आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में एमसीडी में तीसरा मेयर चुनाव कल (गुरुवार) होने जा रहा है. एमसीडी सदन की बैठक कल दोपहर (14 नवंबर) 2 बजे होगी जिसमें पीठासीन अधिकारी बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाएंगी. एमसीडी के एडमिनिस्ट्रेटर एलजी होते हैं, जिन्होंने सत्या की नियुक्ति की है. सीनियर मोस्ट पार्षद होने के नाते सत्या को यह जिम्मेदारी दी गई है.
साल 2023 में सत्या की नियुक्ति पर AAP ने किया था विरोध
दिसंबर 2022 और 2023 में पहली बार मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनने पर एमसीडी सदन में पहले एल्डरमैनों और बाद में चुने हुए पार्षदों की शपथ पर भारी हंगामा हुआ था. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने कड़ा विरोध किया था. कई बैठकों में मेयर का चुनाव संभव नहीं हो पाया था. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा की पार्षद होने के नाते सत्या शर्मा ने कई कदम उठाए जो असंवैधानिक रहे लेकिन भाजपा को सीधा फायदा पहुंचा.
आम आदमी पार्टी पार्षदों को सिसोदिया ने दिया जीत का मंत्र
सूत्रों का कहना है कि पार्टी की तरफ से सभी पार्षदों को आदेश दे दिया गया है कि पीठासीन अधिकारी के आदेश को मानना है और चुनाव करवाना है. सिसोदिया के अलावा संजय सिंह, निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने पार्टी हेडक्वार्टर में जीत का मंत्र दिया. जिसका एजेंडा मेयर चुनाव जीतने का था.
एमसीडी की चुनावी तैयारी
दो अलग-अलग मतदान केंद्र है. लेकिन सदन में मतदान के समय निर्वाचित प्रतिनिधियों को मोबाइल फोन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि दिशा-निर्देशों का विरोध आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव के दौरान किया था. मेयर चुनाव में एमसीडी के 249 पार्षदों के अलावा 14 विधायक, दिल्ली से लोकसभा के सातों सांसद और राज्यसभा के तीन सांसद भी हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्हें सदन में मोबाइल फोन साथ ले जाने की अनुमति नहीं होगी. इस संबंध में एमसीडी ने सभी पार्षदों, विधायकों व सांसदों के पास सूचना भेज दी है.
ये हैं मेयर पद के प्रत्याशी
AAP ने देव नगर के वार्ड 84 से पार्षद महेश खीची, जबकि BJP ने शकूरपुर से किशन लाल को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है. वहीं आप ने डिप्टी मेयर के लिए अमन विहार के काउंसलर रविंदर भारद्वाज को नामित किया है. इसी पद के लिए बीजेपी ने सादतपुर से नीता बिष्ट को चुनाव मैदान में उतारा है. मेयर चुने जाते ही मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय पूर्व मेयर हो जाएंगी. अप्रैल 2024 से ही नए मेयर का चुनाव अटका हुआ था. दिल्ली नगर निगम का एक्ट ये कहता है कि नए मेयर के चुनाव की तारीख और समय मेयर निर्धारित करती हैं तो वहीं चुनाव करवाने के लिए पीठासीन अधिकारी दिल्ली के एलजी तय करते हैं. जाहिर है विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और आप दोनों चाहेंगे कि मेयर उसका हो और विधानसभा चुनाव में उत्साह के साथ उतर सके.
5 महीने ही कार्यकाल होगा नए चुने हुए मेयर का
इस बार चुनाव में एक दलित उम्मीदवार को मेयर के पद पर चुने जाने की संभावना है, लेकिन दोनों दलों के बीच खींचतान के चलते नए मेयर का कार्यकाल केवल पांच महीने का होगा. AAP और BJP के बीच सात महीने तक चली खींचतान के कारण एमसीडी हाउस में बार-बार रुकावटें आईं और अप्रैल में होने वाले चुनावों को देर से आयोजित किया गया.
ऐसे अटक गया था चुनाव
आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी में मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय एक्सटेंशन पर हैं. अप्रैल 2024 से ही दिल्ली नगर निगम को उसका तीसरा मेयर चुना जाना बाकी है. अब जब मेयर और सीएम दोनों आप की हैं और केजरीवाल ने इसी 16 अक्टूबर को खत लिखकर मेयर का चुनाव करवाने की बात कही बावजूद इसके दिल्ली को उसका तीसरे साल का अनुसुचित जाति का मेयर नही मिला. बीते 28 अक्टूबर को मेयर ने बैठक में ऐलान किया था कि दीवाली के बाद चुनाव होंगे.
मौजूदा मेयर शैली का ऐसे बढ़ता गया एक्सटेंशन
अप्रैल 2024 में महापौर के चुनाव के वक्त बीजेपी और आप ने प्रत्याशी घोषित कर दिया लेकिन पीठासीन अधिकारी तय करने वाली यह कहकर लौटा दी कि फाइल पर सीएम का रिकमेंडेशन नही है साथ ही नए मेयर चुने जाने तक मौजूदा मेयर को पद पर बने रहने के लिए कहा. तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उस वक्त जेल में थे लिहाजा वो रिकमेंडेशन नही कर पाए. तभी अप्रैल 2024 महापौर का चुनाव लंबित चल रहा है.
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मेयर चुनाव पर ये कहता है कि दिल्ली नगर निगम का एक्ट
दिल्ली नगर निगम के मयर का चुनाव हर साल अप्रैल में होता है. दिसंबर 2022 में जब निगम के आम चुनाव हुए तो आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद आप पार्षद डॉ. शैली ओबेराय फरवरी 2023 में महापौर बन गई थी. वित्तीय वर्ष खत्म हुआ तो अप्रैल 2023 में हुए महापौर के चुनाव में फिर शैली ओेबेराय महापौर चुनी गई. अप्रैल 2024 का महापौर चुनाव हो नहीं पाया एमसीडी एक्ट के अनुसार महापौर पद पर पहला साल महिला पार्षद के लिए आरक्षित, दूसरा जनरल और तीसरा साल अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है.
मेयर चुनाव पर एमसीडी एक्ट
मेयर के चुनाव हर साल अप्रैल में होता है. हर 5 साल में हर साल अलग-अलग पांच लोगों को एक-एक साल के लिए मौका मिलता है. पहला साल महिलाओं के लिए, दूसरा जनरल तीसरा रिजर्व और आखिरी 2 साल फिर से जनरल श्रेणी के होते हैं.
बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने मेयर चुनाव टलने की आशंका जताई है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्षदों से अपील की है कि वे वोट देने से पहले अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें. कपूर ने कहा कि जिस तरह से दलित मेयर चुनाव टाला गया, उससे AAP पार्षद बहुत परेशान हैं. हमारे पार्षद विकास के लिए वोट देंगे और उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद भी विकास के लिए ही वोट देंगे.
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