बांग्लादेश में मंदिर तोड़े जाने के वीडियो की कड़वी सच्चाई आई सामने..चौंका देगी हकीकत

Bangladesh News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारों और लाठियों से लैस भीड़ धार्मिक नारे लगाते हुए एक मंदिर में तोड़फोड़ कर रही है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश के गणपति मंदिर का है. पीटीआई फैक्ट चेक डे

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Bangladesh News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारों और लाठियों से लैस भीड़ धार्मिक नारे लगाते हुए एक मंदिर में तोड़फोड़ कर रही है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश के गणपति मंदिर का है. पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह दावा भ्रामक निकला. वास्तव में यह वीडियो 2021 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में हुई तोड़फोड़ का है.

करीब तीन मिनट 10 सेकंड के इस वीडियो को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स बांग्लादेश का बताकर साझा कर रहे हैं. फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, “बांग्लादेश में महिलाएं गणपति मंदिर गईं.. वहां मुस्लिम लोगों ने क्या किया देखिए, अभी समय नहीं बीता है, एकजुट हो जाओ, ये जाति किसी की नहीं होगी, हमारे भारत में, हमारे महाराष्ट्र में, हमारे जिले में, हमारे गांव में, सभी मुसलमान एक जैसे हैं. हमारे साथ ऐसा कभी नहीं होगा, यह भी उतना ही सच है कि हिंदुओं का जीना मुश्किल हो जाएगा, संख्या बढ़ गई तो हिंदुओं की भाषा को सीना तानकर नचाया जाएगा. जिन हिंदू लोगों के पास लाई पुल्का है या नहीं है, उन्हें भी नहीं छोड़ेंगे.”

सोशल मीडिया पर यह वीडियो व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है. वायरल दावे की पुष्टि के लिए डेस्क ने ‘इनविड टूल’ की मदद ली और वीडियो के कीफ्रेम्स को ‘गूगल लेंस’ पर रिवर्स सर्च किया. जांच में पता चला कि यह वीडियो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भोंग शरीफ इलाके में अगस्त 2021 में हुई घटना का है. उस समय, धार्मिक नारे लगाते हुए भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था और फेसबुक पर सीधा प्रसारण भी किया था.

यह घटना 4 अगस्त 2021 को हुई थी. मंदिर पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को तलब किया था और कड़ी आपत्ति जताई थी. पाकिस्तानी पुलिस ने इस मामले में 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बाद में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की थी. घटना के करीब एक साल बाद, मई 2022 में, पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने इस हमले के लिए 22 लोगों को दोषी ठहराया और पांच-पांच साल की सजा सुनाई. हालांकि, 62 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया था.

पीटीआई फैक्ट चेक की पड़ताल से यह साफ है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के सिद्धिविनायक मंदिर में हुई तोड़फोड़ का है, जिसे सोशल मीडिया पर बांग्लादेश का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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