तिब्बत में दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा चीन, भारत और बांग्लादेश को खतरा क्यों?

World's Largest Hydropower Dam: मध्य चीन में स्थित थ्री गॉर्जेस डैम वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा बांध है. चीन ने इससे भी कई गुना अधिक शक्तिशाली बांध बनाने को हरी झंडी दे दी है. नया बांध तिब्बती पठार के पूर्वी छोर पर, यारलुंग जांग्बो नदी पर बनाय

4 1 5
Read Time5 Minute, 17 Second

World's Largest Hydropower Dam: मध्य चीन में स्थित थ्री गॉर्जेस डैम वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा बांध है. चीन ने इससे भी कई गुना अधिक शक्तिशाली बांध बनाने को हरी झंडी दे दी है. नया बांध तिब्बती पठार के पूर्वी छोर पर, यारलुंग जांग्बो नदी पर बनाया जाएगा. इस बांध से सालाना 300 बिलियन किलोवाट ऊर्जा पैदा की जा सकेगी, जो थ्री गॉर्जेस डैम की 88.2 बिलियन किलोवाट घंटे की डिजाइन क्षमता से तीन गुना अधिक होगा. चीन के इस प्रस्तावित बांध से भारत और बांग्लादेश में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं.

चीन के सरकारी ऊर्जा निगम का यह प्रोजेक्ट देश को कार्बन न्यूट्रैलिटी के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा. अधिकारियों ने कहा कि इससे इंजीनियरिंग जैसी इंडस्ट्रीज में तेजी आएगी और तिब्बत में नौकरियां पैदा होंगी.

तिब्बत में कहां बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा बांध?

यारलुंग जांग्बो नदी का एक हिस्सा 50 किमी (31 मील) की छोटी सी दूरी में 2,000 मीटर (6,561 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह बड़े पैमाने पर पनबिजली (हाइड्रो पावर) क्षमता के साथ-साथ अद्वितीय इंजीनियरिंग चुनौतियां भी पेश करता है. प्रस्तावित बांध पर होने वाला खर्च भी थ्री गॉर्जेस डैम से कई गुना अधिक होने की उम्मीद है.

PHOTOS: टॉप स्पीड 11,854 KM प्रति घंटा! दुनिया के 5 सबसे तेज जेट फाइटर

थ्री गॉर्जेस डैम को बनाने में 254.2 बिलियन युआन ($34.83 बिलियन) खर्च हुए थे. इसमें विस्थापित हुए 1.4 मिलियन लोगों का पुनर्वास शामिल है और यह 57 बिलियन युआन के शुरुआती अनुमान से चार गुना अधिक था.

भारत और बांग्लादेश की चिंता

चीन ने अभी यह साफ नहीं किया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत कितने लोगों को विस्थापित किया जाएगा. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि बांध से पर्यावरण या नीचे की ओर जल आपूर्ति पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा. यारलुंग जांगबो तिब्बत से निकलकर दक्षिण में भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम राज्यों में तथा आखिरकार बांग्लादेश में प्रवाहित होने पर ब्रह्मपुत्र नदी बन जाती है.

Explainer: क्या हम अंतरिक्ष में बच्चे पैदा कर सकते हैं? वैज्ञानिकों का अनोखा प्रयोग

भारत और बांग्लादेश ने इस बांध को लेकर चिंता जाहिर की है. दोनों को डर है कि इस प्रोजेक्ट से न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी में बदलाव आ सकता है, बल्कि नदी के बहाव और दिशा में भी बदलाव होने की आशंका है.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

साहित्य तक बुक कैफे टॉप 10: हम और हमारा साहित्य, वर्ष 2024 में इन पुस्तकों ने भाषाओं के बीच जोड़ा सेतु

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now