शरद पवार पर अमित शाह का हमला, महाराष्ट्र में बीजेपी का रणनीतिक बदलाव!

4 1 62
Read Time5 Minute, 17 Second

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने पूरे देश में राजनीतिक समीकरण बदल दिये हैं. सबसे ज्यादा असर यूपी और महाराष्ट्र में देखा जा रहा है. जिस तरह बर्बाद हो चुके उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति में बाउंस बैक किया है, बीजेपी की चिंता भी स्वाभाविक लगती है - बीजेपी नेता अमित शाह का भाषण सबसे बड़ा सबूत है.

महाराष्ट्र में पहले उद्धव ठाकरे बीजेपी के निशाने पर आगे हुए करते थे, लेकिन अब उस जगह शरद पवार आ गये हैं. अब बीजेपी को भी लगने लगा है कि शरद पवार ही रिंग मास्टर बने हुए हैं - और बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी वही हैं, न कि उद्धव ठाकरे और उनकी टीम के लोग. महाविकास आघाड़ी में तो कांग्रेस भी है, लेकिन बीजेपी का उससे वास्ता तो पूरे देश में है.

अव्वल तो अजित पवार के भी बीजेपी के साथ बने रहने पर सवाल उठने लगे हैं, लेकिन जब तक साथ है तब तक वो यथाशक्ति बीजेपी काम आ ही रहे हैं. जूनियर पवार की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में सीनियर पवार के साथ हुआ सलूक भी यही बता रहा है, बशर्ते मीटिंग में मौजूद बारामती सांसद सुप्रिया सुले का दावा सही है.

Advertisement

अमित शाह के निशाने पर सीनियर पवार

लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा भले ही फेल हो गया हो, लेकिन केंद्रीय मंत्री अमित शाह अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद महायुति की सत्ता में भारी बहुमत से वापसी का दावा कर रहे हैं, और साथ में कहते हैं, आने वाले 30 साल तक देश में बीजेपी का राज रहेगा... ये ऐलान शिवाजी महाराज की धरती से कर रहा हूं. दावा करते हैं, बीजेपी विधानसभा चुनाव में विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश करेगी और फिर से महायुति से सरकार बनेगी.

और इस दावे के साथ ही अमित शाह, शरद पवार और उद्धव ठाकरे दोनो को टारगेट करते हैं, लेकिन शरद पवार के मुकाबले उद्धव ठाकरे के प्रति उनका रुख थोड़ा नरम लगता है. उद्धव ठाकरे को अमित शाह ‘औरंगजेब फैन क्लब’ का प्रमुख करार देते हैं.

लेकिन शरद पवार को अमित शाह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सरगना बता डालते हैं, और उन भ्रष्टाचार की संस्थाएं खड़ी करने का आरोप लगा डालते हैं. मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाकर भी शरद पवार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं.

अमित शाह कहते हैं, जब शरद पवार की सरकार आती है तो मराठा आरक्षण गायब हो जाता है... 2014 में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आया, और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया... तब राज्य में भाजपा सरकार थी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे... बाद में शरद पवार की सरकार आई और मराठा आरक्षण गायब हो गया... हम फिर से आये और आरक्षण देने का काम किया... अगर शरद पवार की सरकार आएगी तो आरक्षण फिर से हटा दिया जाएगा... भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सरगना अगर कोई है, तो वो शरद पवार हैं.

Advertisement

बीजेपी नेता के बयान पर शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने बड़ी ही संजीदगी के साथ रिएक्ट किया है. सुप्रिया सुले याद दिलाती हैं, उनको पद्म विभूषण भी केंद्र में बीजेपी की सरकार में ही मिला है.

सुप्रिया सुले कहती हैं, डर्टी-डजन नाम का सीरियल भी बीजेपी की तरफ से ही चलाया गया था... 12 नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली बीजेपी को बताना चाहिये की सबको आज मंत्रिपद कैसे मिल गया है?

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बदली बीजेपी की रणनीति

पहले बीजेपी के निशाने पर उद्धव ठाकरे हुआ करते थे, लेकिन अब फोकस शरद पवार की तरफ शिफ्ट हो गया है - और अमित शाह अपने साथ साथ एनसीपी नेता अजित पवार को भी मोर्चे पर लगा देते हैं, जिसकी नींव तो बारामती लोकसभा के मैदान में ही डाली गई थी. वैसे अजित पवार ने निकाय चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है. मतलब, बीजेपी का साथ तो छोड़ रहे हैं, लेकिन शरद पवार के साथ नहीं हो रहे हैं.

1. महाविकास आघाड़ी को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने हिंदुत्व को मुद्दा बनाया था. उद्धव ठाकरे पर बाला साहेब ठाकरे की पॉलिटिकल लाइन से हट जाने का इल्जाम लगाया गया, और शिवसेना के टूट जाने के बाद बीजेपी निश्चिंत भी हो गई, क्योंकि उसके बाद विपक्ष के लिए खड़ा होना उसे नामुमकिन लगा होगा.

Advertisement

जब बीजेपी नेतृत्व को लगा कि महाराषट्र की राजनीति कहीं एनसीपी का दबदबा न बढ़ने लगे, तो देवेंद्र फडणवीस के जरिये अजित पवार को भी साध लिया, और उनकी बगल वाली सीट पर डिप्टी सीएम बना कर बिठा दिया.

2. अव्वल तो लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी अपने हिसाब महाराष्ट्र को विपक्ष मुक्त बना चुकी थी, लेकिन चुनाव नतीजों ने आंखें खोल दी - अब बीजेपी को लग रहा है कि सिर्फ उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व को मुद्दा बनाने भर से काम नहीं चलेगा.

3. अब बीजेपी ने मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए उसके साथ भ्रष्टाचार को भी जोड़ दिया है - और दोनो को मिलाकर अब अमित शाह, शरद पवार को निशाना बना रहे हैं.

4. बीजेपी जानती है कि शरद पवार को शिकस्त देना काफी मुश्किल है. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले ईडी के एक नोटिस पर ही शरद पवार अपनी ताकत दिखा चुके थे, और सतारा के मैदान में मूसलाधार बारिश में रैली कर जिस तरह अपने उम्मीदवार को जिता दिया - वो अलग ही मिसाल है. भला बीजेपी उस हार को कैसे भूल सकती है.

5. अजित पवार के साथ छोड़ के जाने के बाद पार्टी का नाम और निशान तक गंवा चुके शरद पवार ने लोकसभा चुनाव नतीजों में शक्ति प्रदर्शन कर फिर से साबित कर दिया कि उनसे लोहा लेना भी लोहे के चने चबाने जैसा ही है.

Advertisement

6. यही वजह है कि अमित शाह अब नये सिरे से शरद पवार को टारगेट कर रहे हैं - और उसमें अजित पवार भी जब तक साथ हैं, साथ दे रहे हैं. भ्रष्टाचार का मुद्दा भी ऐसा है कि बीजेपी शरद पवार के साथ साथ कांग्रेस को भी आसानी से लपेट लेती है.

7. हो सकता है बीजेपी को शरद पवार के उस बयान में भी राजनीति नजर आई हो, जिसमें शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने से इनकार कर दिया था.

असल में अमित शाह ने महाराष्ट्र में काफी प्रयोग कर लिया है. एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाने से लेकर अजित पवार को भी महायुति की सरकार में शामिल करके, लेकिन बीजेपी को अब तक ऐसा कोई फायदा तो नहीं ही हुआ है, जिसके लिए सारे पापड़ बेले जाते रहे हैं - जैसे देश में राहुल गांधी गठबंधन की राजनीति के बूते फिर से खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नये सिरे से चैलेंज करने लगे हैं, महाराष्ट्र में शरद पवार बीजेपी को पानी पिलाने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे हैं. यहां तक कि बारामती में भी अजित पवार को मोर्चे पर लगाने का प्लान भी फेल हो गया - ये तो मालूम हो गया कि बीजेपी शरद पवार को घेरने में जुट गई है लेकिन और क्या क्या तरीके होंगे, अभी देखना होगा.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बहराइच हिंसा: 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए पांचों आरोपी, कोर्ट की जगह जज के आवास पर हुई पेशी

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now