छवि सुधरेगी-पार्टी बढ़ेगी...भाजपा को मुश्किल...चुनाव में फायदा... केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान से क्या हासिल करेगी AAP?

4 1 17
Read Time5 Minute, 17 Second

त्वरित विश्लेषणःदिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा, 'आज से दो दिन के बाद वे इस्तीफा देने जा रहे हैं और तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार हैं... आज से कुछ महीने बाद दिल्ली के चुनाव है, अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है, तो आने वाले चुनाव में मेरे पक्ष में वोट दे देना. आपका एक एक वोट मेरी ... ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा. भाजपा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, मैं सत्ता का खेल खेलने के लिए नहीं आया था, देश के लिए कुछ करने आया था. जब 14 साल बाद भगवान राम वनवास से लौटे, सीता मैया को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी. आज मैं जेल से आया हूं और अग्निपरीक्षा देने के लिए तैयार हूं.

केजरीवाल की हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे देने की घोषणा क्या उनके और पार्टी के लिए जबर्दस्त स्ट्रेटजिक मूव होगी? आइए, समझते हैं कि केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान से पार्टी और खुद उनको क्या-क्या फायदा हो सकता है?

1. रिस्पांसिबल दिखेंगे… छवि सुधरेगी- पब्लिक सपोर्ट बढ़ेगा...

केजरीवाल का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी के साथ चल रही खींच-तान और तनाव के बीच आया है. भाजपा भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत शर्तों के बाद लगातार उनके नेतृत्व की आलोचना करती रही है. इस इस्तीफे से केजरीवाल खुद को एक भ्रष्ट नेता के बजाय राजनीतिक साजिश के शिकार नेता के रूप में प्रस्तुत करेंगे.

उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने कानून बनाकर मेरे काम बंद करने की कोशिश की. जनता के आशीर्वाद से बीजेपी के सारे षड्यंत्र का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं. बीजेपी के आगे हम ना झुकेंगे, ना रुकेंगे और ना बिकेंगे. आज दिल्ली के लिए कितना कुछ कर पाए क्योंकि हम ईमानदार हैं. बीजेपी हमारी ईमानदारी से डरते हैं क्योंकि वे ईमानदार नहीं है. मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं देश के जनतंत्र को बचाना चाहता हैं. मैं देश के सारे गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़ कर विनती करना चाहता हूं अब अगरप्रधानमंत्री फर्जी केस करके आपको जेल में डालें तो किसी हालत में इस्तीफा मत देना, जेल से सरकार चलाना.ऐसा नहीं है कि हम पद के लालची हैं इसलिए क्योंकि हमारे लिए हमारा संविधान जरूरी है जनतंत्र को बचाना जरूरी है.
उन्होंने भाजपा पर आरोप भी लगाया है कि ये बिजली फ्री नहीं कर सकते हैं क्योंकि ये बेईमान हैं. कई राज्यों में इनकी सरकारें हैं लेकिन ये इलाज नहीं कर सकते हैं.इन्होंने हमारे खिलाफ ईडी छोड़ दी, सीबीआई छोड़ दी लेकिन हम ईमानदार हैं. मेरे लिए बीजेपी मैटर नहीं करती हैं, आप लोग मायने रखते हैं. मैंने जिंदगी में कुछ नहीं कमाया लेकिन इज्जत कमाई.
उनकी यह रणनीति उन मतदाताओं को एकजुट करने में मदद कर सकती है जो भाजपा को केजरीवाल के खिलाफ राजनीतिक कॉन्सिपेरेसी का दोषी मानते हैं. इससे आप का जमीनी आधार भी मजबूत होगा.

Advertisement

यह भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के दांव से कितना बदलेगा हरियाणा में चुनावी गेम?

2. साजिश का शिकार… , बीजेपी के खिलाफ गढ़ेंगे नया नरैटिव
केजरीवाल का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी के साथ चल रही खींच-तान और तनाव के बीच आया है. भाजपा भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत शर्तों के बाद लगातार उनके नेतृत्व की आलोचना करती रही है. इस इस्तीफे से केजरीवाल खुद को एक भ्रष्ट नेता के बजाय राजनीतिक साजिश के शिकार नेता के रूप में प्रस्तुत करेंगे. भ्रष्टाचार का खुद पर का टैग लगाने की जगह सिस्टम की साजिश के शिकार के रूप में वे नरैटिव चेंज कर सकते हैं. अपने इस बलिदान से कहानी को अलग तरह का मोड़ भी दे सकते हैं. यह रणनीति उन मतदाताओं को एकजुट करने में मदद कर सकती है जो भाजपा को केजरीवाल के खिलाफ राजनीतिक कॉन्सिपेरेसी का दोषी मानते होंगे. इससे आप का जमीनी आधार भी मजबूत होगा.

3. सिम्पैथी वोटिंग… हरियाणा चुनाव में मिल सकता है फायदा...
केजरीवाल चूंकि हरियाणा से आते हैं. वे खुद को हरियाणा का भूमिपुत्र कहते हैं. इसके अलावा चूंकि राज्य में उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो सका है तो उनके इस्तीफे से आगामी चुनावों में AAP को सहानुभूति वोट मिल सकते हैं. इसी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और आप दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसकी वजह से वहां 10 में से 5 सीटें इंडिया गठबंधन के पक्ष में गई थीं. अच्छा खासा माहौल भी इन दोनों पार्टियों पक्ष में बना था लेकिन इस मूमेंटम में वोट बैंक का ज्यादा फायदा आप को नहीं मिल सका था. तो इस नजरिये से केजरीवाल का इस्तीफा हरियाणा चुनावों में आप को कई सीटों पर सिम्पैथी वोटिंग का फायदा मिल सकता है.

Advertisement

4. INDIA को मजबूती... बन सकते हैं विपक्षी एकता की धुरी
उनके इस्तीफे से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो सकते हैं, जिससे एक मजबूत भाजपा विरोधी गठबंधन बन सकता है. चूंकि इस गठबंधन की धुरी केजरीवाल होंगे तो निश्चित तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ता हुआ दिखेगा. हरियाणा जहां सीधे तौर पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है वहां तो इस कदम से फायदा मिलेगा ही लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में वे इंडिया अलायंस के स्टार प्रचारक के रूप में दिखाई देंगे. वहां भी वे अपनी शहादत को भुनाते दिखाई देंगे.

यह भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल का ऐलान- सिसोदिया भी नहीं बनेंगे सीएम, मैं और मनीष जाएंगे जनता के पास

महाराष्ट्र में अभी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ महौल बना हुआ है. लोकसभा चुनाव में भाजपा की महायुति महाअघाड़ी से पिछड़ भी गई थी. हाल के सर्वे भी यही बता रहा हैं कि महाअघाड़ी सरकार बनाने के नजदीक है...ऐसे में केजरीवाल सरकार के खिलाफ बने माहौल को गरमाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

5. नेशनल अटेंशन...AAP का विस्तार होगा
पिछले कुछ महीने से AAP लगातार चर्चा में बनी हुई थी. भले ही उसका आधार दो राज्यों में था लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी ने पहले ही आप पार्टी किसी न किसी वजह से राष्ट्रीय स्तर पर बज़ क्रियेट करने में सफल थी. केजरीवाल के इस्तीफे से AAP के बारे में पूरे देश में चर्चा होगी. आप के नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा भी था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी ने पहले ही पार्टी को बढ़ावा दिया है और इसे राजनीति के केंद्र में ला दिया है.

Advertisement

इस्तीफे से यह बात विस्तार पाएगी. केजरीवाल खुलकर मतदाताओं के साथ जुड़ने का प्रयास करेंगे. जिससे पार्टी का विस्तार होगा. महाराष्ट्र में भी यदि वे प्रचार के लिए जाएंगे तो इस प्रयास में वे राज्य में आम आदमी पार्टी के लिए भी संभावनाओं के दरवाजे खोल सकते हैं. यानी इंडिया अलायंस को मजबूती देने के साथ ही वे भी अपनी पार्टी के विस्तार की गुंजाइश भी बना सकते हैं.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

हिजबुल्लाह के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के लिए इजरायली सुरक्षा कैबिनेट ने दी सहमति

News Flash 19 सितंबर 2024

हिजबुल्लाह के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के लिए इजरायली सुरक्षा कैबिनेट ने दी सहमति

Subscribe US Now