2024 के विधानसभा चुनावों को लेकर देश का मिजाज क्या कह रहा है?

4 1 42
Read Time5 Minute, 17 Second

आज तक/इंडिया टुडेकामूड ऑफ द नेशन सर्वे तो हरियाणा और महाराष्ट्र को लेकर अलग ही इशारे कर रहा है. सर्वे की मानें तो हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा के रिजल्ट से बिलकुल अलग भी हो सकते हैं - और झारखंड में भी हेमंत सोरेन के प्रयोगों का रिजल्ट उम्मीदों से अलग हो सकता है.

लोकसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो हरियाणा और महाराष्ट्र को लेकर आये आज तक के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के नतीजे अलग ही इशारे कर रहे हैं. हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस दोनो का प्रदर्शन बराबरी पर छूटा था. दोनो को 5-5 सीटें मिली थीं, जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतरीन रहा.

झारखंड की राजनीति जहां चंपाई सोरेन की बगावत से हड़कंप मचा हुआ है, महाराष्ट्र में INDIA ब्लॉक में मुख्यमंत्री पद पर अलग ही पेच फंसा हुआ है. उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि महाविकास आघाड़ी में मुख्यमंत्री पद का चेहरा पहले ही तय हो जाये. सोनिया गांधी और शरद पवार की तरफ से भाव न मिलने पर अब कह रहे हैं कि भले ही मुख्यमंत्री फेस की घोषणा न हो, लेकिन तय तो कर लिया जाये. ध्यान रहे, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर ही उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. अगर संभले नहीं, तो उद्धव ठाकरे की ये मुहिम तो बीजेपी के पक्ष में ही जाएगी.

Advertisement

अगर तीनो मुख्यमंत्रियों के बारे में लोगों की राय देखें तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही सबसे आगे खड़े होते हैं, लेकिन तमाम कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा के बावजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शासन में एकनाथ शिंदे की तुलना में कम ही लोगों ने संतोष जताया है.

हरियाणा में बड़े उलटफेर की संभावना लगती है

हरियाणा में बीजेपी ने जो सोच कर मुख्यमंत्री बदला था, लगता नहीं कि उतने भर से ही काम बनने वाला है. मनोहरलाल खट्टर को हटाये जाने से पंजाबी तबका नाराज न हो, इसलिए उनको लोकसभा चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

MOTN सर्वे में शामिल 22 फीसदी लोगों ने ही मुख्यमंत्री नायब सैनी के प्रदर्शन पर संतोष जताया है, जबकि 40 फीसदी लोग उनके काम को लेकर असंतोष जता रहे हैं. हां, 19 फीसदी लोग ऐसे जरूर हैं जो नायब सैनी के काम करने के तरीके से कुछ हद तक संतुष्ट पाये गये हैं.

रही बात हरियाणा सरकार के प्रदर्शन की तो 27 फीसदी लोगों ने संतोष जताया है, जबकि 44 फीसदी लोगों का कहना है कि वे सरकार के काम से असंतुष्ट हैं. हरियाणा के 25 फीसदी लोगों को कुछ हद तक बीजेपी सरकार के कामकाज से कोई खास शिकायत नहीं है.

Advertisement

देखा जाये तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की तरफ से तमाम कल्याणकारी योजनाएं लाये जाने के बावजूद लगता नहीं कि कोई खास कमाल दिखा पाएंगे. चुनाव को देखते हुए ही एमएसपी के बहाने किसानों को खुश करने की भी कोशिश हुई है, लेकिन सर्वे देख कर तो यही लगता है कि बीजेपी को थक हार कर ब्रांड मोदी के सहारे ही चुनाव मैदान में उतरना होगा.

क्या महाराष्ट्र के नतीजे लोकसभा से अलग होंगे?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कामकाज की बात करें तो सर्वे में शामिल 35 फीसदी लोग संतुष्ट पाये गये हैं, जबकि 31 फीसदी लोग कुछ हद तक संतोष भी जता रहे हैं. वैसे तो 28 फीसदी लोग एकनाथ शिंदे के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं - लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुकाबले ये तादाद काफी कम है.

MOTN सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में सरकार के कामकाज की बात करें तो 25 फीसदी लोगों ने संतोष जताया है, लेकिन ये संख्या हरियाणा में बीजेपी की सरकार की तुलना में थोड़ी कम है. महाराष्ट्र में 34 फीसदी लोग सरकार के काम से कुछ हद तक संतोष जता रहे हैं - लेकिन 34 फीसदी लोगों ने महाराष्ट्र सरकार के काम को लेकर असंतोष भी जताया है.

लोकसभा चुनावों में बीजेपी तो कांग्रेस से पिछड़ ही गई थी, उसके गठबंधन साथी शिवसेना और एनसीपी भी अपने पुराने साथियों के सामने फिसड्डी साबित हुए थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस के हिस्से में 13 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी 9 पर ही सिमट कर रह गई थी - अब उसके हिसाब से देखें तो मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों ने जिस हिसाब से वोट डाले थे उससे अलग राय जाहिर की है.

Advertisement

झारखंड में हेमंत सोरेन का क्या होगा?

झारखंड में जेल से छूटते ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया था, लेकिन उसका असर ये हुआ कि अब चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा में बगावत कर दिया है. पहले तो चंपाई सोरेन के बीजेपी में जाने की खबरें आई थीं, लेकिन अब खुद उन्होंने साफ कर दिया है कि वो अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे.

मूड ऑफ द नेशन सर्वे में झारखंड के 25 फीसदी लोग हेमंत सोरेन के कामकाज पर संतोष जता रहे हैं, और 30 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिनको हेमंत सोरेन का कामकाज संतोषजनक लगता है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी 35 फीसदी है जिन्हें हेमंत सोरेन की नई पारी संतोषजनक नहीं लग रही है.

जहां तक झारखंड की JMM सरकार के कामकाज का सवाल है, 27 फीसदी लोग संतुष्ट बताये गये हैं, और वैसे ही सर्वे में शुमार 34 फीसदी लोग सरकार के काम से कुछ हद संतुष्ट भी पाये गये हैं, लेकिन हेमंत सोरेन के लिए चिंता की बात ये है कि 37 फीसदी लोगों ने सरकार के कामकाज को लेकर असंतोष जताया है.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन झारखंड में सत्ताधारी JMM के मुकाबले काफी अच्छा रहा. सत्ता में होने और हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने के बावजूद JMM के हिस्से में लोकसभा की 3 ही सीटें आ सकी थीं, जबकि बीजेपी 8 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही.

Advertisement

अव्वल तो विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय नेताओं पर ही पूरा दारोमदार होता है, लेकिन अगर लोकसभा की तरह इस बार भी मुकाबला NDA और INDIA ब्लॉक यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हुआ तो नतीजे अलग भी हो सकते हैं.

मूड ऑफ द नेशन सर्वे में मालूम हुआ है कि अगर आज की तारीख में चुनाव कराये जाते हैं तो एनडीए को 6 सीटों का फायदा और विपक्षी गठबंधन को एक सीट का नुकसान हो सकता है. ये तो यही बता रहा है कि अपने बूते बहुमत से पिछड़ जाने के बाद सत्ता में आई बीजेपी के प्रति लोगों की धारणा बदलने लगी है, और उसी हिसाब से विपक्ष के भविष्य का भी अंदाजा लगाया जा सकता है.

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता में हुए फेरबदल की बात करें तो बीते 6 महीनों में राहुल गांधी की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है, जबकि मोदी के मामले में गिरावट देखने को मिल रही है.

फरवरी, 2024 यानी लोकसभा चुनावों से ठीक पहले राहुल गांधी को मूड ऑफ द नेशन सर्वे में 14 फीसदी लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पसंद बता रहे थे, लेकिन उनके विपक्ष के नेता बन जाने के बाद अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 22 फीसदी हो चुकी है. वैसे ही फरवरी, 2024 में मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखने वाले लोग 55 फीसदी पाये गये थे, लेकिन अब वे घटकर 49 फीसदी हो गये हैं, लेकिन अब भी दोनो नेताओं के बीच 27 फीसदी यानी करीब करीब आधे का फासला बना हुआ है - विधानसभा चुनावों में इसका भी कोई असर हो सकता है क्या?

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

CM Yogi Meeting: सीएम योगी ने मंत्रियों को सौंपी जिलों की जिम्मेदारी, कहा- गुजारनी होगी रात

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नए सिरे से अपने मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी। 75 में से 73 जिलों क

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now