स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, सहरसा। अंक ज्योतिषाचार्य पायल मिश्रा ने बताया कि पितृपक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों को समर्पित एक विशेष समय होता है। जिसमें हम अपने पितरों को श्रद्धा और सम्मान अर्पित करते हैं। यह आमतौर पर 15 दिनों का समय होता है, जो भाद्रपद महीने की पूर्णिमा (पूर्णिमा तिथि) से शुरू होकर अमावस्या (महालय अमावस्या) तक चलता है।
इस समय पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए विशेष कर्म किए जाते हैं। पितृपक्ष में किए गए धार्मिक और पवित्र कार्यों से कई लाभ हो सकते हैं।
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