क्या भारतीयों में भी 44 और 60 साल की उम्र से शुरू हो जाता है बुढ़ापा ? एक्सपर्ट ने बताया

<

4 1 41
Read Time5 Minute, 17 Second

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की हाल ही में आई रिसर्च में दावा किया गया था कि इंसान का बुढ़ापा दो अहम चरणों में आना शुरू होता है. इसका पहला चरण 44 साल की उम्र में तो दूसरा 60 साल की उम्र में शुरू होता है. स्टैनफोर्ड की यह रिसर्च आते ही चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि, इस रिसर्च को अमेरिकी लोगों के आधार पर तैयार किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि उम्र बढ़ने का क्या यही पैटर्न भारतीयों में भी देखा जाता है?

गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल के सीनियर डॉक्टर प्रशांत सक्सेना ने इस सवाल का जवाब दिया है, साथ ही इस रिसर्च से जुड़ीं कुछ और चीजों को भी साफ किया है.

क्या भारतीयों में भी बुढ़ापे के चरण को लेकरअमेरिकियोंजैसापैटर्न है? इससवाल पर डॉक्टर प्रशांत ने कहा कि हां,प्रौढ़ावस्थाऔर जीवन के अंतिम चरण में जोबदलाव होते हैं, वो भारत समेत सभी संस्कृतियों में ही देखने को मिलता है. भारतीय संस्कृति में यह बदलाव पारंपरिक मूल्यों, पारिवारिक भूमिकाएं और सामाजिक अपेक्षाओं के आधार पर होते हैं.

डॉक्टर प्रशांत ने मध्य जीवन काल यानी करीब 44 साल की उम्र में होने वाले बदलावों पर कहा कि इस स्टेज पर सफलता और जिम्मेदारियों को लेकर सांस्कृतिक अपेक्षाओं से प्रभावित होकर इंसान की जिंदगी में कई बदलाव आते हैं. इन बदलावों में करियर का बदलना और पारिवारिक गतिशीलता का विकास शामिल है.

Advertisement

इंसान की लाइफ में दो बार आता है बुढ़ापा...पहली 44 साल में, दूसरी 60 साल में, स्टडी में खुलासा

वहीं डॉक्टर प्रशांत ने भारत में 60 साल की उम्र के आसपास आने वाले बदलावों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति और बुढ़ापा अपनी सांस्कृतिक अपेक्षाओं और पारिवारिक भूमिकाओं के साथ आते हैं. यह अक्सर पश्चिमी मानदंडों से अलग होता है और पूरी तरह पारिवारिक जिम्मेदारियों और पारंपरिक मूल्यों पर फोकस होता है.

क्या एक्सरसाइज और डाइट के सहारे बढ़ती उम्र को धीमा किया जा सकता है, या यह आनुवांशिक होता है? इस सवाल पर डॉक्टर प्रशांत ने कहा कि हां, एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट सेहत को बनाए रखकर, सूजन को कम करके और बॉडी फंक्शन को सपोर्ट करके उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है.नियमित शारीरिक एक्टिविटी दिल और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य में सुधार करती है, जबकि पौष्टिक आहार वजन को कंट्रोल करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने में मदद करता है.

अच्छी नींद लेने और इसकेबढ़ती उम्र पर असर को लेकर डॉक्टर प्रशांत ने कहा कि अच्छी नींद शरीर के संज्ञानात्मक कार्य, भावनात्मक स्थिरता और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. इसका अच्छा असर याददाश्त, इंसान के मूड पर भी पड़ता है. इसके साथ ही अच्छी नींद शुगर, हाई बीपी, स्ट्रोक, दिल के दौरे जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए भी जरूरी है.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

News Flash 21 नवंबर 2024

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

Subscribe US Now