भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। धान के इस सीजन में आढ़ती, शेलर व किसान तो परेशान हैं ही, इनसे अधिक मायूस हैं अन्य राज्यों से आए सैकड़ों मजदूर। ये मजदूर हर वर्ष पंजाब की मंडियों में बिहार व उत्तर प्रदेश से काम करने के लिए पहुंचते हैं।
एशिया की सबसे बड़ी खन्ना मंडी में ये मजदूर डेढ़ माह में वर्षभर की कमाई करके लौट जाते हैं। इन मजदूरों का कहना है कि वे धान सूखाकर बोरियों में भरने का काम करते हैं, लेकिन इस बार धान की लिफ्टिंग नहीं होने से कोई काम नहीं है। पिछले कई दिनों से थोड़ा बहुत ही कम काम मिल रहा है। अधिकांश समय ये मजदूर धान की बोरियों पर ही आराम करके गुजार रहे हैं।
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