क्या योगी अब और खुलकर खेलेंगे? सात साल बाद यूपी सीएम को मिला है पसंदीदा मुख्य सचिव

4 1 22
Read Time5 Minute, 17 Second

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली शिकस्त के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ के सितारे गर्दिश में नजर में आ रहे थे. संगठन और सरकार दोनों ही लेवल पर उनकी किरकिरी हो रही थी. हार के कारणों की समीक्षा में एक कारण यह भी सामने आया कि बीजेपी समर्थकों के नाम तक वोटिंग लिस्ट से गायब थे. कई चुनाव क्षेत्रों में स्थानीय जिलाधिकारियों का सहयोग भी नहीं मिला.इन सबके बीच योगी आदित्यनाथ के लिए एक खुशखबरी यह आई है कि उनको 7 सालों बाद प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में उनका पसंदीदा अफसर मिला है. इसके पहले जिन अफसरों को योगी मुख्यसचिव बनाना चाहते थे उनके नाम पर केंद्र अनुमति नहीं देता था. इसके कारण तरह तरह की अफवाहें जन्म लेतीं थीं. इनमें से एक अफवाह यह भी होती थी केंद्र जानबूझकर पसंदीदा चीफ सेक्रेटरी इसलिए नहीं उपलब्ध कराता ताकि योगी को खुलकर खेलने का मौका न मिले. जाहिर है कि मनोज सिंह की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति सेइस तरह की अफवाहों को भी मुंहतोड़ जवाब मिला है. इसके साथ ही जब प्रदेश का सबसे बड़ा अफसर मुख्यमंत्री का पसंदीदा होगा तो उसे कार्य करने में सहुलियत तो होगी ही. आइये देखते हैं कैसे उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था पर पकड़ मजबूत होने के बाद योगी किस तरह और मजबूत हुए हैं.

1- हाथरस घटना में एक्टिव होकर मनोज सिंह नेअपनी कार्यशैली का दे दिया झलक

1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह, जिन्हें उत्तर प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है, को राज्य के नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में एक अनुभवी व्यक्ति के रूप में देखा जाता है.उन्होंने अपनी कार्यशैली की झलक हाथरस घटना के बाद तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर दिया है. इसके पहले मुझे कोई ऐसी घटना याद नहीं आ रही है जब मुख्य सचिव लेवल काकोई अफसर इतनी जल्दी घटना स्थल पर पहुंचा हो. जब शीर्ष अफसर एक्टिव होता है तो जाहिर है कि नीचे के लोग खुद ब खुद काम करने लगते हैं.

सिंह सरकार में कृषि उत्पादन आयुक्त, पंचायती राज और बागवानी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव और यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यूपी राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने हमारे इंडिया टुडे संवाददाता को बताया कि सिंह एक लो-प्रोफाइल नौकरशाह हैं, जो शायद ही कभी साक्षात्कार देते हैं या सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. इसके साथ ही सिंह की खासियत है कि हर दिन कार्यालय में लगभग 14 घंटे बिताते हैं. यह एक ऐसा गुण है जो योगी आदित्यनाथ को बहुतप्रभावित करता है. निवेश और बुनियादी ढांचा यूपी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है. मनोज कुमार सिंह ने यूपी इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास विभाग, यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और नोएडा प्राधिकरण को संभाला है. जाहिर है मुख्यमंत्री और प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल सकता है.

Advertisement

2- विपक्ष को भी मिल गया है संदेश

पूरे प्रदेश में यह एक संदेश चला गया था कि बीजेपी हाईकमान उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ को चुनाव बाद हटा देगी. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के बाद इस आशंका को और बल मिल रहा था. लखनऊ के पत्रकार हरीश तिवारी जो कई सालों से ब्यूरोक्रेसी बीट देख रहे हैं कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी के पसंदीदा अफसर दुर्गा शंकर मिश्र का जिस तरह से कार्यकाल इस बार नहीं बढ़ाया गया वह एक संदेश है प्रदेश के लिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास अफसरों में से एक मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाना एक और संदेश है कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव तक योगी फुल पावर में रहने वाले हैं.तिवारी कहते हैं कि यह सही है कि मनोज सिंह का रिटायरमेंट 2025 में ही पर उनको सेवा विस्तार मिलना तय है. तिवारी कहते हैं किउत्तर प्रदेश में बीजेपी की स्थित खराब हुई है पर योगी ने करीब 206 सभाएं और रैलियां करके अपनीतरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी थी.जाहिर है कि इसका लाभ उन्हें मिलना ही था. उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में पसंद का मुख्य सचिव मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि योगी आदित्यनाथ जो चाहेंगे अब उत्तर प्रदेश वही होगा.लोकसभा चुनाव में कई जिलों से शिकायत आईं कि प्रशासन का सहयोग पार्टी नेताओँ को नहीं मिला. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद यह स्पष्ट हो गया कि केंद्र सरकार का बहुत अधिक दखल होना उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए बेहतर नहीं है.

Advertisement

3- कैबिनेट में विरोधियों को मिलेगा जवाब

उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में भी योगी विरोधियों की संख्या उनके पहले कार्यकाल मेंही कम नहीं रही है. जब तक बीजेपी मजबूत स्थिति में थी यह असंतोष बाहर नहीं निकल रहा था पर अब उनके पंख निकल रहे हैं. यूपी में बस कुछ दिनों में ही करीब 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. एक समय था कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में योगी आदित्यनाथ के विरोध में करीब सौ से अधिक विधायकों ने बिगुल बजा दिया था. पर वह भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता का चरम काल था. कोई भी खुलकर पार्टी के खिलाफ या किसी नेता के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं होता था.पर आज परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं. पार्टी का अंतर्कलह चरम पर है. विशेषकर योगी विरोध खुलकर दिख रहा है.

चुनावों में मिली हार के बाद हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम ने बाहर रहकर ये संकेत दे दिया था वेयोगी सरकार से किसी न किसी तरह से खुश नहीं हैं.उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बादपिछले हफ्ते कम से कम आधा दर्जन जिलों से ऐसी खबरें आईं हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनकी सुनवाई नहीं होती है उल्टे उन्हें परेशान किया जाता है.यह सीधे सीधे एक तरह से योगी को चैलेंज था. क्योंकि योगी सरकार पर आरोप रहा है कि सरकार पर नौकरशाही हॉवी है. लखनऊ के हजरतगंज में प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने तो पुलिस की चेकिंग से परेशान होकर अपनी गाड़ी से बीजेपी का झंडा और प्रवक्ता लिखा बोर्ड ही हटा दिया था. कानपुर में एक बीजेपी नेता पार मामला दर्ज होने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पुलिस की चेकिंग पर ही सवाल खड़ा कर दिया. जबकि वो जानते थे कि सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर ये चेकिंग हो रही है.संभव है किऐसी बयानबाजी अब देखने को न मिले.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Punjab Accident: पंजाब में सड़क हादसा, कार और बाइक की जोरदार टक्‍कर; पिता और तीन साल के मासूम की दर्दनाक मौत

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, आनंदपुर साहिब (रूपनगर)। पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में हुए सड़क हादसे में बिलासपुर के गृहरक्षक और उनके साढ़े तीन साल के बेटे की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी घायल हुई है। श्री आनंदपुर साहिब-माता श्री नयना देवी मार्ग

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now