भारत में हाल ही में एक दवा कंपनी ने ऐसी आई ड्रॉप बनाने का दावा किया था जो करोड़ों भारतीयों की आंखों पर से चश्मा उतारने में मददगार साबित हो सकती है. भारतीय दवा बाजार मेंप्रेस्वू नाम की इसआई ड्रॉप की खबर आने के बाद से ही यह चर्चा का विषय बनी हुई थी. इसी बीच अब भारत सरकार के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) नेआई ड्रॉप कीमैन्युफेक्चरिंग और मार्केटिंग पर रोक लगा दी है.
मिली जानकारी के अनुसार,यह कार्रवाई इस आई ड्रॉप के मीडिया और सोशल मीडिया में हो रहे गलत प्रचार को लेकर की गई है. आई ड्रॉप परCDSCO की ओर से लगाई गई रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. दवा का गलत प्रचार लोगों के लिए खतरा साबित हो सकता है.
हाल ही में यह खबर आई थी कि भारत के दवा बाजार में एक ऐसी आई ड्रॉप आने जा रही है जिसके इस्तेमाल से आंखों पर लगे नजर के चश्मे को हटाने में मदद मिल सकती है. कहा जा रहा था भारत की दवा नियामक एजेंसी ने इस नई आई ड्रॉप को मंजूरी भी दे दी है.
इस आई ड्रॉप को लेकरयह दावा किया गया कि प्रेस्वू भारत में पहली ड्रॉप है, जिसे प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों में पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए तैयार किया गया है. दावा किया जा रहा था कि यह आई ड्रॉप सालों तक इस्तेमाल भी की जा सकती है.
क्या होती है आंखों से जुड़ीप्रेसबिओपिया कंडीशन
यह आई ड्रॉप मुंबई स्थित एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने विकसित की है. इस दवा को बनाने का लक्ष्य प्रेसबिओपिया का इलाज करना है. प्रेसबिओपिया आंखों की एक ऐसी स्थिति है जिससे दुनिया भर में 1.09 बिलियन से 1.80 बिलियन लोग प्रभावित हैं. उम्र बढ़ने के साथ यह बीमारी बढ़ती जाती है. इसमें नजदीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है. उन्हें पास की चीजें धुंधली नजर आने लगती हैं. उम्र के साथ होने वाली यह एक आम लेकिन बड़ी समस्या है.ऐसे में कंपनी का दावा है कि इस आई ड्रॉप के सहारे काफी संख्या में भारतीयों को मदद मिल सकती है.
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