लालू यादव फिर जाएंगे जेल? लैंड फॉर जॉब की जद में पूरा परिवार

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

कोर्ट ने माना लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई के लिए लालू परिवार के खिलाफ पर्याप्त सबूत

कोर्ट ने कहा- लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग कर बड़ी तादाद में जमीन का ट्र

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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

कोर्ट ने माना लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई के लिए लालू परिवार के खिलाफ पर्याप्त सबूत

कोर्ट ने कहा- लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग कर बड़ी तादाद में जमीन का ट्रांसफर कराया

लैंड फॉर जॉब में एक बार फिर लालू परिवार की मुश्किल बढ़ सकती हैं।

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित पूरे लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, यह मामला लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़ा है। लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट ने इस बात को माना लिया है कि अब उसके पास मुकदमा चलाने लायक पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में प्रथम दृष्टि पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। लैंड फॉर जॉब मामले में जारी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह बात भी स्वीकार कर ली है कि लालू यादव के परिवार की ओर से अपने पद का दुरुपयोग किया गया है। कोर्ट का कहना है कि पद का दुरुपयोग करते हुए बड़ी तादाद में जमीन का ट्रांसफर कराया गया। कोर्ट ने यह भी माना कि यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर किया गया है। इसके पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

जिनके नाम की गई जमीन ट्रांसफर, सबूत मौजूद

तेजस्वी यादव लगातार इस बात का खंडन करते रहे हैं कि 'लैंड फॉर जॉब मामले में उनका और उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। वह लगातार मीडिया से यह कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। तारीख पड़ती है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।' लेकिन कोर्ट ने उनके दावे को खारिज कर दिया है। ये शायद पहली बार हो रहा है कि कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने आगे बताया कि किरण यादव ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर की। इसके बदले किरण यादव के बेटे को नौकरी दी गई। इस पूरे मामले में किरण यादव के पति भी शामिल हैं।

राबड़ी देवी, तेजस्वी और तेज प्रताप को जमीन हुई ट्रांसफर

इस बार लालू प्रसाद यादव और उनके पूरे परिवार की मुश्किलें वाकई बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कोर्ट ने कहा है कि एक इन्फो सिस्टम की ओर से राबड़ी देवी तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन ट्रांसफर की गई है। इसके सबूत कोर्ट के पास मौजूद हैं।

पूछताछ के दौरान CBI के खिलाफ लगे थे नारे

सीबीआई इस मामले में जांच कर रही थी। सीबीआई ने पटना में करीब दो दर्जन परिवारों से उनके जमीन के कागजात और ट्रांसफर के दस्तावेज कलेक्ट किए। सीबीआई ने पटना में राबड़ी आवास पहुंचकर उनसे भी पूछताछ की। इसके आधार पर जमा किए दस्तावेज अब कोर्ट के पास मौजूद हैं। याद दिला दें कि पटना में राबड़ी आवास पर सीबीआई की बड़ी टीम ने पूछताछ की थी, करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद राजद कार्यकर्ताओं ने सीबीआई के साथ धक्का मुक्की भी की थी। सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी भी की गई थी। बताते चलें कि सीबीआई को राबड़ी आवास से बाहर निकालने के दौरान स्थानीय पुलिस बल की मदद लेनी पड़ी थी।

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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