Pakistan Smog Crisis: पाकिस्तान में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. नासा द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब प्रांत में फैले घने धुएं और स्मॉग के बादल साफ नजर आ रहे हैं. इस घातक धुएं के कारण पाकिस्तान में जनजीवन ठप हो गया है और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है.
लोगों की सेहत पर बुरा असर
पाकिस्तान में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत पर भारी असर पड़ रहा है. धुएं की अधिकता के कारण स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों को बंद करना पड़ा है. बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर अधिक हो रहा है. जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ गया है. हालात इतने बुरे हैं कि अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर में पाकिस्तान, प्रदूषण में खो सा गया है.
सर्दियों में प्रदूषण की समस्या बढ़ती है
हर साल सर्दियों में पंजाब में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. यह धुआं कृषि अवशेष जलाने, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण बढ़ता है. ठंडे और शुष्क मौसम में हवा का बहाव रुक जाने से प्रदूषण धरातल पर ही जमा हो जाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है.
लाहौर में रिकॉर्ड स्तर पर प्रदूषण
लाहौर शहर में इस साल प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बार-बार 1000 से अधिक दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, AQI का स्तर 300 से अधिक होने पर स्वास्थ्य को खतरा होता है. लेकिन लाहौर और उसके आसपास के इलाकों में यह स्तर बहुत ज्यादा बढ़ चुका है.
सांस की बीमारियों में इजाफा
प्रदूषण के चलते अस्पतालों में सांस की समस्याओं के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. पंजाब प्रांत में 30,000 से अधिक लोग सांस और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, गले में खराश और फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए बंदिशें लागू
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने कई नए प्रतिबंध लागू किए हैं. लाहौर सहित 18 जिलों में सभी पार्क, खेल के मैदान, संग्रहालय, और ऐतिहासिक स्थल 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा बाजार और दुकानें रात 8 बजे तक बंद कर देने का आदेश दिया गया है ताकि लोग बाहर कम समय बिताएं और प्रदूषण के खतरे से बच सकें.
बच्चों पर विशेष खतरा
बच्चों के लिए प्रदूषण का खतरा और भी ज्यादा है क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक विकास पूरी तरह से नहीं हुआ है. इसके अलावा, लगातार स्कूल बंद होने से उनकी शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार से बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है.
प्रदूषण के समाधान की मांग
प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए स्थानीय अधिकारियों ने दीर्घकालिक उपायों की मांग की है. विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते आने वाले समय में प्रदूषण की समस्या और बढ़ सकती है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्थायी नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर बल दिया जा रहा है.
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