देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में आज यानी 24 अक्टूबर को प्रदूषण से कुछ राहत मिली है. हालांकि, ये राहत नाकाफी है लेकिन पिछले दिनों से तुलना करें तो बुधवार के मुकाबले दिल्ली के एक्यूआई में मामूली कमी आई है. वहीं, बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जोरों पर है. दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रैप 2 भी लागू है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा अपडेट के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे के करीब दिल्ली का औसत एक्यूआई 332 मापा गया है और अधिकतर इलाकों का एक्यूआई भी 300 के पार बना हुआ है. हालांकि, आज कहीं भी 400 के पार आंकड़ा नहीं गया है.
NCR में भी बिगड़ने लगी हवा
- ग्रेटर नोएडा- 196
- गाजियाबाद- 320
- नोएडा- 304
- गुरुग्राम- 248
- फरीदाबाद-181
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
दिल्ली के इलाके | बुधावार का AQI | गुरुवार का AQI |
अलीपुर | 366 | 339 |
आनंद विहार | 403 | 390 |
अशोक विहार | 358 | 351 |
आया नगर | - | - |
बवाना | 388 | 379 |
बुराड़ी | - | 357 |
चांदनी चौक | 264 | 233 |
DTU | 315 | 252 |
डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज | 340 | 338 |
द्वारका सेक्टर-8 | 360 | 343 |
आईजीआई एयरपोर्ट | - | 334 |
दिलशाद गार्डन | 273 | 258 |
आईटीओ | - | 321 |
जहांगीरपुरी | 414 | 386 |
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम | 291 | 282 |
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम | 353 | 343 |
मंदिर मार्ग | 348 | 334 |
मुंडका | 370 | 365 |
द्वारका एनएसआईटी | 364 | 380 |
नजफगढ़ | 339 | 347 |
नरेला | 354 | 336 |
नेहरू नगर | 358 | 340 |
नॉर्थ कैंपस | - | - |
ओखला फेस-2 | 339 | 316 |
पटपड़गंज | 365 | 340 |
पंजाबी बाग | 364 | 247 |
पूसा DPCC | 305 | - |
पूसा IMD | 303 | 312 |
आरके पुरम | 347 | 353 |
रोहिणी | 384 | 369 |
शादीपुर | 318 | 292 |
सिरीफोर्ट | 329 | 332 |
सोनिया विहार | 383 | 359 |
अरबिंदो मार्ग | 316 | 328 |
विवेक विहार | 393 | 358 |
वजीरपुर | 381 | 347 |
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का क्या है हाल, देखें खास कवरेज
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर मेंग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं.आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के4 चरण होते हैं
- जब दिल्ली में हवा 201 से 300 एक्यूआई तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है.
- इसके बाद अगर हवा ज्यादा खराब होती है और एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है.
- अगर हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी एक्यूआई 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण लगता है.
- हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है.
दिल्ली-NCR में ग्रैप-2 के तहत ये पाबंदियां लागू
- डीजल जनरेटर चलने पर रोक लगेगी.
- प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा.
- प्रतिदिन सड़कों पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव होगा.
- सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ाया जाएगा.
- RWA अपने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर देंगी ताकि वे गर्माहट के लिए कूड़ा, लकड़ी या कोयला न जलाएं.
- नैचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर चल सकेंगे.
- 800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह रेट्रोफिटिंग करवाएंगे.
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