‘चौबे गए छब्बे बनने, दुबे बनकर लौटे’, नेता जी हाईकोर्ट गए थे सुरक्षा बढ़वाने, अदालत ने पहले वाली भी छीन ली

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ‘चौबे गए छब्बे बनने, दुबे बनकर लौटे’। यह कहावत गुरुवार को हाईकोर्ट में चरितार्थ हुई। एक नेता जी पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। हाईकोर्ट के आदेश पर उनकी पुरानी सुरक्षा भी वापस हो गई। हाईकोर्ट ने नेत

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ‘चौबे गए छब्बे बनने, दुबे बनकर लौटे’। यह कहावत गुरुवार को हाईकोर्ट में चरितार्थ हुई। एक नेता जी पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। हाईकोर्ट के आदेश पर उनकी पुरानी सुरक्षा भी वापस हो गई। हाईकोर्ट ने नेता जी की याचिका को खारिज करते हुए सरकार को उसे पहले दी गई सुरक्षा भी वापिस लेने का आदेश जारी कर दिया।

पुलिस सुरक्षा का स्टेटस सिंबल के रूप में दुरुपयोग करने की निंदा करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा केवल वैध, खतरों का सामना करने वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित होनी चाहिए, न कि किसी ‘विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग’ को वीआईपी होने का दिखावा करने के लिए।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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