दिल्ली सरकार या LG... MCD में एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार किसे? SC सोमवार को सुनाएगा फैसला

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क्या दिल्ली में उपराज्यपाल दिल्ली सरकार को विश्वास में लिए बिना दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं?, सुप्रीम कोर्ट सोमवार 5 अगस्त को इस पर अपना निर्णय देगा. एलजी की ओर से 10 एल्डरमैन की नियुक्ति किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

दिल्ली सरकार का कहना था कि उससे सलाह मशविरा के बिना ही एलजी ने मनमाने तरीके से इनकी नियुक्ति की है. उपराज्यपाल को एल्डरमैन नामित करने की शक्ति और अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में तय करेगा की एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार को है या ये उपराज्यपाल का अधिकार है.

LG ने क्या तर्क दिया?

LG की तरफ से तर्क दिया गया कि संविधान के अनुच्छेद 239 AA के तहत एलजी की शक्तियों और राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासक के रूप में उनकी भूमिका के बीच अंतर है. उन्होंने दावा किया कि कानून के आधार पर एल्डरमैन के नामांकन में LG की सक्रिय भूमिका है.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि LG को यह शक्ति देने से यह संभावित रूप से लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित MCD को अस्थिर कर सकता है. क्योंकि उन एल्डर मैन के पास मतदान की शक्ति भी होगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि LG के पास राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक कार्यकारी शक्तियां नहीं हैं. यह शासन के एक अद्वितीय 'संघीय मॉडल' के तहत काम करती है. ये अनूठा संघीय मॉडल शासन की एक प्रणाली को संदर्भित करता है. इसमें एक संघ के भीतर विभिन्न क्षेत्रों या घटकों में स्वायत्तता और शक्तियों की अलग-अलग डिग्री होती है.

तीन क्षेत्रों में कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं LG

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि LG अनुच्छेद 239AA (3) (ए) के तहत केवल तीन विशिष्ट क्षेत्रों में अपने विवेक पर कार्यकारी शक्ति का उपयोग कर सकता है. वह है पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और भूमि. अदालत ने यह भी कहा कि यदि LG दिल्ली सरकार की मंत्रिपरिषद से असहमत है तो उन्हें कार्य नियम ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस (टीओबी) 1961 में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए.

संविधान के अनुच्छेद 77 (3) से टीओबी नियम उभरते हैं, जो सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के बीच काम और जिम्मेदारियों की लक्ष्मण रेखा तय करते हैं. वे सरकारी नीतियों, निर्णयों और कार्यों के निर्माण, अनुमोदन और कार्यान्वयन के लिए प्रक्रियाओं को रेखांकित करते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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