भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन से हर किसी की आंखें नमन हैं. उन्होंने बुधवार को 86 साल की उम्र में मुंबई के कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर को मुंबई के NCPA ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए एक स्ट्रीट डॉग भी पहुंचा. जिसके बाद गमगीन माहौल और ज्यादा मार्मिक हो गया.
'गोवा' ने रतन टाटा के पार्थिव शरीर के पास पहुंचने के बाद वह ताबूत के पास खाली जगह से चिपक कर बैठ गया और जब डॉग को वहां से हटाने की कोशिश की तो वह जमीन पर लेट गया.
'गोवा' ने सुबह से नहीं खाया कुछ
एक केयरटेकर ने कहा कि गोवा रतन टाटा के "बहुत करीब" था. जब फोटोग्राफरों ने 'गोवा' की तस्वीरें लेने के लिए धक्का-मुक्की की तो देखभाल करने वाले ने उनसे यह कहते हुए पालतू जानवर को जाने देने का आग्रह किया कि उसने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है.
टाटा का कुत्तों के प्रति प्रेम जगजाहिर है. उन्होंने साल 2020 में इंस्टाग्राम पर बॉम्बे हाउस से डॉग्स के साथ त्योहार मानते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी,जिसमें उनके साथ गोवा भी नजर आ रहा था.
इससे पहले दिन में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि टाटा डॉग्स से बेइंतहा प्यार करने के लिए जाने जाते थे. टाटा की सभी परिसरोंमेंस्ट्रीट डॉग्स को जाने की अनुमति थी, चाहे वह होटल ताज हो या टाटा ग्रुप का हेडक्वार्टर बॉम्बे हाउस.
टैक्सी में लाया गया था स्ट्रीट डॉग
एक टैक्सी में एक स्ट्रीट डॉग को अंतिम श्रद्धांजलि के लिए NCPA ग्राउंड ले जाया जा रहा था. हालांकि, ग्राउंड के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने टैक्सी को रोक लिया और पूछताछ के बाद उन्हें अंदर जाने की मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि स्ट्रीट डॉग का नाम खुद रतन टाटा ने गोवा रखा था. ये स्ट्रीट डॉग बॉम्बे हाउस में रहता है.
रतन टाटा ने रखा थानाम
11 साल पहले लगभग टाटा कर्मचारी काम के लिए गोवा गए थे और उन्हें सड़क पर एक कुत्ता मिला, जिसे वे अपने साथ मुंबई ले आए. उन्होंने कुत्ता का नाम 'गोवा' रख दिया, क्योंकि वह उन्हें गोवा में मिला था. ये स्ट्रीट डॉग गोवा पिछले 11 सालों से रतन टाटा के आवास पर रह रहा है जो कुत्ते के प्रति उनके (रतन टाटा) के गहरे प्यार को दिखाता है.
वर्ली में हुआ अंतिम संस्कार
निधन के बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मुंबई के NCPA ग्राउंड में दोपहर साढ़े तीन बजे तक रख गया था, जहां भारी तादाद में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. इसके बाद देर शाम मुंबई के वर्ली स्थित श्मशान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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