दीदी की दादागीरी... मोदी को पत्र और जय शाह पर पोस्ट करके क्या फंस गई हैं ममता बनर्जी?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता रेप और हत्याकांड में पुलिस पर लग रहे लीपापोती के आरोपों से बुरी तरह घिरी हुईं हैं. बंगाल की राजनीति में स्ट्रीट फाइटर रहीं दीदी कोलकाता रेप केस में अपनी सरकार की लापरवाहियों को छुपाने की जी तोड़ कोशिश कररही हैं. लेकिन उनके समर्थक भी मान रहे हैं किउनकी छवि को जो नुकसान होगा उसका आंकलन मुश्किल है. पिछले 24 घंटे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर ताबड़तोड़ ऐसे ही कुछआरोप लगाए पर बहुत जल्दी उनकी पोल खुल गई है.

1-पीएम से जवाब न मिलने की बात कितनी सही

ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले पर बंगाल में चौतरफा घिरीं ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा कि आपको 22 अगस्त को लिखा मेरा पत्र याद होगा, जिसमें लगातार बढ़ रही रेप की घटनाओं को लेकर सख्त कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया था. लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से एक जवाब जरूर मिला. लेकिन मामले की गंभीरता के मद्देनजर यह नाकाफी है.मुझे लगता है कि इस मामले की गंभीरता की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है.

पर हकीकत कुछ और ही है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 25 अगस्त 2024 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र का जवाब दिया है. पत्र से लगता है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पाक्सो एक्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट को लेकर रुचि ही नहीं दिखाई. भारतीय जनता पार्टी नेता अमित मालवीय लिखते हैं कि ममता बनर्जी ने अपने पत्र में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बलात्कार और POCSO से संबंधित मामलों को संबोधित करने के लिए एक भी फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित नहीं करने का उल्लेख किया है.

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पर मालवीय ने अन्नपूर्णा देवी के पत्र को ट्वीट करते हुए बताया है कि सरकार की योजना थी कि केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के साझा आधार फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्टबनाए जाएंगे. यह योजना अक्टूबर 2019 में ही शुरू की गई थी. 30 जून 2024 तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 409 विशिष्ट POCSO अदालतों सहित 752 फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू किए गए हैं. इन अदालतों ने 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया.योजना के तहत, पश्चिम बंगाल राज्य को कुल 123 एफटीएससी आवंटित किए गए थे, जिसमें 20 विशेष POCSO अदालतें और 103 संयुक्त FTSCs शामिल थे. पर बंगाल सरकार इनमें से कोई भी अदालत जून 2023 तक चालू नहीं कर सकी. पश्चिम बंगाल राज्य ने 7 एफटीएससी शुरू करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दिनांक जून 2023 के पत्र के माध्यम से योजना में भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी. बाद में पश्चिम बंगाल को 17 एफटीएससी आवंटित किए गए, पर तीस जून 2024 तक केवल 6 विशिष्ट POCSO अदालतें ही चालू हो सकीं हैं. पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पॉक्सो के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद, राज्य सरकार ने शेष 11 एफटीएससी शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

2- जय शाह पर सवाल उठाकर फंस गईं ममता

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गृहमंत्री अमित शाह को टारगेटकरने के लिए ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स का सहारा लिया. ममता बनर्जी ने जय शाह के आईसीसी प्रेसिडेंट बनने पर तंज करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि 'गृह मंत्री बधाई, आपका बेटा नेता नहीं बना, लेकिन ICC चेयरमैन बन गया. यह ज्यादातर राजनेताओं से बहुत बड़ी और अहम पोस्ट है. आपका बेटा वास्तव में बहुत शक्तिशाली हो गया है और मैं आपको उसकी इस सर्वोच्च उपलब्धि पर बधाई देती हूं.'

पर ममता बनर्जी के इस आरोप की हवा जल्द ही निकल गई. उन्‍हेंयह आरोप लगाना महंगा पड़ गया. दरअसल ममता बनर्जी के दो भाई कई खेल संगठनों केप्रमुख बनेहुए हैं. इसका खुलासापश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने किया.उन्होंनेएक एक करके ममता के परिवार के सारे नाम गिनाकर बताया कि किस तरह सीएम के परिवार का कई खेल संगठनों पर कब्जा है. सुवेंदु भी बिलकुल ममता के ही अंदाज में लिखते हैं कि बधाई हो, पश्चिम बंगाल के असफल मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री!!!

आपके भाई राजनेता तो नहीं बने लेकिन ये बन गए:

अजीत बनर्जी (षष्ठी)

भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष (बंगाल में फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी)

बाबुन बनर्जी (स्वपन)

अध्यक्ष-बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन
ग्राउंड सचिव - मोहनबागान फुटबॉल क्लब
अध्यक्ष - पश्चिम बंगाल हॉकी एसोसिएशन
अध्यक्ष - पश्चिम बंगाल राज्य टेबल टेनिस संघ
अध्यक्ष - पश्चिम बंगाल एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन
अध्यक्ष-पश्चिम बंगाल कबड्डी एसोसिएशन
ये आकर्षक खेल प्रशासन पद कई राजनेताओं द्वारा मांगे जाते हैं!! आपके भाई वास्तव में बहुत शक्तिशाली हो गए हैं और मैं वास्तव में उनकी उपलब्धियों पर आपको बधाई देता हूं!
बधाई!!

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ममता बनर्जी के 6 भाई हैं उनमें से दो भाई अजीत बनर्जी और बाबुन बनर्जी खेल संघों से जुड़े हैं. बाबुन का खेल की दुनिया में कद ममता के सीएम बनने के बाद बढ़ता चला गया और वो इस वक्त पश्चिम बंगाल में खेलों की दुनिया का जाना माना नाम हैं.

3-क्या राहुल गांधी ने इंस्पायर्ड हैं ममता

कहा जाता है कि जिसका अपना घर शीशे का होता है वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते पर राजनीति में इसके उलट एकचलन आजकलबहुत तेजी में है. पिछले दिनों राहुल गांधी ने कई मौकों पर इस तरह का बयान दिया जो लागू तो उनके या कांग्रेस के लिए होता है पर आरोप वो दूसरों पर लगाते रहे हैं. चाहे वो बजट का हलवा खाने की बात हो या केंद्र सरकार के सचिवालयों में पिछड़े और दलित अफसरों की भागीदारी की बात हो.राहुल जानते हैं कि यह न यूपीए सरकार में संभव हुआ और न ही वो कर्नाटक और हिमाचल में करा सकते हैं. फिर भी लगातार जाति जनगणना की बात करते रहते हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनावों में उन्होंने बीआएएस पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर के परिवार को वंशवादी राजनीति के चलते सत्ता से बाहर करने की अपील की. ये कौन नहीं जानता कि देश में वंशवाद का सबसे बड़ा उदाहरण गांधी परिवार है. जाहिर है कि इस तरह की बातें करके राहुल गांधी ने जनता के बीच अपनी उपस्थिति बनाने में सफल रहे हैं. ममता बनर्जी भी अब उसी राह पर हैं. उन्हे भी लगता है कि बीजेपी के खिलाफ झूठ बोलकर ही अपना एजेंडा सेट किया जा सकता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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