथ थामे टहल रहे हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़े हुए 26 समझौते किए गए थे.

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जब चीन ने भारत के प्रस्ताव के खिलाफ लगा दिया वीटो

जुलाई 2015 में रूस के ऊफा में ब्रिक्स समिट के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच अलग से बातचीत हुई थी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के लाए गए उस प्रस्ताव पर चर्चा की थी, जिसमें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी की पाकिस्तान कोर्ट द्वारा रिहाई का विरोध किया गया था. इस प्रस्ताव पर चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल करते हुए रोक लगा दी थी. यानी चीन ने दगाबाजी कर अपना असली चेहरा दिया था.

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(Photo- AFP)

इकोनॉमिक कॉरिडोर पर आपत्ति जता चुका है भारत

2016 के जून महीने में फिर दोनों नेता उज्बेकिस्तान के ताशकंद में मिले. ये बैठक भी 'शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन' के इतर हुई थी. बैठक में पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से कहा था कि 'न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप' में भारत की सदस्यता के बारे में गंभीरता से विचार किया जाए, क्योंकि चीन हमेशा से ही इसका विरोध करता रहा है. उसके बाद सितंबर 2016 में चीन के हांगझाऊ शहर में जी-20 समिट हुआ. इस सम्मलेन के इतर मोदी और जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई, जिसमें भारत की तरफ से 'चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर' को लेकर चिंता जताई गई. भारत ने पीओके से संचालित आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सामरिक हितों के लिए संवेदनशील होने की जरूरत बताई थी. महीने भर बाद यानी अक्टूबर 2016 में गोवा में ब्रिक्स समिट हुआ. इसमें शिरकत करने के लिए चीनी राष्ट्रपति भारत आए थे. दोनों नेताओं के बीच व्यापार और रक्षा के मुद्दों पर बातचीत हुई थी.

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अस्ताना में भी मिले थे मोदी और जिनपिंग

साल 2017 के जून महीने में पीएम मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग से कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में हुई थी. उस समय भारत को 'शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाईजेशन' का सदस्य बनाया गया था. महीने भर बाद जुलाई 2017 में जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 समिट के दौरान भी दोनों नेता फिर मिले और दोनों के बीच कई मसलों पर चर्चा हुई. उसी साल सितंबर में चीन के जियामेन में ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी और शी जिनपिंग मिले थे.

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अप्रैल 2018 में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की चीन के वुहान में शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई. इस दौरान वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई. जिनपिंग, पीएम मोदी को हुबेई के म्यूजियम ले गए जहां चीनी कलाकारों ने मोदी के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया था.

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9 जून, 2018 को पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे. इस दौरान उनकी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों देशों की बैठक में ब्रह्मपुत्र नदी के जल संबंधी जानकारी और चावल के निर्यात संबंधित समझौते हुए थे. इसके अलावा, नवंबर 2018 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी20 शिखर सम्मेलन, मई 2019, जून 2019 में किर्गिजस्तान के बिश्केक, अक्टूबर 2019 में महाबलीपुरम में मुलाकात हुई थी. बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तट पर जिनपिंग के बीच 6 घंटे बैठक हुई थी. इस दौरान दोनों देशों में कई समझौतों पर बात हुई थी. नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील में 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए थे. वहां उनकी मुलाकात शी जिनपिंग से हुई थी.

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कब-कब चीन के दौरे पर गए हैं पीएम मोदी?

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75 सालों में नरेंद्र मोदी ही देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो पांच बार चीन के दौरे पर गए हैं. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी और शी जिनपिंग आपस में 18 बार मिल चुके हैं. मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए चार बार चीन का का दौरा किया. मोदी को नवंबर 2011 में चीन की यात्रा के लिए सीपीसी के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. इस दौरान उन्हें 'अभूतपूर्व महत्व और उच्चतम स्तर का प्रोटोकॉल' दिया गया था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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