महाराष्ट्र में महायुति फिर सरकार बनाने जा रही है. चेहरे वही होंगे. लेकिन इस बार सत्ता के समीकरण बदल गए हैं और ये बदलाव मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखने को मिलेगा. महायुति 2.0 में देवेंद्र फडणवीस (54 साल) सीएम होंगे और एकनाथ शिंदे, अजित पवार डिप्टी सीएम की भूमिका में दिखाई देंगे. हालांकि, अभी तक शिंदे ने अपनी भूमिका को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं. इससे पहले फडणवीस ने कहा, हमें उम्मीद है किशिंदे नई सरकार का हिस्सा बनेंगे.
देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि हम तीनों मिलकर सरकार चलाएंगे. पद सिर्फ टेक्निकल है. बाकी कुछ नहीं बदलने वाला है. यानी इस बार सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ही बदलाव होगा. बाकी वही पुराने चेहरे सरकार का हिस्सा रहेंगे. महायुति 1.0 में एकनाथ शिंदे सीएम रहे और फडणवीस और अजित पवार उनके डिप्टी के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
फडणवीस के नाम पर लगी मुहर
बुधवार सुबह बीजेपी विधायक दल की बैठक में सीएम चेहरे के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगी. उसके बाद महायुति नेताओं की बैठक हुई और फडणवीस के नाम समर्थन पत्र तैयार किया गया. शिंदे, पवार और फडणवीस राजभवन पहुंचे और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने सरकार बनाने का दावा किया. उसके बाद तीनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. एकनाथ शिंदे ने कहा, 2022 में इसी जगह फडणवीस ने मेरे नाम (सीएम पद के लिए) का प्रस्ताव रखा था और आज मैं भी इसी जगह फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रख रहा हूं.
'हम तीनों मिलकर सरकार चलाएंगे'
फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री का पद एक तकनीकी व्यवस्था है. हम तीनों मिलकर सरकार चलाएंगे. तीनों गुरुवार शाम को शपथ लेंगे. फडणवीस तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं. वे 2014 में पहली बार सीएम बने थे. 5 साल सरकार चलाई और 2019 में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं. लेकिन पार्टी सरकार नहीं बना पाई. ढाई साल बाद बीजेपी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनाई और फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए.
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'आज शाम 5.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह'
मुंबई के आजाद मैदान में आज महायुति सरकार का शपथ ग्रहण होने जा रहा है. ये कार्यक्रम शाम 5.30 बजे होगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेता उपस्थित रहेंगे.
कैसे बदल गया सत्ता का समीकरण?
महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटें जीतना जरूरी है. इस चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 132 सीटें जीतीं. दूसरे नंबर पर 57 सीटों के साथ शिवसेना आई. तीसरे नंबर पर 41 सीटें जीतकर अजित पवार की एनसीपी रही. JSS को 2 और RSJP को एक सीट पर जीत मिली. बीजेपी ने इस बार चुनाव में 149 उम्मीदवार उतारे थे. जबकि शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 प्रत्याशियों को टिकट दिया था.
बीजेपी के लिए सीएम पद क्यों जरूरी?
बीजेपी की जीत का स्ट्राइक रेट 89 फीसदी रहा. पार्टी ने पिछले चुनावों की तुलना में सबसे ज्यादा सफलता हासिल की है. यानी मजबूत जनादेश ने बीजेपी के दावे को भी मजबूत कर दिया. 2019 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बीजेपी कैडर का मनोबल गिर गया था. हाल ही में लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर देखा गया. पार्टी को अपने वर्कर्स का मनोबल बढ़ाने की जरूरत समझ में आ रही है. ऐसे में बीजेपी के लिए सीएम पद हासिल करना महत्वपूर्ण हो गया था.
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सीएम के लिए फडणवीस ही क्यों...
इस बार चुनाव में बड़ी संख्या में मराठा विधायक जीते हैं. बीजेपी को ओबीसी समुदाय से भी जबरदस्त समर्थन मिला है. चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र में मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण की लड़ाई भी गहराते देखी गई, लेकिन सरकार ने सभी वर्गों को साधा और मजबूत सोशल इंजीनियरिंग के जरिए महाराष्ट्र की सत्ता पर अपना दबदबा बनाए रखा. चूंकि, फडणवीस ब्राह्मण समाज से आते हैं. जबकि शिंदे मराठा चेहरा हैं. महाराष्ट्र में फडणवीस अनुभवी नेता माने जाते हैं. वे 6 बार के विधायक हैं. नागपुर के मेयर भी रह चुके हैं. नेता विपक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं. महायुति में फडणवीस ने सर्वमान्य तौर के तौर पर भी पहचान बनाई है.
फडणवीस ने शिंदे को मनाया?
23 नवंबर को नतीजे के बाद सबसे पहले एनसीपी ने फडणवीस के नाम पर समर्थन देने का संकेत दे दिया था, जिसके बाद शिंदे का दावा कमजोर पड़ गया. दिल्ली में बीजेपी हाईकमान के साथ महायुति नेताओं की बैठक हुई. उसके बाद एक बैठक मुंबई में भी होनी थी, लेकिन शिंदे का अचानक कार्यक्रम बदला और वो अपने गांव चले गए. दो दिन बाद ठाणे लौटे तो अस्वस्थ होने की वजह से रुटीन चेकअप कराया और मंगलवार को मुंबई लौटे. सबसे पहले फडणवीस ने शिंदे से मुलाकात की और पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर लंबी बातचीत की. उसके बाद बुधवार को एक बार फिर महायुति के नेता टेबल पर एक साथ बैठे और सहमति बनाने के प्रयासों को अंतिम रूप दिया.
'पूरा विश्वास है, वो साथ रहेंगे'
बुधवार शाम को महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और समर्थन पत्र दिया. शाम को राज्यपाल ने फडणवीस को नई सरकार का नेतृत्व करने का निमंत्रण दिया. बाद में फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत की और बताया कि हमने शिंदे से नई सरकार में शामिल होने का आग्रह किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक के बारे में भी जिक्र किया और कहा, शिवसेना और महायुति की दोनों पार्टियां चाहती हैं कि नई सरकार में शिंदे भी शामिल हों. उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि वो हमारे साथ रहेंगे.
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फडणवीस ने कहा, मैंने मंगलवार को एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी और उनसे कहा कि यह शिवसेना और महायुति दोनों सदस्यों की इच्छा है कि वे इस सरकार में हमारे साथ रहें. मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारे साथ रहेंगे. बुधवार को राजभवन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने शिंदे से पूछा कि क्या वो और अजीत पवार आजाद मैदान में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेंगे? इस पर शिंदे ने जवाब दिया, शाम तक इंतजार करिए. शपथ समारोह गुरुवार को है.
इस बीच, अजित पवार ने चुटकी ली और कहा, इनका शाम तक पता चलेगा. लेकिन मैं शपथ लेने जा रहा हूं.
शिंदे ने कहा, मुझे खुशी है कि करीब ढाई साल पहले इसी जगह पर फडणवीस ने मेरे नाम की सिफारिश की थी कि मुझे सीएम बनना चाहिए. अब हमने फडणवीस को सीएम बनाने के लिए शिवसेना की ओर से सिफारिश पत्र दिया है. यह सरकार स्वस्थ माहौल में बन रही है. मैं देवेंद्र जी को बधाई देता हूं और उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.
'क्या हैं शपथ ग्रहण की तैयारियां'
बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में करीब 42,000 लोग उपस्थित रहेंगे. तैयारियां पूरी हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 9 से 10 केंद्रीय मंत्री और 19 मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समारोह में शामिल होंगे. 40,000 पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग समेत 2,000 वीवीआईपी के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की गई है.
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शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए 4,000 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 3,500 पुलिसकर्मी और 520 अधिकारी तैनात किए गए हैं. राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की एक प्लाटून, और त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण टीम, डेल्टा, लड़ाकू टीमें और बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड को भी तैनात किया गया है. आजाद मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित यातायात विंग के 280 कर्मियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की ड्यूटी सौंपी गई है.
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