नहीं लुभा पाए बड़ी कंपनियों के ऑफर, इंजीनियर से बनीं IAS, UPSC की इस राह में ये नाम भी शामिल

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महज 22 साल की उम्र में IAS की टफ परीक्षा यूपीएससी पास करने वाली सिमी करण जैसे होनहार अभ्यर्थी सफलता की नई इबारत ल‍िखने वालों में से एक है. सिमी करण ने सबसे पहले आईआईटी मुंबई से बीटेक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद वो लगातार यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं. इस परीक्षा में बड़ी संख्या में छोटे शहरों के बच्चों ने भी सफलता हासिल करके दिखा दिया है कि सफलता के लिए संसाधन से ज्यादा मेहनत जरूरी है.

आप जरा सोचकर देख‍िए कि आईआईटी और जेईई जैसी परीक्षा पास करना कितना कठ‍िन काम है. सिमी ने भी ये परीक्षाएं पास कीं लेकिन उन्होंने इंजीन‍ियरिंग को ही अपनी मंजिल नहीं माना. देश-दुनिया की टॉप की कंपनियों के करोड़ रुपये के पैकेज ऑफर उनके सामने बाधा नहीं बने. इस परीक्षा को पास करके भी सिमी को लग रहा था कि उनकी मंज‍िल कार्पोरेट जॉब नहीं बल्क‍ि समाज के लिए कुछ सार्थक करना है. बस, यहीं से उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

यूपीएससी पास करने के अपने सफलता मंत्र का खुलासा करते हुए सिमी ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि मैंने कभी पढ़ाई के घंटों पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म गोल्स निर्धारित किए. इसलिए, शेड्यूल में उतार-चढ़ाव होता रहा लेकिन औसतन, मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की. मैंने हमेशा पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दिया है. गौरतलब है कि सिमी ने मई 2019 में IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और आईआईटी की परीक्षा पास करने के दो महीने बाद, 22 साल की उम्र में, 2019 की यूपीएससी CSE एग्जाम क्रैक किया था.

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आपको बता दें कि इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करके आईआईटी से ड‍िग्री लेकर यूपीएससी को अपनी मंजिल बनाने में स‍िमी अकेला नाम नहीं हैं. इसी राह में और कई नाम भी शामिल हैं. जिन्होंने इंजीनियरिंग का करियर छोड़कर यूपीएससी में सफलता हास‍िल की है.

इंजीनियर‍िंंग छोड़ पकड़ी UPSC की राह

इस कड़ी में पहला नाम रोबिन बंसल का है. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में रोबिन बंसल ने 135वीं रैंक हासिल की है.उन्होंने 36 लाख पैकेज की नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया था और चौथे अटेंप्ट में उन्हें सफलता मिली.दूसरा नाम अव‍िनाश कुमार का है, भारत नेपाल सीमा से सटे एक छोटे से गांव बघवा निवासी अविनाश कुमार ने UPSC परीक्षा 2022 में 17वीं रैंक हासिल की है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अविनाश को पश्चिम बंगाल के बिजली परियोजना में नौकरी भी मिल गई थी.

तीसरा नाम राम सब्बनवार का है. उत्तर प्रदेश कैडर के 2022 बैच के IAS अध‍िकारी राम सब्‍बनवार ने दूसरे अटेम्‍प्‍ट में AIR 202 रैंक हासिल की थी. उन्होंने पुणे से इंजीनियरिंग और TISS-Mumbai से पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन में MBA किया.उन्हें Google में इंटर्नशिप करने का भी मौका मिला था. वहीं एक उदाहरण रुशाली कलेर का भी है. जालंधर की 24 साल की रुशाली कलेर ने यूपीएससी परीक्षा 2022 में 492वीं रैंक हासिल की है. पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से बीटेक स्नातक करने के बाद, रुशाली ने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास की थी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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