आम आदमी पार्टी की हर रोज बढ़ रही चुनौतियां, क्या संकट में है पार्टी का वजूद?

4 1 37
Read Time5 Minute, 17 Second

आम आदमी पार्टी की चुनौतियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. अभी पार्टी के टॉप लीडर्स मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तीसरे नंबर के मंत्री रहेसत्येंद्र जैन जेल में हैं. पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल मारपीट प्रकरण के बाद दूर हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत के मोर्चे पर हर हफ्ते असफलता मिल रही है. पत्नी सुनीता केजरीवाल पर कोर्ट की सुनवाई को सोशल मीडिया पर डालने का आरोप लग चुका है. ये सब तो था ही, अब ईडी ने पार्टी को भी समन भेज दिया है.

जाहिर है कि मुश्किलों के झंझावत में पार्टी में भगदड़ मचती दिख रही है. 48 घंटे में पार्टी के 2 कद्दावर लोगों सहित कुल 6 लोगोंने भारतीय जनता पार्टी ज्‍वाइन कर लिया है. पार्टी नेताओं ने अपनी अनुभवहीनता के चलते लोकसभा चुनावों में साथी रहे कांग्रेस का साथ भी छोड़ दिया. इसका सीधा असर ये हुआ है कि बीजेपी के साथ अब कांग्रेस भी लगातार पार्टी पर हमले करने में लगी है. जाहिर है कि इन सबका बहुत बुरा असर पार्टी कार्यकर्ताओं के मॉरल पर पड़ने वाला है.

1-पार्टी में मच गई है भगदड़

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. बुधवार को दिल्ली सरकार के पूर्व सामाजिक कार्य मंत्री मंत्री राजकुमार आनंद, छतरपुर से विधायक करतार सिंह तंवर भाजपा में शामिल हो गए. इन दोनों नेताओं के साथ पटेल नगर से पूर्व विधायक वीणा आनंद, छतरपुर से पार्षद उमेश सिंह फोगाट, हिमाचल प्रदेश के आप प्रभारी रत्नेश गुप्ता और सह प्रभारी सचिन राय ने भी भाजपा जॉइन कर लिया.हालांकि राजकुमार आनंद ने लोकसभा चुनाव से पहले ही दिल्ली सरकार को अनुसूचित जाति विरोधी बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से दिल्ली में लोकसभा चुनाव भी लड़ा. पर करतार सिंह तंवर का आम आदमी पार्टी छोड़ना पार्टी को अंदर सेकमजोर करेगा. तंवर के आने के मतलब है कि आने वाले दिनों में कई और विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ होने के बावजूद पार्टी को मिली असफलता से पार्टी वर्कर हिले हुए हैं. और ऐसे मौके पर जब पार्टी का मुखिया खुद जेल में हो तोनेताओं और कार्यकर्ताओं का मायूस होना स्वाभाविक है.

Advertisement

2-आम आदमी पार्टी का फंड और दफ्तर सीज होने का खतरा

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति केस में अपनी 7वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया जिस पर अरविंद केजरीवाल को पेश होना है. नेताओं के साथ साथ अब पार्टी भी कानून के कठघरे में खड़ी हो गई है - और हां, साजिश है या नहीं ये तो अदालत साफ करेगी, लेकिन अगर नेताओं को आप के खत्म होने की आशंका नजर आ रही है, तो वे बहुत गलत भी नहीं हैं.अरविंद केजरीवाल के केस की अदालतों में पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी के संभवित एक्शन को जांच एजेंसी के इरादे पर बहुत पहले ही सवाल उठाया था. सिंघवी ने यह भी कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय ऐसा करता है, तो उसका मकसद प्रॉपर्टी सीज करना, बैंक खाते फ्रीज करना जिसका मकसद सीधा किसी राजनीतिक दल को खत्म करना होगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईडी के ताजा रुख से आम आदमी पार्टी के दफ्तर को सीज किया जा सकता है, चुनाव आयोगी की ओर से पार्टी की मान्यता रद्द हो सकती है.

Advertisement

3-बिजली दरों की बढ़ोतरी पर घिरी आम आदमी पार्टी

पिछले 10 सालों से बिजली बिल के मामले में राहत देने का श्रेय ले रही आम आदमी पार्टी के पास अब ये भी मुद्दा शायद ही बचे. दिल्लीवासियों को इस बार का बिल देखकर जोर का झटका लग रहा है. इस महीने बिजली के बिल दो से तीन गुना आए हैं.आखिर ऐसा क्या हुआ जो इस बार बिजली के बिलों ने सबको चौंका दिया. पूर्व मंत्री तथा दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि उनके घर का 25 दिन का बिजली बिल 19,000 रुपये आया है.अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि गर्मी में ज्यादा कंज्यूम करने से बिजली बिल नहीं बढ़े बल्कि यह PPAC के कारण यह बिल बढ़ रहे हैं. जब तक सत्ता में नहीं थे अरविंद केजरीवाल तब तक बिजली कंपनियों के ऑडिट की बात किया करते थे. पर अब 10 साल के बाद भी बिजली कंपनियों के ऑडिट नहीं हो सके हैं.

मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण डीआरसी के सदस्य की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. जिसके कारण बिजली कंपनियां अपनी मनमानी कर रही हैं. हालांकि दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी का कहना है कि डिस्कॉम के पास गर्मियों में जब पीक पावर डिमांड होती है और तब उन्हें महंगे दाम पर बिजली खरीदनी पड़ती है, इसलिए कुछ समय के लिए उन्हें सात फीसदी तक PPAC बढ़ाने का राइट है. (पीपीएसी डिस्कॉम द्वारा की गई बिजली खरीद लागत में भिन्नता को पूरा करने के लिए विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदान किया गया एक अधिभार है) यह केवल उस दौरान के लिए लागू रहता है जब उन्होंने महंगी बिजली खरीदी हो. आतिशी का कहना है कि यह प्रावधान पिछले दस साल से लागू होता रहा है.

Advertisement

4-कांग्रेस भी खुलकर घेरने लगी है आम आदमी पार्टी को

लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने देखते ही देखते कांग्रेस को भी अपनीसबसे बड़ी दुश्मन बना चुकी है. दिल्ली में बारिश हो या पानी की समस्या कांग्रेस किसी भी मौके पर पार्टी को घेरने से नहीं चूक रही है. आम आदमी पार्टी भी जिस लेवल पर बीजेपी पर हमलावर रहती थी उसी अंदाज में कांग्रेस पर भी आरोप लगाती दिख रही है.

दिल्ली में हुई बारिश की वजह से कई हिस्सों में जलजमाव देखने को मिला तो कांग्रेस ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को निशाने पर लिया. आप ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए पिछले दो चुनावों में खाता न खोल पाने का तंज कस दिया. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली की जल मंत्री आतिशी के अनशन पर बैठने को कोरी राजनीति करार दिया था. साथ ही कहा कि अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने के बजाए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज पानी पर बयानबाजी कर रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन भी किया.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Budget: 1 करोड़ युवाओं के लिए खुशखबरी, टॉप कंपनियों में ट्रेनिंग... साथ ही मंथली मिलेंगे 5000 रुपये

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now