अग्निवीर पर राहुल और राजनाथ की लड़ाई राजनीतिक नहीं, ये संसद में सच और झूठ का गंभीर मामला है

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अग्निवीर का मुद्दा दिन पर दिन गंभीर रूप लेता जा रहा है. चुनावों की बात और होती है, लेकिन अग्निवीर को लेकर जिस तरह की बातें संसद में हुई हैं, वे फिक्र बढ़ाने वाली हैं - और इस मामले में सेना की भी एंट्री होने से बात और भी सीरियस हो जाती है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान संसद में अग्निवीर पर हुई बहस को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ला दिया है. राहुल गांधी संसद में दिये गये राजनाथ सिंह के बयान को लेकर उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि सरकार के लिए अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है. लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ता में आने पर अग्निवीर योजना खत्म करने का वादा करने वाले राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा था कि सरकार अग्निवीरों को न पेंशन देती है, न मुआवजा और न ही शहीद का दर्जा.

राहुल गांधी के दावे को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब के अग्निवीर अजय सिंहके परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक मदद दिये जाने की बात कही थी, राहुल गांधी उसके लिए राजनाथ सिंह पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं - और दोनो पक्षों की राजनीति में अब सेना की भी एंट्री हो चुकी है.

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अग्निवीर के परिवार को आर्थिक मदद पर सेना का बयान

ADGPI हैंडलके जरिये सोशल साइट X पर सेना की तरफ से कहा गया है, भारतीय सेना अग्निवीर अजय सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है... उन्हें अंतिम विदाई पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई थी... अग्निवीर अजय सिंह के परिवारवालों को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार, एडीजी पीआई बताते हैं, करीब 67 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और अन्य लाभ पुलिस सत्यापन के बाद भुगतान किए जाएंगे... कुल राशि करीब 1.65 करोड़ रुपये होगी.

राहुल गांधी का वीडियो और अग्निवीर परिवार का दावा

बताते हैं कि चुनाव कैंपेन के दौरान राहुल गांधी 29 मई को अग्निवीर अजय सिंह के परिवारवालों से मिले थे, और उनका हालचाल पूछा था - और उसी बात को आगे बढ़ाते हुए संसद में अग्निवीर अजय सिंह के परिवार की बात उठाई थी.

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संसद में किस्सा सुनाते हुए राहुल गांधी ने कहा था, 'कुछ दिन पहले मैं पंजाब के एक छोटे से घर में अग्निवीर के परिवार से मिला था... अग्निवीर जवान बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गया था... मैं उस जवान को शहीद कह रहा हूं, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं कहती.'

अग्निवीरों को यूज एंड थ्रो मजदूर करार देते हुए राहुल कहते हैं, नरेंद्र मोदी उन्हें शहीद नहीं कहते, अग्निवीर कहते हैं... पेंशन नहीं मिलेगी... मुआवजा नहीं मिलेगा... उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा.

राहुल गांधी के दावे को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गलत बयानबाजी कर सदन को गुमराह कर रहे हैं. राजनाथ सिंह का कहना था कि युद्ध के दौरान और सीमा की रक्षा के दौरान जब भी कोई अग्निवीर जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाती है. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा में राहुल गांधी के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा था, ऐसा करके भ्रम फैलाया जा रहा है.

उसी बहस को आगे बढ़ाने के लिए राहुल गांधी ने एक वीडियो बनाया है जिसमें अग्निवीर अजय सिंह के परिवार से उनकी मुलाकात को देखा जा सकता है. वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है, 'सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है! लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला... उनके झूठ पर शहीद अग्निवीर अजय सिंह के पिता जी ने खुद सच्चाई बताई है... रक्षा मंत्री को संसद, देश, सेना और शहीद अग्निवीर अजय सिंह जी के परिवार से माफी मांगनी चाहिए.'

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राहुल गांधी की ही तरह अजय सिंह के परिवार के लोग मीडिया से भी अपनी कहानी शेयर कर रहे हैं. ऐसी ही एक बातचीत में अजय सिंह के पिता चरणजीत सिंह ने बताया है कि उनके परिवार को पंजाब सरकार से एक करोड़ रुपये मिले हैं. ये वो रकम है जो पंजाब सरकार अपने यहां के सैनिकों की शहादत पर उनके परिवार के लोगों को देती है.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली मदद के बारे में चरणजीत सिंह का कहना है कि सेना से पिछले दिनों उनको पैसे तो मिले हैं, लेकिन उतने नहीं जितना कि दावा किया जा रहा है. वैसे केंद्र सरकार से नाराजगी जताते हुए वो ये भी कहते हैं कि न तो कोई शोक पत्र मिला, न ही कोई सांत्वना कि उनका बेटा सीमा की रक्षा के लिए गया है.

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स्वर्णिम भारत न्यूज़ से बातचीत में अग्निवीर योजना को रद्द किये जाने की मांग करते हुए परिवार के लोग कहते हैं, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में जो दावा किया है, वो सच नहीं है... कुछ दिन पहले ही हमें 48 लाख रुपये मिले हैं.'

सच सामने आना ही नहीं, सच का सामना कराना भी जरूरी है

अग्निवीर अजय सिंह के परिवार को मिली आर्थिक मदद को लेकर चारों तरफ से दावे किये जा रहे हैं - और इसीलिए ये मामला कुछ ज्यादा ही उलझता जा रहा है.

एक पक्ष राहुल गांधी का है, जिन्होंने ये मामला संसद में उठाया, दूसरा पक्ष राजनाथ सिंह का है, जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष के दावों को मौके पर ही खारिज कर दिया, और एक करोड़ की आर्थिक मदद दिये जाने का दावा किया, तीसरा पक्ष सेना की तरफ से आया बयान है, जिसमें रक्षा मंत्री के दावों की पुष्टि की गई है - और चौथा पक्ष अजय सिंह का परिवार है जो सत्ता पक्ष के दावों को खारिज कर रहा है, यानी राहुल गांधी के दावों की पुष्टि कर रहा है.

अब तो बस एक ही चीज बाकी है, सबूत. अगर पैसे का भुगतान हुआ है, फिर न तो परिवार छिपा सकता है, न ही सरकार की तरफ से झूठे दावे किये जा सकते हैं. परिवार और सेना को थोड़ा अलग रख कर देखें तो विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों एक दूसरे को माफी मांगने को कह रहा है.

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राजनीति अपनी जगह है, लेकिन संसद में झूठ को जगह नहीं बनाने देना चाहिये. सच हर हाल में सामने आना चाहिये, और जो भी झूठ बोल रहा है, चाहे वो कोई भी हो - सच से उसका सामना जरूर कराया जाना चाहिये. और हर किसी को इस मामले में सोशल मीडिया पर सत्यमेव जयते लिखने की इजाजत भी नहीं दी जानी चाहिये.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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