केजरीवाल और ममता बनर्जी के ताजा रुख ही INDIA गुट का स्टेटस अपडेट है

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विपक्षी खेमे की राजनीति में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी तीन प्रमुख किरदार नजर आते हैं - और राहुल गांधी का रोल गठबंधन के बीच की मुख्य कड़ी होने जैसा ही है.

अपने अपने चुनाव कैंपेन के अलावा ये सभी नेता इस दावे पर सहमति जता रहे हैं कि INDIA गठबंधन केंद्र में अगली सरकार बनाने जा रहा है - और लगे हाथ सरकार न बनने के नुकसान और बन जाने के फायदे भी अपने अपने हिसाब से समझा रहे हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वैसे तो दूर दूर नजर आती हैं, लेकिन अब कह रही हैं कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो वो बाहर से समर्थन देंगी, जाहिर है ममता बनर्जी के इस बयान के भी खास मायने हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी गठबंधन की सरकार बनने का फायदा समझा रहे हैं - अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि अगर 4 जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो वो जेल से बाहर आ जाएंगे. असल में अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली हुई है, और 2 जून को सरेंडर करना है. वैसे प्रवर्तन निदेशालय तो अभी सुप्रीम कोर्ट में उनके राजनीतिक बयानों पर आपत्ति जताने लगा है.

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अरविंद केजरीवाल की सक्रियता ऐसे समझी जा सकती है कि एक दिन दिल्ली में वो कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में रोड शो करते हैं, तो दूसरे दिन लखनऊ जाकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेस करते हैं. एक दिन पहले ही अखिलेश यादव कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं.

अरविंद केजरीवाल के लिए अच्छी बात ये है कि उनको कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों का साथ मिल रहा है. राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ लखनऊ पहुंचे अरविंद केजरीवाल के सामने स्वातिमालीवाल का मुद्दा मीडिया ने उठाया, तो अखिलेश यादव ये कहते हुए टाल गये कि और भी महत्वपूर्ण मसले हैं बात करने के लिए. एक दिन पहले भी अखिलेश यादव ने ऐसा ही किया था.

अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य तौर पर चार बातों पर जोर दिया है, जिसे आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया जा रहा है. चार में से एक बात तो 4 जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने का है, और बाकी वही बातें जो अरविंद केजरीवाल अपनी तरफ से बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कह चुके हैं.

इन सारी गतिविधियों के बीच कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब खोजना महत्वपूर्ण लगता है - मसलन, इंडिया गठबंधन में कौन कौन राजनीतिक दल कितना करीब और एकजुट है.

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केजरीवाल और कांग्रेस कितने साथ हैं?

पहले खबर आई थी कि 15 मई को अरविंद केजरीवाल, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव एक साथ लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं. उस दिन का अरविंद केजरीवाल के प्रेस कांफ्रेंस का कार्यक्रम तो रद्द कर दिया गया, लेकिन लेकिन उसी दिन उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए दिल्ली में रोड शो किया है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी तक ऐसा कोई कार्यक्रम भी नहीं सामने आया है, जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे और अरविंद केजरीवाल के साथ कैंपेन करने की बात हो - जैसे राहुल गांधी और अखिलेश यादव कर जगह जगह कर रहे हैं. हां, ये जरूर बताया गया है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे 20 मई से दिल्ली में डेरा डालने वाले हैं - और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए कैंपेन करने वाले हैं.

राहुल गांधी और अखिलेश यादव अब तक तीन बार साथ देखे गये हैं. पहली बार गाजियाबाद की प्रेस कांफ्रेंस में, दूसरी बार अमरोहा में दानिश अली के लिए वोट मांगते हुए - और तीसरी बार कन्नौज में अखिलेश यादव के सपोर्ट में. अब बारी रायबरेली की है.

कहने को तो अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव भी वैसे ही प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं, जैसे राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने किया है - लेकिन अभी तक अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी या कोई कांग्रेस नेता साथ नहीं दिखा है.

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तो क्या अरविंद केजरीवाल का लखनऊ का कार्यक्रम 15 मई को इसलिए नहीं बन सका क्योंकि वो मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मंच शेयर नहीं करना चाहते थे - क्या इसकी वजह दिल्ली में साथ और पंजाब में दोनों दलों के अलग अलग चुनाव लड़ना भी हो सकता है?

ममता बनर्जी के बाहर से सपोर्ट का क्या मतलब है?

ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनती है तो टीएमसी बाहर से सरकार को समर्थन देगी.

व्यावहारिक तौर पर देखें तो पश्चिम बंगाल में टीएमसी अकेले चुनाव लड़ रही है. और इस लाइन पर देखें तो पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी ऐसे ही अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं - लेकिन दिल्ली में दोनों के बीच गठबंधन होने के कारण एक दूसरे के साथ खड़े भी नजर आते हैं.

इंडिया ब्लॉक को लेकर ममता बनर्जी कहती हैं, मैंने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. गठबंधन का नाम तक मेरा ही दिया हुआ है, लेकिन पश्चिम बंगाल में
सीपीएम और कांग्रेस बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं.

ममता बनर्जी का ये कहना कि वो बाहर से सपोर्ट करेंगी, यही बता रहा है कि वो मन से साथ नहीं हैं. ममता बनर्जी एनडीए की सरकार में भी और यूपीए की सरकार में भी शामिल रही हैं - लेकिन इस बार वो एक स्पष्ट दूरी बना कर चल रही हैं.

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केजरीवाल की इमोशनल अपील का कितना असर होने जा रहा है?

अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों से एक बार फिर वैसी ही अपील की है जैसे 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान किया था. जैसी अपील पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में किया था. दोनों ही चुनावों में बीजेपी अरविंद केजरीवाल पर आतंकवादियों का मददगार होने का आरोप लगाया था. पंजाब में तो इस मामले में कांग्रेस भी बीजेपी के साथ देखी गई थी.

तब अरविंद केजरीवाल का कहना था कि अगर लोग उनको आतंकवादी मानते हैं कि तो बीजेपी को वोट दे दें, अब वो कह रहे हैं कि अगर लोग उनको जेल भेजना चाहते हैं तो बीजेपी को वोट दे दें. अपनी इस अदा से अरविंद केजरीवाल दे चुनाव तो जीत चुके हैं, देखते हैं इस बार पब्लिक क्या फैसला लेती है?

दिल्ली के लोगों से अरविंद केजरीवाल का कहना था, 'अगर आप कमल का बटन दबाओगे तो मुझे जेल जाना पड़ेगा... अगर पंजे का बटन दबाओगे तो मैं बाहर ही रहूंगा.'

रोड शो के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक और भी नारा दिया था - 'जो करे केजरीवाल को प्यार वो करे मोदी को इनकार.'

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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