भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को अमेरिका से एक बड़ा झटका लगा है. उनकी कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. ये पूरा मामला अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और एन्य अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है. इस खबर के आते ही गुरुवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया और Gautam Adani की सभी कंपनियों के शेयर क्रैश हो गए. इस बीच अडानी ग्रुप की ओर से एक बयान जारी कर बड़ी बात कही गई है.
अमेरिका में अडानी पर लगे ये आरोप
सबसे पहले बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें दावा किया गया है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई. Gautam Adani पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगाया गया है.
इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए. हिंडनबर्ग के असर से उबर चुके गौतम अडानी के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
सभी शेयर देखते ही देखते धराशायी
इस खबर के आते ही अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भूचाल आ गया और ये बुरी तरह टूट गए. सबसे ज्यादा गिरावट Adani Green Energy और Adani Energy Solutions के शेयरों में आई, जो 20 फीसदी तक फिसल गए. इसके अलावा Adani Power(13.75%), Adani Ports (10.00%), Adani Wilmar (9.51%), Adani Enterprises (10%), Adani Total Gas 14.70%, ACC Ltd 14.35%, Ambuja Cements 10.00% और NDTV Share 12.29% तक फिसल
अडानी ग्रीन ने बयान जारी कर कही ये बात
इस पूरे मामले पर अब अडानी ग्रुप का बयान भी आ गया है. इसमें कहा गया है कि अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अभियोग जारी किया है.US स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इसमें शामिल किया है. इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित USD नामित बॉन्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिका से लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
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