आमतौर पर कांग्रेस के जन्म से लेकर गांधीजी के उसकी कमान संभालने तक के समय की पार्टी की गतिविधियों पर चर्चा नहीं होती है. इतिहासकारों ने भी उस दौर व उस दौरके बड़े चेहरों के ऊपर काम करना बंद-सा कर दिया है. पत्रकार विष्णु शर्मा की किताब ‘कांग्रेस प्रेसिडेंट्स फाइल्स’ उसी अछूते हिस्से की दिलचस्प घटनाओं को रिसर्च के साथ सहेजती है.
‘कांग्रेस प्रेसिडेंट्स फाइल्स’ में सबसे दिलचस्प है उस शपथ का एक-एक शब्द जानना, जो कांग्रेस अधिवेशनों में अंग्रेजी राज की वफादारी के लिए पढ़ी जाती थी, इसे ‘लॉयलिटी ऑफ ओथ’ कहा जाता था. इस किताब में ऐसे तमाम तथ्य हैं, जो आम पाठकों को हैरान करेंगे जैसे कोई अध्यक्ष टीपू सुल्तान का वंशज था तो किसी का खानदान बाबर संग भारत आया था और जिन्ना संग पाकिस्तान चला गया. एक के पुरखे औरंगजेब के शिक्षक रहे थे तो सावरकर को काला पानी की सजा सुनाने वाला जज भी कांग्रेस का अध्यक्ष रहा. एक ने ब्रिटेन की महारानी को अवतार घोषित कर दिया था तो एक ने विक्टोरिया मेमोरियल बनवाया था.
इन्हीं में से एक कांग्रेस अध्यक्ष पर तो अक्षय कुमार भी मूवी बनाने जा रहे हैं, जिनके नाती कभी मनमोहन सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. इस व्यक्ति को इसलिए माना जाता है कि इस कांग्रेस अध्यक्ष ने लंदन जाकर जनरल डायर के खिलाफ केस लड़ा था. लेकिन विष्णु शर्मा की किताब इस दावे ‘ए केस दैट शुक द एम्पायर’ पर ही कई सवाल उठा देती है, वो ये भी बताती है कि इसी अध्यक्ष ने कभी गांधीजी को लेकर एक किताब लिखी ‘गांधी एंड अनार्की’.
कुल 352 पेज की इस किताब में 35 अध्याय हैं. खास बात ये है कि एक अध्याय से दूसरे अध्याय का कोई सीधा कनेक्शन नहीं है और वो 35 अलग-अलग कहानियां लगती हैं.
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ‘कांग्रेस प्रेसिडेंट्स फाइल्स’ वास्तव में पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों से जुड़े विवादास्पद पहलुओं का संकलन है. जो मौजूदा राजनीतिक माहौल में उन्हें खलनायक साबित करने की सधी कोशिश जैसी लगती है. अगर आप कांग्रेस विरोधी हैं तो ये किताब आपको पसंद आ सकती है लेकिन अगर आप उसके समर्थक रहे हैं तो ये प्रोपेगेंडा टाइप ही फील देगी. लेखक इससे पहले अपनी किताब इंदिरा फाइल्स के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक करियर के विवादास्पद पक्षों को भी उकेर चुके हैं. ये किताब भी उसी पैटर्न और मकसद के साथ लिखी दिखती है जो विष्णु शर्मा खुद अपनी बुक की टैगलाइन में बताते भी हैं, ‘तथ्यों का खजाना, जो कांग्रेस के बारे में आपकी राय बदल देगा’.
विष्णु शर्मा इससे पहले ‘इंदिरा फाइल्स’ के अलावा ‘इतिहास के 50 वायरल सच’ औऱ ‘गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएं’ भी लिख चुके हैं. वे फिल्म समीक्षक हैं, इंटनेशनल फिल्म फेस्टीवल, गोवा (IFFI) की ज्यूरी में दो साल रह चुके हैं. पत्रकारिता में 25 साल से सक्रिय हैं.
किताबः कांग्रेस प्रेसिडेंट्स फाइल्स
लेखकः विष्णु शर्मा
प्रकाशकः प्रभात प्रकाशन
पृष्ठः 352
मूल्यः 350 रुपये
+91 120 4319808|9470846577
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