करीब 8 महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठनों ने एक बार फिर दिल्ली कूच की कोशिश की, तो इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त तनातनी दिखी. पंजाब से दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोका गया तो किसान और हरियाणा पुलिस में भिड़ंत हो गई. किसानों ने सुरक्षा का घेरा तोड़ दिया. बैरिकेडिंग तोड़कर टीन की छत पर चढ़ गए. ऐसे में किसानों को पीछे हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस को गोले दागे. जिसके बाद शंभू बॉर्डर पर जबदस्त हंगामा हुआ और पुलिस ने एक किसान को हिरासत में ले लिया. किसान संगठनों के दिल्ली कूच के दौरान पुलिस से हुई झड़प के बाद शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है. अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.
दिल्ली मार्च शुरू होने के करीब साढ़े तीन घंटे बाद किसान शंभू बॉर्डर से पीछे हट गए. किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि पुलिस से झड़प में कई किसान घायल हुए हैं, जिसमें 2 गंभीर घायल हैं, उन्होंने किसानों पर पुलिस के बल प्रयोग को लेकर सरकार पर हमला बोला. साथ ही रविवार को फिर से किसान मार्च निकालने की बात कही.
क्या बोले किसान नेता पंढेर?
सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि हम नहीं चाहते कि स्कूल बंद हों, इंटरनेट बंद हो, केंद्र सरकार बातचीत करे. हम तैयार हैं, बातचीत में केंद्र के कृषि मंत्री हों, सरकार को कल का समय दिया है. परसों जत्था रवाना करेंगे. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पुलिस के साथ टकराव में 8 लोग घायल हुए हैं और दो गंभीर रूप से घायल हैं. भारत सरकार ने हमें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, हम निहत्थे थे. हमने अनुशासन के साथ 101 लोगों का अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा. हमें पता था कि हम बैरिकेडिंग और व्यवस्थाओं को पार नहीं कर पाएंगे, लेकिन हमने अपना मार्च शुरू किया. किसान ने कहा कि मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?
कृषि मंत्री ने सरकार को किसानों का हितैषी बताया
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सियासत भी तेज है, इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में सरकार को किसानों का हितैषी बताया.राज्यसभा में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। यह मोदी सरकार है और मोदी की गारंटी को पूरा करने की गारंटी है.
किसानों के दिल्ली कूच के बीचकांग्रेस ने सरकार को घेरा
किसानों के विरोध और दिल्ली कूच के बीच कृषि मंत्री MSP पर फसलों की खरीद का भरोसा दिला रहे हैं. दूसरी ओर विपक्षी दलों के हमले भी तेज हो रहे हैं. विपक्ष दलों का सवाल है कि अगर किसान मोदी सरकार की प्राथमिकता हैं, तो फिर वो सड़कों पर क्यों हैं?किसानों की मांग और दिल्ली कूच के दौरान हुई झड़प को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा, राहुल गांधी से सोशल मीडिया पर लिखा कि अन्नदाताओं की तकलीफ़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं. मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है. हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं. MSP की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का डेढ़ गुना MSP, क़र्ज़ माफ़ी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए. जब अन्नदाता खुशहाल होंगे तभी देश खुशहाल होगा.
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