UN के एक समूह ने की इमरान खान की रिहाई की मांग, शहबाज सरकार ने झाड़ लिया पल्ला

Pakistan Imran Khan News: मानवाधिकार के लिए काम करने वाले, संयुक्त राष्ट्र के एक समूह ने सोमवार को मांग की कि जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तत्काल रिहा किया जाए. इस समूह का दावा है कि खान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्ल

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Pakistan Imran Khan News: मानवाधिकार के लिए काम करने वाले, संयुक्त राष्ट्र के एक समूह ने सोमवार को मांग की कि जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तत्काल रिहा किया जाए. इस समूह का दावा है कि खान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए मनमाने तरीके से कैद किया गया है. इसका मकसद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराना था.

'इमरान खान के मामले की हो समीक्षा'

जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के समूह वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेन्शन ने खान के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की समीक्षा करने के बाद यह मांग की है. खान को पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप में सजा सुनाई गई थी. वर्ष 2022 में पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाकर खान को पद से हटा दिया गया था. फिलहाल वे कई मामलों में जेल में सजा काट रहे हैं.

'जेल में बंद करने का कोई कानूनी आधार नहीं'

समूह ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में खान को जेल में बंद करने का कोई कानूनी आधार नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें चुनाव लड़ने के वास्ते अयोग्य ठहराने के लिए ऐसा किया गया. समूह ने कहा, 'खान के अभिव्यक्ति या विचार रखने के अधिकार का दमन करने के लिए उन्हें कैद में रखा गया और उन्हें निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के अधिकार से भी वंचित किया गया. इसने खान की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कहा कि यह एक ‘‘उचित समाधान’’ है. खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने संयुक्त राष्ट्र के समूह की मांग की सराहना की है.

समूह की मांग को पाकिस्तान सरकार ने किया खारिज

खान को हटाए जाने के बाद शहबाज शरीफ की पार्टी ने सरकार बनाई और शरीफ प्रधानमंत्री बने. संयुक्त राष्ट्र के समूह की मांग को खारिज करते हुए पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को कहा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लंबित मामले आंतरिक मामले हैं. कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने समूह की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा कि खान को कई मामलों में राहत मिलना पारदर्शी एवं निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली का परिचायक है. संविधान, कानून और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों से परे किसी भी मांग को भेदभावपूर्ण, पक्षपातपूर्ण और न्याय के खिलाफ माना जाएगा.

(एजेंसी भाषा)

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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