बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर उनके घर में हुए जानलेवा हमले की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है. इस मामले में पुलिस ने रविवार को बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर को गिरफ्तार किया, जो अपना नाम विजय दास रखकर अवैध रूप से मुंबई में रह रहा था. मंगलवार को पुलिस उसे लेकर बांद्रा स्थित सैफ के सतगुरु शरण अपार्टमेंट पहुंची. वहां क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया.
1. सैफ अली खान के फ्लैट से क्या सबूत-सुराग मिला?
इस दौरान पुलिस को सैफ अली खान के छोटे बेटे जेह के कमरे से आरोपी शहजाद की टोपी मिली है. इस टोपी में आरोपी के बाल भी मिले हैं, जिसकी डीएनए जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है. फोरेंसिक टीम ने भी बिल्डिंग का दौरा किया. इस दौरान घटनास्थल पर आरोपी के फिंगरप्रिंट पाए गए हैं. इसमें बाथरूम की खिड़की, जहां से वो अंदर और बाहर गया था. डक्ट शाफ्ट और डक्ट से अंदर जाने के लिए इस्तेमाल की गई सीढ़ी शामिल है.
2. आरोपी शहजाद ने सैफ अली को चाकू क्यों मारा?
आरोपी शहजाद ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि उसने सैफ अली खान की मजबूत पकड़ से खुद को छुड़ाने के लिए उनकी पीठ पर कई बार चाकू से वार किया. हमले के बाद वो उनके फ्लैट से भाग गया. इसके बाद इमारत के बगीचे में करीब दो घंटे तक छिपा रहा. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "आरोपी चोरी के इरादे से बाथरूम की खिड़की से सतगुरु शरण इमारत में सैफ के फ्लैट में घुसा. घर में घुसने के बाद कर्मचारियों ने उसे देखा.''
3. सैफ की पकड़ से छूटने में कैसे हुआ कामयाब?
वो घर में मौजूद कर्मचारियों से बहस करने लगा. इसके बाद आवाज सुनकर सैफ अली खान 12वीं मंजिल से नीचे आ गए. खतरा महसूस करते हुए उन्होंने आरोपी को सामने से कसकर पकड़ लिया. आरोपी को हिलने का मौका नहीं मिला, इसलिए उसने खुद को उनकी पकड़ से छुड़ाने के लिए उनकी पीठ पर चाकू से वार करना शुरू कर दिया. हमले में सैफ बुरी तरह घायल हो गए. यही वजह है कि आरोपी उनकी पकड़ से छूटने में कामयाब रहा.
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4. बांग्लादेश से मुंबई कैसे पहुंचा आरोपी शहजाद?
सैफ अली खान ने यह मानकर अपने फ्लैट का दरवाजा बंद कर दिया कि हमलावर अभी भी अंदर है. लेकिन वो उसी रास्ते से भागने में कामयाब रहा, जिससे वो अंदर घुसा था. इसके बाद आरोपी नीचे आया और बिल्डिंग के बगीचे में करीब दो घंटे तक छिपा रहा. बांग्लादेश के झालोकाथी जिले का मूल निवासी फकीर पांच महीने से अधिक समय से मुंबई में रह रहा था. वह छोटे-मोटे काम करता था. एक हाउसकीपिंग एजेंसी से जुड़ा हुआ था.
5. बांग्लादेशी घुसपैठिए को कैसे मिला सिमकार्ड?
पुलिस के अनुसार, फकीर ने अपना नाम बदलकर विजय दास रख लिया था. सात महीने पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के लिए दावकी नदी पार कर गया था. पश्चिम बंगाल में कुछ सप्ताह तक रहने के बाद नौकरी की तलाश में मुंबई आ गया. इससे पहले एक स्थानीय व्यक्ति के आधार कार्ड का इस्तेमाल करके सिम हासिल कर लिया. उसके द्वारा इस्तेमाल सिम कार्ड पश्चिम बंगाल के खुकुमोनी जहांगीर सेखा के नाम पर पंजीकृत है.
6. बिना दस्तावेज के मुंबई में कैसे मिला काम?
आरोपी फकीर उर्फ शहजाद ने अपने लिए आधार कार्ड बनवाने की भी कोशिश की, लेकिन असफल रहा. मुंबई में उसने ऐसी जगहों पर काम करना चुना, जहां उसे दस्तावेज देने की जरूरत नहीं थी. एक लेबर कॉन्ट्रैक्टर अमित पांडे ने उसे वर्ली और ठाणे के पब और होटलों में हाउसकीपिंग का काम दिलाने में मदद की थी. उसके सेलफोन की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि उसने बांग्लादेश में अपने परिवार को कई कॉल किए थे.
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