चीन ने बच्चों को गोद लेने की पॉलिसी में किया बदलाव, दूसरे देश के लोगों पर लगा दी रोक

China News: चीन सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब विदेशियों को चीनी बच्चों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, इसमें एकमात्र अपवाद उन मामलों का होगा, जहां गोद लेने वाले व्यक्ति बच्चे के रक्त संबंधी हों या सौतेले मात

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China News: चीन सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब विदेशियों को चीनी बच्चों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, इसमें एकमात्र अपवाद उन मामलों का होगा, जहां गोद लेने वाले व्यक्ति बच्चे के रक्त संबंधी हों या सौतेले माता-पिता हों. यह जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दी.

चीन के इस फैसले की वजह

माओ निंग ने इस फैसले का कारण स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि यह निर्णय प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संधियों की भावना के अनुरूप है. यह साफ नहीं है कि चीन ने यह फैसला क्यों लिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के इस कदम को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं.

दशकों से जारी था अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण

पिछले कई दशकों से विदेशी नागरिक चीन से बच्चों को गोद लेने के लिए चीन आते रहे हैं. इस प्रक्रिया के तहत वे बच्चों को अपने देश ले जाकर उन्हें एक नया घर और बेहतर जीवन प्रदान करते थे. चीन से बच्चों को गोद लेने का सिलसिला 1990 के दशक में तेजी से बढ़ा था, जब दुनिया भर के परिवारों ने चीनी अनाथों को अपनाना शुरू किया.

किस देश के लोग चीन के बच्चों को लेते थे गोद

इस दत्तक ग्रहण प्रक्रिया के तहत, गोद लेने वाले विदेशी माता-पिता पहले चीन का दौरा करते, वहां की औपचारिकताएं पूरी करते और फिर बच्चों को अपने देश ले जाते. विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप से कई लोग चीन से बच्चों को गोद लेने के लिए आते रहे हैं. चीन के गोद लेने वाले बच्चे मुख्य रूप से अनाथालयों में रहने वाले थे, जो परिवार के अभाव में जीवन व्यतीत कर रहे थे.

कोविड-19 के दौरान निलंबन

कोरोना महामारी के दौरान 2020 में चीन ने अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंध और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की वजह से यह प्रक्रिया रोक दी गई थी. इसके परिणामस्वरूप, कई विदेशी परिवारों को दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हालांकि, 2022 में स्थिति में कुछ सुधार हुआ और उन बच्चों से जुड़े दत्तक ग्रहण को फिर से शुरू किया गया. जिन्हें 2020 में यात्रा की अनुमति मिल चुकी थी. इसके बावजूद, नए मामलों में यह प्रक्रिया पूरी तरह बहाल नहीं हुई.

अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट

अमेरिकी विदेश विभाग की दत्तक ग्रहण संबंधी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि चीन सरकार ने बाद में कुछ बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया फिर से शुरू की. यह विशेष रूप से उन बच्चों के लिए लागू किया गया, जिन्हें 2020 के निलंबन से पहले यात्रा की मंजूरी प्राप्त हुई थी. अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक के 12 महीनों में, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने चीन से बच्चे गोद लेने के लिए कुल 16 वीजा जारी किए. यह संख्या पहले की तुलना में काफी कम है. क्योंकि पिछले वर्षों में यह आंकड़ा काफी अधिक हुआ करता था. यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसके बाद से कितने और वीजा जारी किए गए हैं या नहीं.

चीन की नई नीति के प्रभाव

चीन द्वारा इस नई नीति का सीधा असर उन विदेशी नागरिकों पर पड़ेगा, जो चीनी बच्चों को गोद लेने की योजना बना रहे थे. इस फैसले के बाद चीन से अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया अब लगभग बंद हो गई है, जिससे कई विदेशी परिवारों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है.

चीन में भी दिखेगा इसका असर

दूसरी ओर, चीन के भीतर भी इसका असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि अब गोद लेने के इच्छुक विदेशी माता-पिता को अन्य देशों का रुख करना पड़ेगा. चीन से गोद लेने वाले बच्चों का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका, कनाडा और यूरोप के देशों में जाता था. लेकिन अब इस प्रक्रिया के बंद होने से उन देशों में चीन से गोद लिए गए बच्चों की संख्या में कमी आ सकती है.

दुनिया भर के परिवारों पर पड़ेगा असर

चीन सरकार का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल सकता है. जहां एक ओर, चीन ने अंतरराष्ट्रीय संधियों की भावना का हवाला दिया है. वहीं दूसरी ओर, इसका असर दुनिया भर के परिवारों पर पड़ेगा. जो चीनी बच्चों को अपनाने की योजना बना रहे थे. भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस नीति को और कैसे लागू करता है और क्या कोई अपवाद या बदलाव होते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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