नीतीश कुमार हों या मल्लिकार्जुन खरगे, महिला नेताओं के बारे में नजरिया एक जैसा है!

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जिस राज्य की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी रह चुकी हों, वहां के मौजूदा CM नीतीश कुमार महिलाओं को आज भी मूर्ख समझते हैं. बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायक रेखा देवी को जिस लहजे में नीतीश कुमार ने चुप कराया है, सुनकर तो उनके बारे में बिलकुल ऐसी ही समझ बनती है.

और राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जिस तरीके से संबोधित किया है, वो सुनने के बाद तो महिलाओं के बारे उनका भी नजरिया सामने आ गया है.

बिहार में नीतीश कुमार की राजनीति के सफल होने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. शराबबंदी का वादा भी नीतीश कुमार ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं के एक कार्यक्रम में ही किया था. नीतीश कुमार की जीविका योजना, साइकिल योजना जैसे सरकारी स्कीम की बदौलत बार बार महिलाओं के वोट बड़ी संख्या में मिलते रहे हैं.

लेकिन कथित सेक्स एजुकेशन वाले नीतीश कुमार के बयान के बाद, एक बार फिर विधानसभा में नीतीश कुमार की अजीब टिप्पणी सुनने को मिली है. जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश कुमार ने विधानसभा में ही ऐसी बात बोल दी थी कि कई दिनों तक बवाल मचा रहा. तब बीजेपी ने तो काफी शोर मचाया था, लेकिन नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से लेकर डिंपल यादव तक सभी का सपोर्ट मिला था.

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महिलाओं की समझ पर नीतीश कुमार को शक क्यों है?

बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गये थे. स्पीकर नंद किशोर यादव बार-बार सदस्यों को अपनी जगह पर जाकर बात कहने की अपील कर रहे थे, लेकिन हंगामा चलता रहा - तभी नीतीश कुमार खड़े हुए और विपक्ष के सदस्यों से कहा कि उनकी जो भी मांग है वो पहले ही पूरी हो चुकी है, लिहाजा हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बजट पर वक्तव्य दे रहे थे. कह रहे थे, अगर बैठकर पूरी बात सुन लीजिएगा, तब आपको ठीक लगेगा. लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं हो रहा था. नीतीश कुमार ने सदस्यों को अपनी तरफ से समझाने की पूरी कोशिश की. बोले, सरकार ने पहले ही जातीय गणना के बाद आरक्षण की सीमा को बढ़ा दिया है, जिस पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.

नीतीश कुमार ने ये भी बताया कि उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी बिहार सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को लिखा जा चुका है. इसलिए इस मामले पर हंगामे का कोई मतलब नहीं है.

तभी नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी पर आरोप लगाया कि आरजेडी ने 2005 के बाद महिला को आगे नहीं बढ़ाया. जब आरजेडी विधायक रेखा देवी ने नीतीश कुमार के आरोप का जवाब देना चाहा तो बुरी तरह भड़क गये.

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असल में 2005 तक राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रहीं. वो पहली बार 1997 में लालू यादव के चारा घोटाले में जेल जाने के चलते मुख्यमंत्री बनी थीं. नीतीश कुमार की ही तरह जेडीयू नेता ललन सिंह की भी टिप्पणी आई है. राबड़ी देवी को लेकर ललन सिंह ने कहा है, बजट जैसी चीज उनकी समझ से बाहर है. उनको साइन करना आता नहीं, बजट पर क्या बोलेंगी. जेडीयू के अध्यक्ष रह चुके ललन सिंह फिलहाल केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

सदन में विपक्षी विधायकों के हाय-हाय करने पर नीतीश कुमार भी कहने लगे, आप सब हाय हाय हैं, हाय हाय... हाय हाय! गुस्से में लाल नीतीश कुमार आरजेडी विधायक रेखा देवी पर बिफर पड़े.

कहने लगे, 'अरे तुम महिला हो... कुछ जानती नहीं हो... कहां से आते हैं, इन लोगों ने कुछ किया है? 2005 के बाद महिला को हमने ही आगे बढ़ाया है... चुपचाप बात सुनो, अभी हम बोल रहे हैं.'

आखिर महिलाओं की समझ पर नीतीश कुमार को शक क्यों है? विपक्ष को एकजुट करने के लिए लालू यादव को साथ लेकर सोनिया गांधी से मिलने क्यों गये थे, नीतीश कुमार? सोनिया गांधी भी तो महिला ही हैं. फिर तो नीतीश कुमार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की समझ पर भी संदेह होता होगा - लेकिन आम बजट में बिहार को मिली सौगात के बाद तो तारीफ करते नहीं थक रहे हैं?

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वैसे गुजरे जमाने शरद यादव का भी 'परकटी महिलाओं' वाला बयान काफी चर्चित रहा है, और वो भी जेडीयू के अध्यक्ष रह चुके हैं. शरद यादव ने ये बात महिला आरक्षण बिल पर अपनी प्रतिक्रिया में कही थी, जो अब संसद से पास भी हो चुका है.

मल्लिकार्जुन खरगे की सोच भी मिलती जुलती ही है

बिलकुल बिहार विधानसभा जैसा तो नहीं, लेकिन राज्यसभा में भी मिलता जुलता ही वाकया देखने को मिला. बजट पर संसद के दोनों सदनों में चल रही चर्चा के दौरान राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बार के बजट में केवल दो राज्यों को ही सरकार ने दिया है, बाकी किसी को कुछ नहीं मिला है.

बीच में ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बोला कि वित्त मंत्री आपके सवाल का जवाब देंगी. सभापति की बात पर मल्लिकार्जुन खरगे बोल पड़े, 'मैं बोल लेता हूं... क्योंकि वो तो बोलने में एक्सपर्ट हैं... माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं... वो तो बोल ही देंगी.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में मल्लिकार्जुन खरगे को बीच में ही टोककर सभापति जगदीप धनखड़ ने बता दिया, वो तो आपकी बेटी के बराबर हैं. मल्लिकार्जुन खरगे 82 साल के हो रहे हैं, जबकि निर्मला सीतारमण 64 साल की हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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