UPSC ने रद्द की लेटरल एंट्री भर्ती, आरक्षण विवाद के बाद जारी किया ये नोटिस

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UPSC लेटरल एंट्री भर्ती 2024 में आरक्षण विवाद के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने भर्ती रद्द कर दी है. यूपीएससी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिस जारी कर इसकी सूचना दी है. यूपीएससी में लेटर एंट्री को लेकर छिड़ी बहस की वजह से केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया था. इस संबंध में कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है.

केंद्रीय कर्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई जाए. कर्मिक मंत्री ने पत्र में कहा था कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है. इस पत्र में कहा गया है कि अधिकतर लेटर एंट्रीज 2014 से पहले की थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था. प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.

45 खाली पदों पर मांगे गए थे आवेदन
17 अगस्त 2024 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने लेटरल एंट्री के माध्यम से ज्वॉइंट सेक्रेटरी डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के 45 खाली पदों के लिए आवेदन मांगे थे. इन पदों के लिए गैर-सरकारी विभागों में काम करने वाले भी आवेदन कर सकते थे. यूपीएससी के इस फैसले से लोगों में नाराज़गी थी, लोगों का कहना था कि इस तरह से इन पदों पर आवेदन मांगने से आरक्षित श्रेणी के लोगों के अधिकारों का हनन होगा. बता दें कि इन पदों के लिए आवेदन आधिकारिक वेबसाइट पर मांगे गए थे.

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यूपीएससी की चेयरमैन से की गई थी ये मांग
इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर डॉ. जितेन्द्र सिंह (यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर पर्सोनल) ने यूपीएससी द्वारा लेटरल एंट्री के माध्यम से मांगे गए आवेदन के संज्ञान में यूपीएससी की चेयरमैन प्रीती सूदन को पत्र लिखा था. इस पत्र में यूपीएससी लेटरल एंट्री की विज्ञप्ति को वापस लेने और तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई थी. अब यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट https://upsc.gov.in/ पर से इस विज्ञप्ति को हटा लिया गया है.

यूपीएससी का नया नोटिस, यहां देखें-

क्या लिखा था यूपीएससी के चेयरमैन को दिए पत्र में?
प्रीती सूदन को लिखे गए पत्र में डॉ. जितेन्द्र सिंह (यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर पर्सोनल) ने लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए रोजगार में आरक्षण मुहैया कराने का एकमात्र उद्देश्य है सामाजिक स्तर पर पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके साथ सालों से हो रहे अन्याय से मुक्त कराना और समाज में एक समान लाना. अपने पत्र में आगे लिखते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि जिन पदों पर लेटरल एंट्री के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी वे पद स्पेशलाइज्ड और उच्च स्तर के पद हैं जिनमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. पीएम मोदी के सामाजिक समानता के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये आवश्यक है कि इसका विश्लेषण कर सुधार किया जाए. 'इसलिए मैं यूपीएससी से अपील करता हूं कि लेटरल एंट्री के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए.'

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यूपीएससी में रद्द की लेटरल एंट्री का नोटिस
यूपीएससी में लेटरल एंट्री के माध्यम से आवेदन मांगने वाली विज्ञप्ति को रद्द करने की मांग के बीचयूपीएससी ने आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए ज्वॉइंट सेक्रेटरी डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के सभी 45 खाली पदों पर आवेदन की विज्ञप्ति को वापस लेने और रद्द करने की बात कही है.

क्या होती है लेटरल एंट्री?
लेटरल एंट्री की सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो पहले से ही किसी विभाग में कार्यरत हैं और अपने करियर के अपग्रेड करना चाहता है तो उसके लिए सरकार ने कुछ सहूलियतें दी हैं. अगर इच्छुक उम्मीदवार लेटरल एंट्री से भर्ती लेने के लिए सभी पात्रताओं को पूरा करते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा कुछ नियमों में ढील दे दी जाती है.

अगर लेटरल सिस्टम की बात करें तो यूपीएससी लेटरल एंट्री के जरिए सीधे उन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है, जिन पद पर आईएएस रैंक के ऑफिसर तैनात किए जाते हैं. यानी इन सिस्टम में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में सीधे उपसचिव यानी ज्वाइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर/डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर उम्मीदवारों की नियुक्ति होती है. इसमें निजी क्षेत्रों से अलग अलग सेक्टर के एक्सपर्ट्स को सरकार में इन पदों पर नौकरी दी जाती है. इस सिस्टम में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा नहीं लेता है और बिना एग्जाम में इंटरव्यू के जरिए प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की इन पदों पर नियुक्ति की जाती है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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