महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी को मिली कामयाबी ने नई संभावनाओं के भी दरवाजे खोल दिये हैं. बीजेपी ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी है कि मनमाने फैसले ले सके - जरूरी नहीं है बीजेपी नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के अलावा किसी और के बारे में न सोचे.
फडणवीस सबसे बड़े दावेदार
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन का पूरा क्रेडिट देवेंद्र फडणवीस को ही मिलेगा. चुनावों के दौरान 4 मिनट का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें देवा भाऊ के नाम से मराठी में एक गाना बनाया गया है. देवा भाऊ गीत में कहा गया है, 'दिन और रात… एक लक्ष्य, एक जुनून... देश और धर्म, जिंदगी और सांस... छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा को आगे बढ़ाना है… महाराष्ट्र के गौरव को बढ़ाना है.'
वीडियो में 2014 से लेकर 2019 तक और फिर 2022 से अब तक महाराष्ट्र सरकार के कामकाज को दिखाया गया है. पहले 5 साल देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और बाद में डिप्टी सीएम बनाये गये.
देवा देवा देवा भाऊ गीत के साथ बने वीडियो मे्ं कोस्टल रोड से लेकर अटल सेतु तक, समृद्धि एक्सप्रेस महामार्ग, मुंबई में मेट्रो के फैलते नेटवर्क और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से जुड़ी टनल में इंजीनियरों के साथ देवेंद्र फडणवीस को दिखाया गया है.
मुख्यमंत्री भले ही एकनाथ शिंदे रहे, लेकिन बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को वीडियो में हीरो की तरह पेश किया है, और वीडियो के साथ ही एक कैंपेन भी चलाया जा रहा था, आएगा तो देवा भाऊ ही. जैसे आएगा तो मोदी ही.
देवेंद्र फडणवीस ने न सिर्फ चुनावों में उम्दा प्रदर्शन किया है, बल्कि एक अच्छे बच्चे और अनुशासित सिपाही की तरह बीजेपी नेतृत्व के आदेश पर आंख मूंदकर, बगैर कोई शिकायत किये, या मुंह फुलाये काम करते आये हैं.
ऐसे में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर सबसे बड़े दावेदार तो देवेंद्र फडणवीस ही है, लेकिन क्या पता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मन में कोई सरप्राइज प्लान चल रहा हो.
कोई सरप्राइज प्लान भी है क्या
मोदी-शाह अक्सर ही सरप्राइज प्लान देते रहे हैं. पिछले ही साल ही तो मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखा जा चुका है. हरियाणा में चुनाव से पहले ही सरप्राइज मिल चुका था, लिहाजा बाद में तो ऑप्शन ही नहीं बचा था. कई बार ऐसी स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं, जब हारे हुए पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
एकनाथ शिंदे को ये कहते हुए भी सुना गया है कि महायुति में सीटों के आधार पर मुख्यमंत्री बनने की कोई बात पहले नहीं हुई थी. लेकिन, देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पहले ऐसे ही संकेत दिये जा रहे थे. बीजेपीकी तरफ से ये जोर देकर दोहराया गया है कि चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है - और अमित शाह ने तो बयान देकर सरप्राइज की गुंजाइश छोड़ ही दी थी.
एकनाथ शिंदे की बातों से तो 2019 की याद आ गई है, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ गये थे, और नतीजा ये हुआ कि गठबंधन ही टूट गया.
वैसे भी एक चर्चा एकनाथ शिंदे को केंद्र में समायोजित करने की तो शुरू ही हो गई है. ये भी हो सकता है कि एकनाथ शिंदे के न मानने की सूरत में बीजेपी देवेंद्र फडणवीस की जगह किसी और नाम पर विचार कर रही हो.
कुछ दिन पहले देवेंद्र फडणवीस का नाम बीजेपी अध्यक्ष पद की रेस में भी शामिल किया जा रहा था. फडणवीस और एकनाथ शिंदे दोनो ही खुद को मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर कर चुके हैं.
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