प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तीन देशों के दौरे के आखिरी पड़ाव के तहत गुयाना में है. उन्होंने यहां दूसरे भारत-कैरिबियाई देशों के समिट में शिरकत की.
इस समिट को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत और कैरिबियाई देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए सात स्तंभों का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि भारत दरअसल कैरिबियाई देशों के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं.
बता दें कि पीएम मोदी बुधवार को गुयाना पहुंचे थे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का गुयाना का 56 साल में पहला दौरा था.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि CARICOM के मौजूदा अध्यक्ष ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री डिकन मिशेल और
पीएम मोदी की सह अध्यक्षता में दूसरे भारत-CARICOM समिट का आयोजन हुआ. इस समिट में नेताओं ने आर्थिक सहयोग, कृषि, खाद्य सुरक्षा, हेल्थ, फार्मास्युटिकल्स और साइंस जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
समिट के दौरान पीएम मोदी ने भारत और CARICOM के संबंधों को मजबूत करने के लिए सात स्तंभों का प्रस्ताव रखा. ये सात स्तंभ C-A-R-I-C-O-M पर आधारित हैं. ये सात स्तंभ C- क्षमता निर्माण, A- कृषि और खाद्य सुरक्षा, R- रिन्यूएबल एनर्जी एंड क्लाइट चेंज, I- इनोवेशन, टेक्नोलॉजी एवं व्यापार, C- क्रिकेट और संस्कृति, O- ओशन इकोनॉमी और M- मेडिसिन एंड हेल्थकेयर है.
पीएम मोदी ने कहा किपिछली बैठक में हमने कई नई और सकारात्मक पहल की थीऔर मुझे खुशी है कि उन सभी पर काम हो रहा है. मैं भविष्य में हमारे सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए कुछ प्रस्ताव रखना चाहता हूं, जो सात मुख्य स्तंभों C, A, R, I, C, O, Mपर आधारित हैं.
2019 में हुई थीCARICOM देशों की आखिरी बैठक
कैरिकॉम के राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्री मोदी की आखिरी मुलाकात 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र के इतर हुई थी, जहां उन्होंने भारत से 15 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में सहयोग के तौर-तरीकों पर चर्चा की थी.
बता दें कि एम मोदी का यह तीन देशों के दौरे का आखिरी पड़ाव है. वह 56 सालोंमें गुयाना जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं. वहगुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के निमंत्रण पर वहां पहुंचे थे.
गुयाना की लगभग 40 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है. उनके राष्ट्रपति इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं. उनके पूर्वज19वीं सदी की शुरुआत में गिरमिटिया मजदूरके तौर पर गुयाना पहुंचे थे. बता दें कि1917 तकगुयाना में लगभग 2.4 लाख गिरमिटिया मजदूर पहुंचे थे. आज गुयाना मेंभारतीय समुदाय की संख्या लगभग 40 फीसदी आबादी है. ये लोग गिरमिटिया मजदूरों के वंशज हैं, जिन्होंने गुयाना में अपनी जड़ें जमाईं और आज गुयाना के राष्ट्रपति पद पर भारतीय मूल का शख्स है. मालूम हो कि1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गुयाना पहुंची थीं.
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