Exit poll- हुड्डा, सैलजा, सुरजेवाला या एक सरप्राइज नाम- कौन बनेगा हरियाणा का नया मुख्यमंत्री? । Opinion

4 1 9
Read Time5 Minute, 17 Second

हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों की झलकएग्जिट पोल में दिखाई दे गई है. बस,कल8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होना बाकी है.लेकिन विपक्षी कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दौड़ पहले ही तेज हो गई है. चुनाव प्रचार के दौरान ही नहीं वोटिंग के दिन भी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने खुद को संभावित मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था. हांलाकि सभी दावेदारों ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नाम रखते हुए एक बात जरूर कही कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो कांग्रेस हाईकमान ही मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला करेगा.

इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव अभियान का संचालन किया है. अधिकतर टिकट भी उनके कहने से ही बांटे गए हैं. जिस तरह पिता-पुत्र (भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा) की जोड़ी पिछले पांच साल से मेहनत कर रही थी उसे देखते हुए सीएम पद की रेस में हुड्डा फैमिली ही नजर आती है. पर राजनीति अनंत संभावनाओं का खेल है. यहां जो सामने दिखाई देता है वह होता नहीं है. अगर भारत के चुनाव इतिहास का अवलोकन करेंगेतो पाएंगे कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियों में हाईकमान ऐसे मौकों परआश्चर्यजनक निर्णय लेतारहाहै.जैसा कि 2005 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं और भजन लाल को मुख्यमंत्री बनने वाले थेलेकिन, अंतिम क्षण में भूपेंद्र हुड्डा का नाम मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया गया. महाराष्ट्रमें भी इसी तरह एक बार सुशील शिंदे चुनाव अभियान का संचालन किया और बहुमत मिलने पर एक मराठा को नेतृत्व सौंप दिया था पार्टी ने.लेकिन एक बात और है कि पार्टी यह जानती है कि भूपेंदर सिंह हुड्डा भजन लाल नहीं हैं.

Advertisement

1- हुड्डा को नजरअंदाजकरना कांग्रेस के लिए मुश्किल

हरियाणा में कांग्रेस की अगर सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए जिसका नाम सबसे ऊपर चल रहा है वो हैं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा. पर जैसा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव जीतने के बाद वो चुनाव अभियान संचालन वाले नेता को सीएम जैसे पद के लिए कई बार इग्नोर कर चुकी है. आशंका है कि इस बार हुड्डा के साथ कुछ ऐसा संभव हो सकता है जैसा 2005 में भजनलाल के साथ हुआ. पार्टी यह जानती है कि कि हरियाणा में बीजेपी से लोहा लेने के लिए आधार हुड्डा ने ही तैयार किया है. हुड्डा ने इन चुनावों में मैन पावर, मसल्स पावर और मनी पावर तीनों के जरिए पार्टी को मजबूत बेस दिया था. इसके साथ ही हुड्डा को नजरअंदाज करना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि वो भजनलाल नहीं हैं. एक वक्त ऐसा था कि कांग्रेस ने अगर उन्हें अहमियत नहीं दी होती तो शायद वो अपनी अलग पार्टी लॉन्च कर चुके होते. कांग्रेस असंतुष्टों के ग्रुप 23 में भी भूपिंदर सिंह हुड्डा का नाम था. तीसरे यह भी है कि अधिकतर जीतने वाले विधायक हुड्डा के समर्थक हैं. क्योंकि टिकट उन्हीं को मिला है जिन्हें हुड्डा ने चाहा. इस तरह अगर हुड्डा को नजरअंदाज करने की कोशिश हुई तो हुड्डा कांग्रेस पार्टी पर कभी भी संकट में आ जाएगी.

Advertisement

2- सैलजा की उम्मीद कितनी?

अगर गांधी परिवार की निकटता हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की पहली शर्त हो तो समझना चाहिए की सीएम कुमारी सैलजा ही बनेंगी. पर राजनीति इतनी आसान नहीं होती है. एक प्रमुख दलित चेहरा होने के साथ-साथ गांधी परिवार का उनपर भरोसा उन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा का टॉप कंटेंडर बनाता है.सैलजा कहती हैं कि कांग्रेस मेरे व्यापक अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी अटूट निष्ठा को नजरअंदाज नहीं कर सकती. शैलजा कांग्रेस की वफादार सिपाही हैं और हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगी. सभी जानते हैं कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री का निर्णय पार्टी हाईकमान द्वारा ही लिया जाता है.

सैलजा ने हुड्डा को टिकट वितरण में अत्यधिक महत्व दिए जाने के चलते करीब 2 हफ्ते चुनाव प्रचार से दूर भी रहीं. बड़ी मुश्किल से राहुल गांधी उन्हे मनाकर चुनाव रैलियों में लाए. पर जिस तरह अशोक तंवर की वापसी करवाई गई है उससे कई संदेश निकल रहे हैं. पार्टी सैलजा के महत्वाकांक्षाओं पर लगाम के लिए तंवर को तैयार कर सकती है. हुड्डा को वो पहले ही फूटी आंख नहीं सुहाती हैं. दूसरे दलित वोट अब राहुल गांधी और कांग्रेस के नाम पर मिल रहे हैं .

3-रणदीप सुरजेवाला क्या डार्क हॉर्स हैं

शनिवार को कैथल में अपने गृह क्षेत्र में मतदान करने के बाद, राज्यसभा सांसद और एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है. हम राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए लिया गया निर्णय स्वीकार करेंगे. सुरजेवाला, को उनके सहयोगियों द्वारा इस दौड़ में डार्क हॉर्स माना जा रहा है. पर सुरजेवाला को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर भूपेंदर हुड्डा बिल्कुल भी तैयार नहीं होंगे. हुड्डा सारा कसरत अपने बेटे दीपेंद्र को हरियाणा का सीएम बनाने चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि कांग्रेस में कोई और जाट नेतृत्व न तैयार हो. अगर एक बार सुरजेवाला सीएम बन गए तो दीपेंद्र का नंबर अगले 10 साल नहीं आने वाला है.

Advertisement

4- एकदलित नेताका नाम उभर आया है कांग्रेस में...

कांग्रेस में आम तौर पर यह समझा जाता है कि राहुल गांधी हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बजाय कुमारी सैलजा को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. दरअसल राहुल के गुड बुक में बहुत पहले से हुड्डा नहीं रहे हैं. दूसरी बात यह है कि कांग्रेस उत्तर भारत में अपने को फिर से स्थापित करने के लिए अपने दलित वोट को फिर से हासिल करना चाहती है. जिस तरह बीएसपी कमजोर हुई है और मायावती की जगह कोई अन्य नेता अभी तक नहीं ले सका है उसे देखते हुए कांग्रेस रणनीतिक रूप से अपने कोर वोटर्स को अपने साथ लाने के लिए हर युक्ति लगा रही है. कांग्रेस के पास मौका है कि वो हरियाणा में किसी दलित व्यक्ति को सीएम बना दे. कांग्रेस अगर ऐसा करती है तो यह उसके मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष और दलित नेता उदय भान, जो हुड्डा के वफादार माने जाते हैं के नाम पर सहमति बन सकती है. दिल्ली में एआईसीसी नेताओं के साथ एक बैठक में भान ने भी दावा किया था कि अगर पार्टी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाती है तो वह तैयार हैं. दरअसल कुमारी सैलजा भी दलित हैं पर हुड्डा से उनके रिश्ते इस लेवल पर खराब हैं जहां सुधरने की कोई उम्मीद नहीं होती है. उदयभान के नाम पर हुड्डा भी अपनी सहमति दे सकते हैं.बिना हुड्डा के समर्थन के हरियाणा में कोई और चाहे राज कर ले अभी कुछ दिन ऐसा संभव नहीं है.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

लखनऊ: विधानसभा के बाहर युवक ने किया आत्मदाह, गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती

News Flash 07 अक्टूबर 2024

लखनऊ: विधानसभा के बाहर युवक ने किया आत्मदाह, गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती

Subscribe US Now