रहस्यमयी धमाका, धुएं का गुबार, शॉकवेव और सफेद पाउडर... रोहिणी ब्लास्ट केस की जांच में अब तक क्या खुलासे हुए हैं?

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राजधानी दिल्ली में रविवार की सुबह का आगाज भीषण ब्लास्ट के साथ हुआ. रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में CRPF स्कूल के पास सुबह साढ़े सात बजे के करीब भयंकर धमाके की आवाज आई और इसके ठीक बाद लोगों ने आकाश तक उठता धुएं का सफेद गुबार देखा. धमाके की आवाज सुनकर लोग घबरा गए और इलाके में बदबू फैल गई, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होने लगी. राहत की बात है कि इस ब्लास्ट में न कोई घायल हुआ और न ही जान-माल की हानि हुई है.

प्रारंभिक जांच में माना गया डायरेक्शनल ब्लास्ट
धमाके की प्रारंभिक जांच में इसे डायरेक्शनल ब्लास्ट माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, विस्फोटक सामग्री को इस प्रकार से लगाया गया था कि उसके रिफ्लेक्टिव प्रेशर (Reflective Pressure) से शॉकवेव (Shockwave) उत्पन्न हो, जिससे आसपास के इलाके में नुकसान पहुंचा.

सुपरसोनिक स्पीड में फैली थी शॉकवेव
जांचकर्ताओं के अनुसार, ऐसे मामलों में ठोस या तरल विस्फोटक सामग्री बहुत गर्म, सघन और उच्च दबाव वाली गैस में परिवर्तित हो जाती है. विस्फोट के बाद यह गैस बेहद तेज गति से फैलती है, जिससे हवा में एक शक्तिशाली शॉकवेव पैदा होती है. यह शॉकवेव आस-पास के इलाकों में सुपरसोनिक स्पीड से फैलती है और भारी नुकसान का कारण बनती है. यही वजह है कि धमाके के बाद इलाके की इमारतों और गाड़ियों के शीशे टूट गए. इसके साथ ही CRPF स्कूल की दीवार में दरार आ गई.

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केंद्र ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और जल्द ही मामले को स्पेशल सेल को ट्रांसफर किया जाएगा. फिलहाल, स्पेशल सेल, एनआईए, सीआरपीएफ, एफएसएल और एनएसजी की टीमें मौके पर पहुंच कर जांच कर रही हैं. मौके पर पहुंची एजेंसियों ने पूरे इलाके को कॉर्डन ऑफ कर लिया है और वहां की मैपिंग की जा रही है. साथ ही, आसपास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि धमाका करने वाले की पहचान हो सके. केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मामले में जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

रोहिणी ब्लास्ट

आसमान में उठा था सफेद धुएं का गुबार
रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में स्थित CRPF स्कूल के पास करीब साढ़े सात बजे जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. इस धमाके के तुरंत बाद धुएं का एक सफेद गुबार आसमान की ओर उठता देखा गया. धमाके की तीव्रता से लोग घबरा गए और इलाके में बदबू फैल गई, जिससे स्थानीय लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस घटना में न कोई घायल हुआ और न ही किसी प्रकार की जान-माल की हानि हुई है.

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दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज
बताया जा रहा है कि धमाके की आवाज दो किलोमीटर तक सुनाई दी. इसमें काफी मात्रा में एक्स्प्लोसिव का इस्तेमाल किया गया था. मौके से धमाके के बाद किसी तरह का कोई मेटल जैसी चीज नहीं मिली, कोई बॉल बेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस नहीं मिला है. बम कैसे ट्रिगर हुआ, इसकी जांच पुलिस टीम कर रही है.

धमाका देकर किसी तरह के मैसेज देने की बात बताई जा रही है. जहां धमाका हुआ है, वहां कुछ दुकानें भी हैं, जहां आमतौर पर भीड़-भाड़ रहती है. हालांकि, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में बम नहीं रखा गया और सीआरपीएफ स्कूल के दीवार का जानबूझकर इस्तेमाल किया गया है.

घरों-गाड़ियों के शीशे चटके, सफेद पाउडर के अवशेष मिले
यह धमाका केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के स्कूल की दीवार के पास हुआ था,जिसके बाद धुएं का एक बड़ा गुबार उठता देखा गया. धमाके की वजह से स्थानीय लोग घबराहट में आ गए, और आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और घरों के शीशे चटकने की भी जानकारी सामने आई है. इस धमाके बाद मौके पर एक दीवार से सफेद पाउडर का अवशेष मिला है.

रोहिणी ब्लास्ट

दिल्ली पुलिस ने Telegram को लिखी चिट्ठी
दिल्ली पुलिस ने Telegram को एक पत्र लिखकर 'Justice League India' नामक चैनल से संबंधित जानकारी मांगी है. यह कार्रवाई रोहिणी में हुए ब्लास्ट के बाद की गई है. कल शाम, इस टेलीग्राम चैनल पर धमाके का सीसीटीवी फुटेज अपलोड किया गया, जिसमें इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली गई थी. हालांकि, Telegram की तरफ से अभी तक दिल्ली पुलिस को कोई जवाब नहीं मिला है. रोहिणी ब्लास्ट की जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है. पुलिस इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए हर एंगल से जांच कर रही है.

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त्योहारी सीजन में ब्लास्ट से हड़कंप
बता दें कि रविवार सुबह साढ़े सात बजे के करीब जब दिल्ली के रोहिणी स्थित प्रशांत विहार में ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी तो इससे इलाके में दहशत फैल गई. इसके लगभग 20 मिनट बाद ही जैसे-जैसे एरिया में बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियों का पहुंचना शुरू हुआ तो फिर इस मामले ने और भी चिंता बढ़ा दी. हालांकि अभी तक ये सामने नहीं आया है कि ब्लास्ट कैसे हुआ? क्यों हुआ? किसने किया? मकसद क्या था? लेकिन इस ब्लास्ट ने त्योहारी सीजन में माथे पर बल ला दिए हैं.

मौके से नहीं मिला टाइमर, डेटोनेटर या कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी, लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. घटनास्थल से 'व्हाइट पाउडर' बरामद किया गया है, और जांच के लिए पहुंची जांच एजेंसियों ने इस धमाके को 'मिस्टीरियस ब्लास्ट' यानी 'रहस्यमयी धमाका' करार दिया है. जांच एजेंसियों ने धमाके को इसलिए 'मिस्टीरियस ब्लास्ट' कहा है, क्योंकि मौके से किसी तरह का टाइमर, डेटोनेटर या कोई मेटल या फिर कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं मिला है. अब सवाल ये है कि फिर विस्फोटक में ऐसा क्या ट्रिगर हुआ कि जोरदार धमाका हुआ? इसकी जांच की जा रही है.

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CCTV फुटेज खंगाल रही दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ब्लास्ट साइट के आस-पास के कई किलोमीटर तक के CCTV फुटेज को खंगाल रही है, जिससे जानकारी मिल सके कि बम किसने रखा था. ब्लास्ट के आस-पास का मोबाइल का डंप डेटा भी कलेक्ट किया जा रहा है, जिसके जरिए ब्लास्ट पर संदिग्ध फोन नंबर जो एक्टिव थे उसका पता लगाया जा सके.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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