दिल्ली पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन में तीन लोगों को गिरफ्तार कर ड्रग्स के एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. यह सिंडिकेट प्रतिबंधित ड्रग्स के निर्माण और उसकी तस्करी में संलिप्त था. पुलिस ने इनके पास से लगभग 1 करोड़ रुपये की अवैध ड्रग्स और अवैध फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली मशीनें जब्त की हैं.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान समालुद्दीन उर्फ सादिक, मोहम्मद गुलजार, सलमान है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 1.80 लाख अल्प्राजोलम टैबलेट्स और 9,000 बोतल ट्रिप्रोलिडीन हाइड्रोक्लोराइड और कोडीन फॉस्फेट सिरप बरामद किए हैं. इसके अलावा, अवैध फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, नकली लेबल और पैकेजिंग सामग्री भी जब्त की गई है.
पुलिस ने बताया कि 25 दिसंबर को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई.इसके बाद दिल्ली के बवाना इलाके में चल रही अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा गया.
समालुद्दीन है सिंडिकेट का मुख्य सरगना
पुलिस के अनुसार, समालुद्दीन, जो इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना है उसके पासबी.फार्मा की डिग्रीहै.उसने सलमान के साथ मिलकर बवाना में अवैध फैक्ट्री स्थापित की थी.इस फैक्ट्री में अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल और कोडीन आधारित सिरप का उत्पादन हो रहा था.
गुलजार, जो एक ग्राफिक्स डिजाइनर है उसने सिंडिकेट के लिए 'अभेशिफा फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग कंपनी'नाम से एक फर्जी फर्म रजिस्टर करवाई थी.उसने अवैध दवाओं के लेबल डिजाइन करने और पैकेजिंग सामग्री छपवाने में मदद की.
नकली लाइसेंस और ब्रांड
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी नकली मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस और बैच नंबर का उपयोग कर रहे थे.दवाओं की बोतलों पर दिए गए पते और क्यूआर कोड भी फर्जी थे.उन्होंने नकली ब्रांड नाम का भी इस्तेमाल किया और अपनी खुद की दवा निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रहे थे. पुलिस के अनुसार, मामले की गहराई से जांच की जा रही है.सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश भी जारी है.
विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम ब्रांच) देवेन्द्र चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यह कार्रवाई नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ पुलिस की सख्त नीति का हिस्सा है.
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