भारतीय राजनीति में परिवारवाद का महत्व किसी से छुपा नहीं है. देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को पिछले 5 दशक से एक परिवार ही चला रहा है. देश में जितनी भी क्षेत्रीय पार्टियां हैं उन्हें भी अलग-अलगपरिवार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलारहेहैं. रही बात बीजेपी की, तो लगता है कि अब यह पार्टी भी भाई भतीजावाद को खत्म करने के वादे से मुकरने वाली है. हरियाणाही नहीं महाराष्ट्र और झारखंड में इस पार्टी ने रिश्तेदारों को खूब टिकट बांटें हैं. दरअसल जनता को राजकुमारों पर भऱोसा कुछ ज्यादा ही होता है. शायद यही सोचकर कांग्रेस में एक नए राजकुमार की एंट्री होने जा रही है.
दीपावली के दिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी नेएक्स पर पोस्ट किये गएवीडियो की रही. वीडियो में मामा राहुल के साथ उनके भांजे और प्रियंका गांधी के बेटे रेहान राजीववाड्रा भी नजर आए. रेहान वाड्रा इसके पहले भी कई बारसार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं. पररेहान इस बार नेताओं वाले अंदाज में में नजर आ रहे थे इसलिए चर्चा गर्म हो गई कि क्या पार्टी उनकी लांचिंग करने जा रही है. राहुल उन्हें अपने साथ उन्हें मजदूरों के पास तो ले ही गए ऐसे लोगों को पास भी ले गए जो पॉटरी का काम करते हैं.राहुल इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वो अपने भांजे के साथपुताई मजदूरों से उनका काम समझ रहे हैं. दरअसल राजकुमारों की एंट्री राजनीति में ऐसे ही होती रही है. इसलिए कांग्रेस के विरोधी लोगों को भी बोलने का मौका मिल गया. रेहान 24साल के हैं. मतलब संवैधानिक रूप से वे चुनाव लड़ने के योग्य हो जाएंगे.
रेहान को दुनिया के सामने लाने के लिए धीरे-धीरे पर्दा हटाया जा रहा है
जब भी किसी राजपरिवार में किसी राजकुमार की एंट्री राजनीति में करानी होती है तो इमेज मेकिंग करने वाली टीम बहुत पहले से ही काम करने लगती है. जैसे रेहान को उनके मामा ने देश के उन मजदूरों से रूबरू करायाजो दीपावली के अवसर पर पेंटिंग का काम करते हैं. जाहिर यह जताने के कोशिश है कि बच्चा राजपरिवार से आता जरूर है पर गरीब गुरबा -मेहनतकश लोगों के लिए उसके दिल में सम्मान है. रेहान की मां को भी इमेज मेंकिंग करने वालों नेइंदिरा का रूप देने की बहुत कोशिश की. इंदिरा गांधी जैसी हेयर स्टाइल, इंदिरा जैसी स्पीच आदि, इंदिरा जैसा आउटफिट आदि के साथ उन्हें भी जनता के सामने बार-बार लाया गया. हालांकि गांधी परिवार में प्रियंका की चुनावी राजनीति में एंट्री को लेकर शुरू से ही काफी उधेड़बुन रही.
इसी के चलतेप्रियंका को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा. पर बेटे रेहान की उम्र अभी 24 साल से भी कम है. जाहिर है जिस तरह उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में लाया जा रहाहै उससे यही लगता है कि बहुत जल्दी ही उनकी लांचिंग कर दी जाएगी. प्रियंका शायद नहीं चाहती हैं उनके बेटे को भी उनकी तरह इंतज़ार करना पड़े. इसलिए समय समय पर वह अपने बेटे रेहान को चुनावी रैलियों और रोड शो ले जाती रही हैं. लोकसभा चुनाव परिणाम वाले दिन भी रेहान परिवार के साथ पार्टी मुख्यालय में भी दिखाई दिए थे. मीडिया से बात भी करते हैं.भारत जोड़ो यात्रा तथा कई राजनीतिक कार्यक्रमों में भी प्रियंका रेहान को ले जाती रही हैं.
चौथी पीढ़ी की नाउम्मीदी को दूर कर सकती है पांचवी पीढ़ी
भारत में ऐसी मान्यता रही है कि किसी भी खानदान में एक पीढ़ी नकारा निकलती है तो आने वाली पीढ़ी एक बार फिर अपने झंडे गाड़ती है. हो सकता है कि गांधी परिवार इस टोटके को आजमा रही हो.गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी पार्टी के लिए कुछ नहीं कर पायी. मतलब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के समय में पार्टी का पतन ही हुआ है. प्रियंका को कभी पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करने नहीं दिया गया. पर राहुल गांधी लगातार कई चुनावों में पार्टी के हारने का कारण बन चुके हैं. अगर कांग्रेस पार्टी को गांधी परिवार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह नहीं चलाती तो कब का राहुल गांधी पार्टी में किनारे लगाए जा चुके होते. दूसरी तरफ आप देख सकते हैं किलगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत से कुछ कम सीटें दिलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आवाजें उठनी लगी हैं. पर कांग्रेस में कई दशक राहुल गांधी हारते रहेंगे. तब तक उन्हें नहीं हटाया जाएगा जब तक परिवार का कोई नया शख्सजिम्मेदारी न संभाल ले. शायद यही कारण है कि रेहान वाड्रा को जल्द से जल्द तैयार किया जा रहा है.
क्या अमेठी से चुनाव लड़ेंगे रेहान?
देश में अगले आम चुनाव तक रेहान वाड्राकी उम्रकरीब 28 साल की होगी. चुनाव लड़ने के लिए उनकी उम्र तब तक परफेक्ट हो जाएगी. गांधी परिवार जब चाहे उन्हें कहीं से कभी भी चुनाव लड़ा सकता है. पर पार्टी की कोशिश यही होगी कि उन्हें अमेठी या रायबरेली जैसी पारंपरिक सीट से ही लड़ाया जाए. रायबरेली सीट अब शायद ही राहुल गाधी छोड़े. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि 2029 में जब लोकसभा के चुनाव होंगे रेहान अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए देखे जाएं. सुल्तानपुर जिले केवरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना कहते हैं कि अमेठी लोकसभा के लिए 2014 में जब मिराया और रेहान बच्चे थे तब भी अपने मामा के लिए वोट मांगते थे. अमेठी उनके लिए जाना पहचाना है.लेकिन अब सवाल यह है कि क्या रेहान को आगे करना कांग्रेस के हित में होगा. तो इसका उत्तर यही है कि कांग्रेस की चाहे जो गति हो जाए गांधी परिवार से उसे मुक्ति नहीं मिलने वाली है.
वाड्रा टाइटिल होने के चलते बीजेपी जरूर तंज मारेगी. वाड्र के धर्म को लेकर भी सवाल उठाए जाएंगे. पर जनता गांधी परिवार को इन सब बातों से इतर मानती है. जब प्रियंका को इससे दिक्कत नहीं हुई तो जाहिर है कि रेहान पर इन सब बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.
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