Pakistan Protest: पाकिस्तान के पंजाब राज्य की सरकार ने सोमवार को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए. पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थकों की तरफ से इस्लामाबाद जाते समय पुलिस के साथ झड़प के बाद कई पुलिसकर्मियों को 'बंधक' बना लिया गया. पूर्व प्रधानमंत्री खान (72) ने 'चुराए गए जनादेश', लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा करते हुए 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के का ऐलान किया था.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने राजधानी में दाखिल होने और धरना देने की कोशिश को नाकाम बनाने के लिए अधिकारियों के कड़े प्रतिरोध के बीच रास्ते में रातभर रुकने के बाद सोमवार को इस्लामाबाद की तरफ अपना मार्च फिर से शुरू किया. खान के समर्थक राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने और कई अहम सरकारी भवनों राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय के नजदीक स्थित डी-चौक पर धरना देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि झड़पों में कम से कम 70 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और एक की मौत हो गई है. बुखारी ने कहा कि पांच पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर है.
बता दें कि पाकिस्तान आए रोज हो रहे इन प्रदर्शनों से भारी तादाद में सरकारी पैसों की बर्बादी हो रही है. ये बर्बादी इतनी है कि जिस आर्थिक दौर से पाकिस्तान गुजर रहा है उसमें इस तरह का खर्च वो बर्दाश्त करने की हालत में नहीं है. जानकारी के मुताबिक पिछले डेढ़ दो सालों में ऐसे प्रदर्शन कई बार हुए हैं. इसमें पाकिस्तान की सरकारों ने 270 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा खर्च किया. इस्लामाबाद में कंटेनरों से 35 से ज्यादा सड़कें बंद की गई हैं. ये सिलसिला पिछले 4-5 महीनों से चल रहा है जिसमें सरकार ने 1600 से ज्यादा कंटेनर किराये पर लिये हुए हैं और इसका किराया ही 25 करोड़ से ज्यादा रहा.
जानकारी के मुताबिक अगर पाकिस्तान में एक दिन का बंद करने का ऐलान किया जाए तो अर्थव्यवस्था को 19 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. अगर आने वाले 10 दिन प्रदर्शन हुए तो कम से कम 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपये डूब जाएंगे. अकेले सिर्फ पाकिस्तानी पंजाब की बात करें तो यहां 1 दिन का बंद होने पर 26 अरब रुपये का नुकसान होता है और पाकिस्तान इतने पैसों की बर्बादी झेलने की हालत में नहीं है.
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